Shayari On Eyes
हमेशा जो खुद को सजाये रखते हैं
अंदर और ही हुलिया बनाये रखते हैं
पत्थर आँखें ही दिखाई देती हैं, और
दिल में एक दरया सा रुकाये रखते हैं
मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी,
आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं।
नकाब तो उनका सर से लेकर पाँव तक थामगर आँखें बयान कर रही थी की मोहब्बत की शौक़ीन वो भी थी
बंद कर के मिरी आँखें वो शरारत से हँसे
बूझे जाने का मैं हर रोज़ तमाशा देखूँ
हसीं तेरी आँखें, हसीं तेरे आँसू
यहीं डूब जाने को जी चाहता है
Shayari For Eyes
इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए।
सुना है तेरी आँखों मैं सितारे जगमगाते हैं
इजाज़त हो तो मैं भी अपने दिल मै रोशनी कर लों
अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है
एक नज़र मेरी तरफ देख तेरा जाता क्या है
ये जो नज़रों से तुम मेरे दिल पर वार करते हो
करते तो ज़ूल्म हो, साहिब मगर कमाल करते हो
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा।
2 Line Shayari On Eyes In Hindi
इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती,
दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती,
आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती।
कैद खानें हैं… बिन सलाखों के,
कुछ यूँ चर्चे हैं तुम्हारी आँखों के।
बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं।
रुख़्सत करने के आदाब निभाने ही थे
बंद आँखों से उस को जाता देख लिया है
ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में,
शराब सा नशा है तेरी आँखों में,
तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिए,
दुआऐं मांगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में।
Tareef Shayari On Eyes
तेरी हर अदा नशीली है इतनी की
किसी और नशे की जरुरत ही न पड़े
डूब जाना चाहता हु तेरी आँखों में
इतना की निकलने की जरुरत न पड़े
मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से
कि लूट लें न किसी रोज़ कुछ पिला के मुझे
उस की आँखों को ग़ौर से देखो
मंदिरों में चराग़ जलते हैं
तू बदलता है तो बे-साख़्ता मेरी आँखें
अपने हाथों की लकीरों से उलझ जाती हैं
उसकी आँखें सवाल करती हैं
मेरी हिम्मत जवाब देती है
मेरी इन पागल आँखों को,
लत लग गयी तुझे देखने की।।
Shayari On Eyes Rekhta
सागर से गहरी हैं आपकी ये नजरें,
खुशियों की शहनाई हैं आपकी ये नजरें,
हुस्न का जाम हैं आपकी ये नजरें,
छुपायें कई अरमान आपकी ये नजरें,
ले ले न कहीं हमारी जान आपकी ये नजरें।
पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह
नज़र को नज़र की खबर ना लगे,
कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे हमें,
आपको देखा है बस उस नज़र से,
जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे।
आँखें थी जो कह गयी सब कुछ
लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें
शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए,
बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है।
Shayari On Beauty Of Eyes
आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है
हम मोहब्बत का सबक़ भूल गए
तेरी आँखों ने पढ़ाया क्या है
चुनती हैं मेरे अश्क रुतों की भिकारनें
‘मोहसिन’ लुटा रहा हूँ सर-ए-आम चाँदनी
आंखे देखती ही नहीं बाते भी करती हैं,
खामोश शब्दों से इशारों ही इशारों में.
झील अच्छा, कँवल अच्छा के जाम अच्छा है,
तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है
Shayari On Beautiful Eyes
अंखियों ही अंखियों में तेरी मेरी बात चली,
बात यहां तक पहुंची मैंने तेरे बिना जीना लिया।
कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी,
कुछ मुझे भी खराब होना था।
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या दिए,
हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।
ये आँखें है जो तुम्हारी किसी
ग़ज़ल की तरह खुबसूरत है
कोई पढ़ ले इन्हें एक दफा तो शायर हो जाए
जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।
बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं
तुझे छूने की हसरत
ना जाने क्या ख़्वाब दिखा जाती है
आँखों में इन्तजार
और रातो की नींद उड़ा जाती है।।