Top 35+ Shayari On Eyes | Tareef Shayari On Eyes 2020

Shayari On Eyes – आँख शायरी एक ऐसा विषय है जिसे हर व्यक्ति अपने जीवन में एक बार जरूर पढना चाहता है।

खूबसूरती की बात चलती यहीं तो सबसे पहले निगाहे चेहरे से होते हुए सीधा आँखों पे जाती हैं. आँखे मोहब्बत के किस्से भी बयां कर देते है इनमें डूब जाने को दिल करता है। महज प्यार की उपज आँखों से ही शुरू होती है और फिर बातचीत में तब्दील हो जाती है। 

और हम होश ही नहीं अपना दिल भी खो देते हैं देख के नशीली इन आँखों को जिनमे अपने महबूबा से इश्क़ के चलते वो शायराना मिज़ाज का होने लगता है और तरह-तरह की उपमा देकर वो आँखों की तारीफ किया करता है। ऐसे ही हज़ारों लोग होंगे जो आँखों से ही अपना दिल दे बैठते है। 

और दिन-रात सोचा करते है। इस पोस्ट में कुछ इस तरह की Shayari On Eyes, Shayari For Eyes, Tareef Shayari On Eyes, Shayari On Eyes Rekhta, Shayari On Beauty Of Eyes, Shayari On Beautiful Eyes दी गयी है आपको ये शायरी पसंद आती है तो इन को अपने दोस्तों और अपनी गर्लफ्रेंड के साथ शेयर करे। 

Shayari On Eyes

हमेशा जो खुद को सजाये रखते हैं
अंदर और ही हुलिया बनाये रखते हैं
पत्थर आँखें ही दिखाई देती हैं, और
दिल में एक दरया सा रुकाये रखते हैं

मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी,  आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं।

मेरे होठों ने हर बात छुपा कर रखी थी,
आँखों को ये हुनर कभी आया ही नहीं।

Shayari On Eyes

नकाब तो उनका सर से लेकर पाँव तक थामगर आँखें बयान कर रही थी की मोहब्बत की शौक़ीन वो भी थी

बंद कर के मिरी आँखें वो शरारत से हँसे  बूझे जाने का मैं हर रोज़ तमाशा देखूँ

बंद कर के मिरी आँखें वो शरारत से हँसे
बूझे जाने का मैं हर रोज़ तमाशा देखूँ

हसीं तेरी आँखें, हसीं तेरे आँसू  यहीं डूब जाने को जी चाहता है

हसीं तेरी आँखें, हसीं तेरे आँसू
यहीं डूब जाने को जी चाहता है

Shayari For Eyes

इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,  जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए।

इश्क के फूल खिलते हैं तेरी खूबसूरत आँखों में,
जहाँ देखे तू एक नजर वहाँ खुशबू बिखर जाए।

सुना है तेरी आँखों मैं सितारे जगमगाते हैं  इजाज़त हो तो मैं भी अपने दिल मै रोशनी कर लों

सुना है तेरी आँखों मैं सितारे जगमगाते हैं
इजाज़त हो तो मैं भी अपने दिल मै रोशनी कर लों

अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है  एक नज़र मेरी तरफ देख तेरा जाता क्या है

अपनी तस्वीर को आँखों से लगाता क्या है
एक नज़र मेरी तरफ देख तेरा जाता क्या है

Shayari For Eyes
Shayari For Eyes

ये जो नज़रों से तुम मेरे दिल पर वार करते हो
करते तो ज़ूल्म हो, साहिब मगर कमाल करते हो

आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा  वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा।

आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुजरता है गुजर जाएगा।

2 Line Shayari On Eyes In Hindi

इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती,  दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती,  आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान,  मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती।

इकरार में शब्दों की एहमियत नहीं होती,
दिल के जज़्बात की आवाज़ नहीं होती,
आँखें बयान कर देती है दिल की दास्तान,
मोहब्बत लफ्जों की मोहताज नहीं होती।

कैद खानें हैं... बिन सलाखों के,  कुछ यूँ चर्चे हैं तुम्हारी आँखों के।

कैद खानें हैं… बिन सलाखों के,
कुछ यूँ चर्चे हैं तुम्हारी आँखों के।

बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,  कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं।

बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं।

रुख़्सत करने के आदाब निभाने ही थे  बंद आँखों से उस को जाता देख लिया है

रुख़्सत करने के आदाब निभाने ही थे
बंद आँखों से उस को जाता देख लिया है

ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में,  शराब सा नशा है तेरी आँखों में,  तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिए,  दुआऐं मांगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में।

ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में,
शराब सा नशा है तेरी आँखों में,
तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिए,
दुआऐं मांगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में।

Tareef Shayari On Eyes

तेरी हर अदा नशीली है इतनी की  किसी और नशे की जरुरत ही न पड़े  डूब जाना चाहता हु तेरी आँखों में  इतना की निकलने की जरुरत न पड़े

तेरी हर अदा नशीली है इतनी की
किसी और नशे की जरुरत ही न पड़े
डूब जाना चाहता हु तेरी आँखों में
इतना की निकलने की जरुरत न पड़े

Tareef Shayari On Eyes
Tareef Shayari On Eyes

मैं डर रहा हूँ तुम्हारी नशीली आँखों से
कि लूट लें न किसी रोज़ कुछ पिला के मुझे

उस की आँखों को ग़ौर से देखो  मंदिरों में चराग़ जलते हैं

उस की आँखों को ग़ौर से देखो
मंदिरों में चराग़ जलते हैं

तू बदलता है तो बे-साख़्ता मेरी आँखें  अपने हाथों की लकीरों से उलझ जाती हैं

तू बदलता है तो बे-साख़्ता मेरी आँखें
अपने हाथों की लकीरों से उलझ जाती हैं

उसकी आँखें सवाल करती हैं  मेरी हिम्मत जवाब देती है

उसकी आँखें सवाल करती हैं
मेरी हिम्मत जवाब देती है

मेरी इन पागल आँखों को,  लत लग गयी तुझे देखने की।।

मेरी इन पागल आँखों को,
लत लग गयी तुझे देखने की।।

Shayari On Eyes Rekhta

सागर से गहरी हैं आपकी ये नजरें,  खुशियों की शहनाई हैं आपकी ये नजरें,  हुस्न का जाम हैं आपकी ये नजरें,  छुपायें कई अरमान आपकी ये नजरें,  ले ले न कहीं हमारी जान आपकी ये नजरें।

सागर से गहरी हैं आपकी ये नजरें,
खुशियों की शहनाई हैं आपकी ये नजरें,
हुस्न का जाम हैं आपकी ये नजरें,
छुपायें कई अरमान आपकी ये नजरें,
ले ले न कहीं हमारी जान आपकी ये नजरें।

पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है  फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह

पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह

Shayari On Eyes Rekhta
Shayari On Eyes Rekhta

नज़र को नज़र की खबर ना लगे,
कोई अच्छा भी इस कदर ना लगे हमें,
आपको देखा है बस उस नज़र से,
जिस नज़र से आपको नज़र ना लगे।

आँखें थी जो कह गयी सब कुछ  लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें

आँखें थी जो कह गयी सब कुछ
लफ्ज़ होतें तो मुकर गए होतें

शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए,  बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है।

शोर न कर धड़कन ज़रा, थम जा कुछ पल के लिए,
बड़ी मुश्किल से मेरी आखों में उसका ख्वाब आया है।

Shayari On Beauty Of Eyes

आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो  नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है

आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो
नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है

हम मोहब्बत का सबक़ भूल गए  तेरी आँखों ने पढ़ाया क्या है

हम मोहब्बत का सबक़ भूल गए
तेरी आँखों ने पढ़ाया क्या है

Shayari On Beauty Of Eyes
Shayari On Beauty Of Eyes

चुनती हैं मेरे अश्क रुतों की भिकारनें
‘मोहसिन’ लुटा रहा हूँ सर-ए-आम चाँदनी

 आंखे देखती ही नहीं बाते भी करती हैं, खामोश शब्दों से इशारों ही इशारों में.

 आंखे देखती ही नहीं बाते भी करती हैं,
खामोश शब्दों से इशारों ही इशारों में.

झील अच्छा, कँवल अच्छा के जाम अच्छा है,   तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है

झील अच्छा, कँवल अच्छा के जाम अच्छा है,
 तेरी आँखों के लिए कौन सा नाम अच्छा है

Shayari On Beautiful Eyes

अंखियों ही अंखियों में तेरी मेरी बात चली,   बात यहां तक पहुंची मैंने तेरे बिना जीना लिया।

अंखियों ही अंखियों में तेरी मेरी बात चली,
 बात यहां तक पहुंची मैंने तेरे बिना जीना लिया।

कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी,  कुछ मुझे भी खराब होना था।  आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या दिए,  हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।

कुछ तुम्हारी निगाह काफिर थी,
कुछ मुझे भी खराब होना था।
आँखों पर तेरी निगाहों ने दस्तख़त क्या दिए,
हमने साँसों की वसीयत तुम्हारे नाम कर दी।

Shayari On Beautiful Eyes
Shayari On Beautiful Eyes

ये आँखें है जो तुम्हारी किसी
ग़ज़ल की तरह खुबसूरत है
कोई पढ़ ले इन्हें एक दफा तो शायर हो जाए

जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,  इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।

जाने क्यों डूब जाता हूँ हर बार इन्हें देख कर,
इक दरिया हैं या पूरा समंदर हैं तेरी आँखें।

बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,  कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं

बिना पूछे ही सुलझ जाती हैं सवालों की गुत्थियाँ,
कुछ आँखें इतनी हाज़िर-जवाब होती हैं

तुझे छूने की हसरत   ना जाने क्या ख़्वाब दिखा जाती है   आँखों में इन्तजार   और रातो की नींद उड़ा जाती है।।

तुझे छूने की हसरत
ना जाने क्या ख़्वाब दिखा जाती है
आँखों में इन्तजार
और रातो की नींद उड़ा जाती है।।

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