Shayari On Hair – हर व्यक्ति के जीवन में बाल का बड़ा ही महत्व हैं. बाल सिर के बाल चेहरे की सुन्दरता को बढ़ाते हैं. स्त्रियों के सिर के सुंदर बाल हमेशा काव्य का एक हिस्सा रहा हैं। तो आज हम शायरी का संग्रह लेकर आये है उन लोगो के लिए जिनको आपके प्रेमिका के ज़ुल्फ़े अच्छी लगती है।
तुम्हारी जुल्फें जब मेरे चेहरे पर आई, ऐसा लगा कि आसमान में घटा छाई. उनकी जुल्फों में खोने का मन (#shayari_on_hair) हर आशिक का दिल करता है क्या आपने भी ऐसा, प्यार होने के बाद महसूस किया हैं तो ये बहुत आम बात हैं जो हर प्यार करने वाला महसूस करता हैं औरत के खूबसूरती की जितनी तारीफ की जाए उतना ही कम है.
बिना बालों के सुन्दरता की कल्पना करना बेईमानी है. ख़ूबसूरती को ये जुल्फ़ें कुछ और ही बढ़ा देती है। इसलिए आज मैं ज़ुल्फ़ शायरी hair shayari लाया हु जो बहुत से लम्हों के बारे में बताते है जो आपने शायद महसूस भी किया होगा। अगर आपको ये शायरी अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
Shayari On Hair
ये कह कर सितमगर ने ज़ुल्फ़ों को झटका,बहुत दिन से दुनिया परेशाँ नहीं है।
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Shayari On Hair |
जिन #बालों में कोई ‘हाथ’ नहीं फेरता वो खिसिया कर #सफेद हो जाते हैं –
जिस_दिन वो अपने बाल #खोलकर आती हैं,ना जाने कितने दिलों को कैद करके ले जाती हैं.
कम से कम अपने बाल तो #बाँध लिया करो, कमबख्त_बेवजह मौसम, बदल दिया करते हैं…
बिजलियों ने सीख ली उनके तबस्सुम की अदा,रंग ज़ुल्फ़ों की चुरा लाई घटा बरसात की।
किसी #ज़ुल्फ़ के साये में हमें “नींद” आती थीअब मयस्सर किसी ‘दीवार’ का साया भी नहीं
सब को वो #अच्छे लगते हैंजो दिल में #दिमाग रखते हैंहमने तो तुम्हें बसा रखा हैफिर क्यों “दुनिया” हमे प्यार का पाठ पढ़ाती है।
तेरी #आँखों की ‘नमकीन’ मस्तियां तेरी हंसी की #बेपरवाह गुस्तखीयांतेरी #जुल्फों की लहराती “अंगडाईयां” नहीं भुलूंगा मैं जब तक है #जान…जब तक है जान।
तुझे देखेंगे सितारे तो ज़िया मांगेंगेप्यासे तेरी जुल्फों से घटा मांगेंगे,,
अपनी जुल्फों को सितारों के हवाले कर दो,शहर-इ-गुल बड़ा-गुसारों के हवाले कर दो.तल्खी-इ-होश हो या मस्ती-इ-इदराक-इ-जूनून,आज हर चीज़ बहारों के हवाले कर दो.
रुख भी दिखलाओ मुझे ज़ुल्फ़-इ-सियाह-फाम के बादक़ायदा है की सेहर होती है हर शाम के बाद
तुम्हारा प्यार मेरे गेसुओं की उलझन होतुम्हारे वास्ते दिल का चिराग रौशन होसहर नज़र से मिले ज़ुल्फ़ लेके शाम आये
जुल्फों का सहारा लेकर जो तुमअपनी मुस्कुराहट छिपा लेती हो,सच कहना क्या तुम भी मुझसेमोहब्बत बेपनाह करती हो.
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Shayari On Hair In Hindi |
उलझा है पाँव यार का ज़ुल्फ़-ए-दराज़ में,लो आप अपने जाल में सय्याद आ गया।
देखने का #जुनून और भी गहरा होता हैं,जब तुम्हारे “चेहरे” पर बालों का #पहरा होता हैं.
खुदखुशी करने से मुझे कोई #परहेज नही है,बस #शत॔ इतनी है कि फंदा तेरी #जुल्फों का हो…
यूँ #मिलकर सनम तुमसे #रोने को जी चाहता है,तेरी “जुल्फों” के साए में “सोने” को जी चाहता है…
लहराती #ज़ुल्फें कजरारे नयन और ये “रसीले” होंठ,बस कत्ल बाकी है #औज़ार तो सब पूरे हैं,,,
खुले बालों को समेट आपका यूँ जुड़ा बनाना, इसे मत ज़ुल्फ़ सँवारना कहिए! #लाल लबों के तले #लाल बैंड लिए मुस्कुराना, इसे अपनी “अदाओं” से मुझे जिंदा मारना कहिए!
तेरी “ज़ुल्फ़” क्या संवारी, मेरी #किस्मत निखर गयी,उलझने तमाम मेरी, दो लट में #संवर गयी….
आप की ज़ुल्फ़ों का साया है,लोग जिसको बहार कहते हैं।
जुल्फे खोली हैं उन्होंने आज,और सारा शहर बादलो को दुआ दे रहा हैं…..
तेरी #जुल्फों की ‘छाँव’ के भी तजुर्बे अजब रहे,जब-जब किया साया, #झुलसता ही रहा हूँ…
#किस ने #भीगे हुए बालों से ये #झटका पानीझूम के आई “घटा” टूट के बरसा पानी
बालों को जो यूँ घुमा के पिन लगाती हो,उसमें मेरा दिल कहीं खो जाता हैं.
#छेड़ आती हैं कभी “होंठो” को कभी रुक्सारों को,तुमने “जुल्फों” को अपनी बहुत सर #चड़ा रखा है।
उसके रुख़्सार पर कहाँ है ज़ुल्फ़,शोला-ए-हुस्न का धुआँ है ज़ुल्फ़।
इधर गेसू उधर रु-ए-मुनव्वर है तसव्वुर में,कहाँ ये शाम आएगी कहाँ ऐसी सहर होगी।
दिल उसकी तार_ए_ज़ुल्फ़ में उलझ गया,सुलझेगा किस तरह से ये #बिस्तार है ग़ज़ब।जुल्फ़ #बिखराकर, उफ़ तिरछी #नजर का कहर,मार डाले कई “आशिक” यूँ ही बिना दिए जहर.
Zulfon Ki Tareef Shayari
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Shayari On Zulfein |
आह को चाहिये इक “उम्र” असर होते तक#कौन जीता है तेरी “जुल्फ के सर होते तक
बड़ा ही अजब अपना हाल बनाया है तुमनेअपनी खूबसूरती का ढाल बनाया है तुमनेक्या खूब तरीका है मुझे फसाने काअपने बालो का ही जाल बनाया है तुमने
ये उड़ती ज़ुल्फें, ये बिखरी मुस्कान,एक #अदा से #संभलूँ, तो दूसरी #होश उड़ा देती है….
रुख भी दिखलाओ मुझे ज़ुल्फ़-इ-सियाह-फाम के बादक़ायदा है की सेहर होती है हर शाम के बाद
तेरी “जुल्फों” की ज़ंजीर मिल जाती तो अच्छा था,तेरे लबों की वो #लकीर मिल जाती तो अच्छा था…
महक रही हैं हवायें उसके गली की लगता है आज वो बाल बिखेर कर कॉलेज गयी है ।
मत लहराया करो अपने बालो को इतनाहर पल हमें सिर्फइनसे खेलने की इच्छा होती हैं
मिलकर आपसे प्यार करने को दिल चाहता हैआपकी जुल्फों के जाल में खोने को दिल चाहता है
मेरे होठ जब तेरे होठों के पास आते है,कमबख्त ये जुल्फ़ दीवार बन जाते हैं.
ये #रात की तन्हाई और #ज़िक्र तेरी जुल्फों का ..क्या खूब जैसे #रात भी क़ैद थी तेरी “जुल्फों” के तले
मेरा #बस चले तो आपकी “जुल्फों” के साए मेंजिंदगी कुर्बान कर दूंगासफ़र ज़िन्दगी भर काकुछ ही पालो में तमाम कर लूँगा
नागिन जैसे तुम्हारी जुल्फे जब लहराती है,ना जाने कितने दिलों पर कहर बरसाती है.ये रात की #तन्हाई और #ज़िक्र तेरी ‘जुल्फों’ का,क्या खूब रात भी क़ैद थी तेरी जुल्फों के तले।
कल मिला जो वक्त तो जुल्फें तेरी सुलझाऊंगा,आज #उलझा हूँ जरा मैं वक्त के #सुलझाने में….
अंदाज़ अपना देखते हैं आईने में वो,जुल्फें संवार कर कभी जुल्फें बिगाड़ कर।
पुछा जो इन से #चाँद निकलता है किस तरह, “जुल्फों” को रुख पे #दाल के झटके दिए केह यूँ…
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Hair Shayari |
हमसे अपने पैर की पायल उतारी ना गई; सब हुआ हमसे मगर ज़ुल्फें सँवारी ना गई।
जो गुजरे “इश्क” में सावन सुहाने #याद आते हैं,तेरी #जुल्फों के मुझको ‘शामियाने’ याद आते हैं।
#ज़ुल्फ़ घटा बन कर रह जाए “आँख” कँवल हो जाए शायदउन को पल #भर सोचे और ‘ग़ज़ल’ हो जाए
तेरी ‘जुल्फों’ की तरह “बिखर जाने को जी करता हैं,अब मुझे “प्यार मे हद से ज्यादा ‘गुजर’ जाने को जी करता है
आपका भी जवाब नहींज़ुल्फ़ में बरसात, होंठों को नशा,पायल की आवाज में कशमकश
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Zulfon Ki Tareef Shayari |
चूम लेती हैं कभी चेहरा कभी ओठ तुम्हारेआखिर जुल्फों को तुमने सर पर जो चढ़ा रखा हैं
ज़ुल्फ़ें मुंह पर हैं मुंह है ज़ुल्फ़ों में, रात भर सुबह शाम दिन भर है…
जुल्फ देखी है या नजरों ने घटा देखी है,लुट गया जिसने भी तेरी ये अदा देखी है.
ये काजल ये सूरमा ये होंठों की लाली.. ये पायल ये बिन्दी ये कानों की बाली.. वो कायल है मेरे बिखरे बालों का… मैं क्या करूं इन बाज़ारु सामानों की।
हर #खुश_अदा की #ज़ुल्फ़ में ‘अटका’ हुआ है ~#दिल हर महजबीं के #हुस्न पे कुर्बान_आँख है