Top 50+ Shayari On Hair ( ज़ुल्फ़ शायरी स्टेटस कोट्स)

Shayari On Hair – हर व्यक्ति के जीवन में बाल का बड़ा ही महत्व हैं. बाल सिर के बाल चेहरे की सुन्दरता को बढ़ाते हैं. स्त्रियों के सिर के सुंदर बाल हमेशा काव्य का एक हिस्सा रहा हैं। तो आज हम शायरी का संग्रह लेकर आये है उन लोगो के लिए जिनको आपके प्रेमिका के ज़ुल्फ़े अच्छी लगती है। 

तुम्हारी जुल्फें जब मेरे चेहरे पर आई, ऐसा लगा कि आसमान में घटा छाई. उनकी जुल्फों में खोने का मन (#shayari_on_hair) हर आशिक का दिल करता है क्या आपने भी ऐसा, प्यार होने के बाद महसूस किया हैं तो ये बहुत आम बात हैं जो हर प्यार करने वाला महसूस करता हैं औरत के खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए उतना ही कम है. 

बिना बालों के सुन्दरता की कल्पना करना बेईमानी है. ख़ूबसूरती को ये जुल्फ़ें कुछ और ही बढ़ा देती है। इसलिए आज मैं ज़ुल्फ़ शायरी hair shayari लाया हु जो बहुत से लम्हों के बारे में बताते है जो आपने शायद महसूस भी किया होगा। अगर आपको ये शायरी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे। 

Shayari On Hair

ये कह कर सितमगर ने ज़ुल्फ़ों को झटका,
बहुत दिन से दुनिया परेशाँ नहीं है।
Zulfon Ki Tareef Shayari
Shayari On Hair

जिन #बालों में कोई ‘हाथ’ नहीं फेरता वो खिसिया कर #सफेद हो जाते हैं –

जिस_दिन वो अपने बाल #खोलकर आती हैं,
ना जाने कितने दिलों को कैद करके ले जाती हैं.
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Shayari On Hair

कम से कम अपने बाल तो #बाँध लिया करो, कमबख्त_बेवजह मौसम, बदल दिया करते हैं…

Shayari On Hair
बिजलियों ने सीख ली उनके तबस्सुम की अदा,
रंग ज़ुल्फ़ों की चुरा लाई घटा बरसात की।
Shayari On Zulfein
किसी #ज़ुल्फ़ के साये में हमें “नींद” आती थी
अब मयस्सर किसी ‘दीवार’ का साया भी नहीं
Shayari On Hair
सब को वो #अच्छे लगते हैं
जो दिल में #दिमाग रखते हैं
हमने तो तुम्हें बसा रखा है
फिर क्यों “दुनिया” हमे प्यार का पाठ पढ़ाती है।
Shayari On Hair
तेरी #आँखों की ‘नमकीन’ मस्तियां तेरी हंसी की #बेपरवाह गुस्तखीयां
तेरी #जुल्फों की लहराती “अंगडाईयां” नहीं भुलूंगा मैं जब तक है #जान…जब तक है जान।
Shayari On Hair
तुझे देखेंगे सितारे तो ज़िया मांगेंगे
प्यासे तेरी जुल्फों से घटा मांगेंगे,,
अपनी जुल्फों को सितारों के हवाले कर दो,
शहर-इ-गुल बड़ा-गुसारों के हवाले कर दो.
तल्खी-इ-होश हो या मस्ती-इ-इदराक-इ-जूनून,
आज हर चीज़ बहारों के हवाले कर दो.
रुख भी दिखलाओ मुझे ज़ुल्फ़-इ-सियाह-फाम के बाद
क़ायदा है की सेहर होती है हर शाम के बाद
तुम्हारा प्यार मेरे गेसुओं की उलझन हो
तुम्हारे वास्ते दिल का चिराग रौशन हो
सहर नज़र से मिले ज़ुल्फ़ लेके शाम आये
Shayari On Hair In Hindi
जुल्फों का सहारा लेकर जो तुम
अपनी मुस्कुराहट छिपा लेती हो,
सच कहना क्या तुम भी मुझसे
मोहब्बत बेपनाह करती हो.
Shayari On Hair In Hindi
Shayari On Hair In Hindi
उलझा है पाँव यार का ज़ुल्फ़-ए-दराज़ में,
लो आप अपने जाल में सय्याद आ गया।
देखने का #जुनून और भी गहरा होता हैं,
जब तुम्हारे “चेहरे” पर बालों का #पहरा होता हैं.
खुदखुशी करने से मुझे कोई #परहेज नही है,
 बस #शत॔ इतनी है कि फंदा तेरी #जुल्फों का हो…
यूँ #मिलकर सनम तुमसे #रोने को जी चाहता है,
तेरी “जुल्फों” के साए में “सोने” को जी चाहता है…
लहराती #ज़ुल्फें कजरारे नयन और ये “रसीले” होंठ,
बस कत्ल बाकी है #औज़ार तो सब पूरे हैं,,,
Shayari On Hair In Hindi

खुले बालों को समेट आपका यूँ जुड़ा बनाना, इसे मत ज़ुल्फ़ सँवारना कहिए! #लाल लबों के तले #लाल बैंड लिए मुस्कुराना, इसे अपनी “अदाओं” से मुझे जिंदा मारना कहिए!

तेरी “ज़ुल्फ़” क्या संवारी, मेरी #किस्मत निखर गयी,
 उलझने तमाम मेरी, दो लट में #संवर गयी….
आप की ज़ुल्फ़ों का साया है,
लोग जिसको बहार कहते हैं।
जुल्फे खोली हैं उन्होंने आज,
और सारा शहर बादलो को दुआ दे रहा हैं…..
तेरी #जुल्फों की ‘छाँव’ के भी तजुर्बे अजब रहे,
जब-जब किया साया, #झुलसता ही रहा हूँ…
Shayari On Zulfein
#किस ने #भीगे हुए बालों से ये #झटका पानी
झूम के आई “घटा” टूट के बरसा पानी
बालों को जो यूँ घुमा के पिन लगाती हो,
उसमें मेरा दिल कहीं खो जाता हैं.
#छेड़ आती हैं कभी “होंठो” को कभी रुक्सारों को,
तुमने “जुल्फों” को अपनी बहुत सर #चड़ा रखा है।
उसके रुख़्सार पर कहाँ है ज़ुल्फ़,
शोला-ए-हुस्न का धुआँ है ज़ुल्फ़।
इधर गेसू उधर रु-ए-मुनव्वर है तसव्वुर में,
कहाँ ये शाम आएगी कहाँ  ऐसी सहर होगी।
दिल उसकी तार_ए_ज़ुल्फ़ में उलझ गया,
सुलझेगा किस तरह से ये #बिस्तार है ग़ज़ब।
जुल्फ़ #बिखराकर, उफ़ तिरछी #नजर का कहर,
मार डाले कई “आशिक” यूँ ही बिना दिए जहर.

Zulfon Ki Tareef Shayari

Shayari On Zulfein
Shayari On Zulfein
आह को चाहिये इक “उम्र” असर होते तक
#कौन जीता है तेरी “जुल्फ के सर होते तक
बड़ा ही अजब अपना हाल बनाया है तुमने
अपनी खूबसूरती का ढाल बनाया है तुमने
क्या खूब तरीका है मुझे फसाने का
अपने बालो का ही जाल बनाया है तुमने
ये उड़ती ज़ुल्फें, ये बिखरी मुस्कान,
एक #अदा से #संभलूँ, तो दूसरी #होश उड़ा देती है….
रुख भी दिखलाओ मुझे ज़ुल्फ़-इ-सियाह-फाम के बाद
क़ायदा है की सेहर होती है हर शाम के बाद
तेरी “जुल्फों” की ज़ंजीर मिल जाती तो अच्छा था,
 तेरे लबों की वो #लकीर मिल जाती तो अच्छा था…
Shayari On Zulfein

महक रही हैं हवायें उसके गली की लगता है आज वो बाल बिखेर कर कॉलेज गयी है ।

मत लहराया करो अपने बालो को इतना
हर पल हमें सिर्फ
इनसे खेलने की इच्छा होती हैं
मिलकर आपसे प्यार करने को दिल चाहता है
आपकी जुल्फों के जाल में खोने को दिल चाहता है
मेरे होठ जब तेरे होठों के पास आते है,
कमबख्त ये जुल्फ़ दीवार बन जाते हैं.
ये #रात की तन्हाई और #ज़िक्र तेरी जुल्फों का ..
क्या खूब जैसे #रात भी क़ैद थी तेरी “जुल्फों” के तले
Hair Shayari
मेरा #बस चले तो आपकी “जुल्फों” के साए में
जिंदगी कुर्बान कर दूंगा
सफ़र ज़िन्दगी भर का
कुछ ही पालो में तमाम कर लूँगा
नागिन जैसे तुम्हारी जुल्फे जब लहराती है,
ना जाने कितने दिलों पर कहर बरसाती है.
ये रात की #तन्हाई और #ज़िक्र तेरी ‘जुल्फों’ का,
क्या खूब रात भी क़ैद थी तेरी जुल्फों के तले।
कल मिला जो वक्त तो जुल्फें तेरी सुलझाऊंगा,
आज #उलझा हूँ जरा मैं वक्त के #सुलझाने में….
अंदाज़ अपना देखते हैं आईने में वो,
जुल्फें संवार कर कभी जुल्फें बिगाड़ कर।

पुछा जो इन से #चाँद निकलता है किस तरह, “जुल्फों” को रुख पे #दाल के झटके दिए केह यूँ…

Hair Shayari
Hair Shayari

हमसे अपने पैर की पायल उतारी ना गई; सब हुआ हमसे मगर ज़ुल्फें सँवारी ना गई।

जो गुजरे “इश्क” में सावन सुहाने #याद आते हैं,
तेरी #जुल्फों के मुझको ‘शामियाने’ याद आते हैं।
#ज़ुल्फ़ घटा बन कर रह जाए “आँख” कँवल हो जाए शायद
उन को पल #भर सोचे और ‘ग़ज़ल’ हो जाए 
तेरी ‘जुल्फों’ की तरह “बिखर जाने को जी करता हैं,
अब मुझे “प्यार मे हद से ज्यादा ‘गुजर’ जाने को जी करता है
आपका भी जवाब नहीं
ज़ुल्फ़ में बरसात, होंठों को नशा,
पायल की आवाज में कशमकश
Hair Shayari
Zulfon Ki Tareef Shayari
चूम लेती हैं कभी चेहरा कभी ओठ तुम्हारे
आखिर जुल्फों को तुमने सर पर जो चढ़ा रखा हैं

ज़ुल्फ़ें मुंह पर हैं मुंह है ज़ुल्फ़ों में, रात भर सुबह शाम दिन भर है…

जुल्फ देखी है या नजरों ने घटा देखी है,
 लुट गया जिसने भी तेरी ये अदा देखी है.

ये काजल ये सूरमा ये होंठों की लाली.. ये पायल ये बिन्दी ये कानों की बाली.. वो कायल है मेरे बिखरे बालों का… मैं क्या करूं इन बाज़ारु सामानों की।

हर #खुश_अदा की #ज़ुल्फ़ में ‘अटका’ हुआ है ~
#दिल हर महजबीं के #हुस्न पे कुर्बान_आँख है
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