Kaash Shayari: इस पोस्ट में आप पढ़े बेहतरीन काश शायरी और स्टेटस के कलेक्शन को, और मजे उठाये हमारे Kash Shayari के पोस्ट का. हमारी लाइफ में हम प्यार तो होता ही है बस बात तो जे है यारों की हमारा पहला प्यार ही पहली बार ही गलत इंसान से हो जाता है, आज जे काश शायरी इन हिंदी आप सब के लिए। जिनसे हम बहुत प्यार करते हैं पर वो कभी भी हमारे प्यार को नहीं समझते हैं..
काश हम उन भूला पाते बस फिर हमे सिर्फ एक ही शब्द याद आता है, काश ये नहीं होता या वो नहीं होता, पर जो बीत गया है अब उसको याद करने से कुछ नहीं होता। हम जिंदगी में हमेशा आगे बढ़ते रहना चाहिए, आप भी एक बात को याद रखिए जिसने आपको अपने ख्यालों से निकल दिया है, तो फिर आप क्यों उसी के ख्यालों में दुबे हुए हैं। अब वो जा चुके हैं अब उनकी यादों में दुबे रहने से कुछ नहीं होने वाला है,
मेरे दोस्त, अब वो लौट के कभी नहीं आएंगे। आपके काश वाली भावनाएं और काश वाले अहसास को व्हाट्सएप स्टेटस के रूप में बयान करने के लिए। आज हम जे हमारी बेस्ट काश शायरी लेकर आए हैं हम उम्मिद है की आप हमारी जे कश वाली शायरी को बहुत प्यार देंगे, तो फिर हम पढ़ते हैं जी खास शायरी।
Kaash Shayari
काश… #दिल-ए-नादां को ये मालूम होता,इश्क तब तक “हसीन” है, जब तक नहीं होता।
उस की #हसरत को मेरे दिल में_लिखने वाले,काश… उसको भी मेरी #क़िस्मत में लिखा होता।
Kaash Shayari |
काश “आँसुओ” के साथ यादें भी बह जाती,तो एक दिन ‘तसल्ली’ से बैठ कर देख लेते।
काश मेरा ”घर” तेरे घर के करीब होता,बात करना न सही #देखना तो नसीब होता.
काश ”फुरसत” में उन्हें भी ये #ख्याल आ जाये,कि कोई याद_करता है उन्हें ज़िन्दगी समझकर.
#ग़ैर को आने न दूँ तुम को कहीं_जाने न दूँ,काश… मिल जाए #तुम्हारे घर की दरबानी मुझे।
काश कि तुझे “वक़्त” के सेहरा में लगे प्यास,और तू #तड़प के मांगे मुझे पानी की तरह.
Kash Koi Mujhe Samajh Pata Shayari |
काश #मोहब्बत मे भी चूनाव होते,गजब के ”भाषण” देते तूझे पाने के लिये.
बदलती रहती हैं ”हकीकतों” की बारिश वक्त के साथकाश उम्मीदों के घरौंदे समझ के “पत्थरों” से बनातें.
काश इस “गुमराह” दिल को ये मालूम होता किमोहब्बत उस वक्त तक ही #दिलचस्प होती है.जब तक नहीं होती है.
काश कि #तुम कोई दिसम्बर होते,साल के ‘आखिर’ मे आ तो जाते.
खुदा करे ”काश” वो अचानक सामने आकर,मेरे लबों को कुछ नए “सवाल” दे जायें।
Kash Koi Apna Hota Quotes |
#दिल-ए-गुमराह को काश ये मालूम होता,प्यार तब तक #हसीन है, जब तक नहीं होता।
”काश” वो आ जायें और देख कर कहें मुझसे,हम मर गये हैं क्या? जो इतने_उदास रहते हो।
काश… #फुरसत में उन्हें भी ये ”ख्याल” आ जाये,कि कोई याद करता है उन्हें #ज़िन्दगी समझकर।
काश… कि वो “लौट” के आयें मुझसे ये कहने,कि तुम कौन होते हो मुझसे #बिछड़ने वाले।
काश एक बार #आवाज तो दी होती तुमनेहम तो वहाँ से भी लौट_आते जहाँ से कोई नहीं आता
मैं #हँसता हूँतो बस अपने ”ग़म” छिपाने के लिए,और लोग #देख के कहते हैकाश हम भी इसके जैसे होते.
ऊपर_वाले ने कितने लोगो की ‘तक़दीर’ सवारी है,काश वो एक बार मुझे_भी कह दे की आज तेरी बारी है.
काश कि तुम_समझ सकते ‘मोहब्बत’ के उसूलों कोकिसी के जीने की #वजह बनने के बादउन्हें तन्हा छोड़ा नहीं करते
वो रोज़_देखता है ढलते ‘सूरज’ को इस तरह,काश… मैं भी किसी_शाम का मंज़र होता।
इक ये #कोशिश कि कोईदेख ना ले ”दिल” के जख्मइक ‘ख्वाहिश’ येकि ‘काश कोई_देखने वाला होता
काश! #खुशियों की गंगा कभी गरीबों की “बसती” में आये,जिन्हें मुस्कुरायें #सदियाँ हो गई वो थोड़ा सा मुस्कुराये.
काश! कोई गंगा_गुजरती इस दिल से मेरे,तो मरे हुए ‘ख्वाबो’ को मोक्ष मिल जाता.
ऐ काश… कहीं #कुदरत का यह निजाम_हुआ करेतुझे देखने के #सिवा न मुझे कोई काम हुआ करे
#काश कोई मिले मुझे इस तरह कि फिर_जुद़ा ना हो,जो समझे मेरे #मिजाज़ को और कभी मुझसे खफ़ा ना हो.
खुदा करे ”काश” वो अचानक सामने आकर,मेरे लबों को कुछ नए #सवाल दे जायें।
काश तू मेरे_आँखों का आंसू बन जाये,मैं रोना ही #छोड़ दूँ तुझे खोने के ‘डर’ से।
ख्वाहिशों का #आदी दिल काश ये समझ सकता,कि #साँस टूट जाती है इक आस “टूट” जाने से।
काश… तू समझ_सकती मोहब्बत के उसूलो को,किसी की सांसो में ”समाकर” उसे तन्हा नहीं करते।
कभी_कभी न का मतलब इंकार नही होता,कभी कभी हर #नकामयाबी का मतलब हार नही होता,अरे क्या हुआ तू हमारे_साथ नही,क्योंकि हर वक्त साथ रहने का #मतलब प्यार नही होता।
#काश कोई अपना हो तो आईने_जैसा हो,जो हँसे भी साथ ‘मेरे’ और रोए भी साथ।
उसकी ”हसरत” को मेरे दिल में लिखने वाले,काश… उसको भी मेरी #क़िस्मत में लिखा होता।
बहुत ‘असर’ रखता है, हर लफ्ज़ उसकी #जुबान का,ए काश के वो मुझसे_मिलने की दुआ मांगे.
काश… एक “ख्वाहिश” पूरी हो इबादत के बगैर,वो आकर गले लगा ले, मेरी #इजाजत के बगैर।
बरसों #बाद भी तेरी जिद की ‘आदत’ नहीं बदली,काश… हम #मोहब्बत नहीं… तेरी आदत होते।
तेरे ”हुस्न” पे तारीफोंभरी किताब लिख देता,काश… तेरी_वफ़ातेरे हुस्न के बराबर होती।
आँखें ”भिगोने” लगी हैअब तेरी बातें,काश तुम #अजनबी हीरहते तो अच्छा होता.
Kash Koi Mujhe Samajh Pata Shayari
वो दुआएं ”काश” मैने दीवारों से मांगी होती,ऐ खुदा सुना है कि उनके तो “कान” होते है.
उसकी ‘हसरत’ को मेरेदिल में लिखने वाले,काश… #उसको भीमेरी क़िस्मत में लिखा होता।
‘काश’काश एक ऐसा शब्द हैजो हर चीज_अधूरी छोड़ देता है।।
काश! मैं उनका #अम्बर…वो मेरी चांँद बन जाएँ…फिर_कुछ इस तरह…हम दोनों, एक #दूजे के हो जाएँ…
मैं #हँसता हूँ तो बस अपने गम “छिपाने” के लिए ,और लोग देख के कहते है #काश हम भी इसके जैसे होते।
#काश तुम मिल जाते बस एक_पल के लिए,तो हम यूँ ना ”तड़पते” जिंदगी भर के लिए।
#काश तुम समझ पाते मेरे अनकहे_अल्फ़ाज़ों को,तो ये एहसास स्याही और #काग़ज़ के मोहताज ना होते.,
#काश तेरे न मिलने का कोई गिला ना होता, या ”काश” की तू कभी मिला ही ना होता।
#काश तुम सा ही कोई तुमको मिले, तब जानेंगे कितनी “ख़ुशी” हमको मिली और कितने गम तुमसे मिले।
काश की #कश्मकश में फंसे है सब अब यहाँ से #निकले तो कहीं पहुंचे।
लौटा देती “ज़िन्दगी”एक दिन नाराज़ होकरकाश मेरा_बचपनभी कोई #अवार्ड होता.
ये ”बोलने” से बेहतर की काश ये ‘ख्वाहिश’ पूरी हो जाए, बेहतर ये नहीं की उन्हें पूरा करने की #कोशिश की जाए।
ख़त्म ही ना हो जो “ज़िन्दगी” है कुछ ऐसे सवाल की तरह, काश की इनसे #बचाने वाला होता मेरा अपना मेरी ढाल की तरह।
Kash Shayari |
#काश मैं ऐसी जरूरत बन जाऊँ,जिसकी तुम्हे_तलब रहे सारी जिंदगी.
#काश तुम समझ पाते मेरे अनकहे अल्फ़ाज़ों को,तो ये एहसास_स्याही और काग़ज़ के मोहताज ना होते।
आपको ‘पाकर’ अब खोना नही चाहते,इतना खुश होकर अब #रोना नही चाहते,क्या आलम होगा आपसे मिलने का,आँखों में #नींद है पर सोना नही चाहते।
तुम न ‘मिले’ तो टूट कर बिखर जायेंगे,और जो मिल गये तो #गुलशन की तरह खिल जायेंगे,तुम न मिले तो जीते जी ही मर जायेंगे,और जो मिल_गये तो मर मर के भी जी जायेंगे।
काश तुम_मुझे एक खत लिख देते,मुझमे क्या-क्या थी #कमी यह तो लिख देते,मेरे दिल से तुमने नफरत क्यूँ की,नफरत की ही मुझे_कोई वजह तो लिख देते।
काश की इतनी #हसरतें ना होती, तो खामखा ज़िन्दगी में इतनी ”कसरतें” ना होती।
वो ”दिन” जो गुजरे तेरे साथकाश… #जिन्दगी उतनी ही होती
काश ये ज़िन्दगी_दोबारा मिल जाए,या फिर ये गम या फिर हम “मिटटी” में मिल जाएं।
काश!!! #भारत और चीन में युद्ध होता औरचीन वाले ”मोमोज” फेंक कर मारते हमे औरहम उन्हें समोसा ‘फेंक’ कर मारते। सोचों गरीबजनता का ‘कितना’ भला होता।
#मेहरबानी होगी आपकी “मुस्कान” दिख जाए,चेहरे पर सजे आपके पैगाम दिख जाए,पर्दों में, न छिपाओ_आँखों का तुम काजलकाश कि मेहँदी में तुम्हारी, हमार ‘नाम’ दिख जाए.
अपनी #खुशियाँ लुटाकर उसपर #कुर्बान हो जाऊ,काश कुछ दिन उसके_शहर का मेहमान हो जाऊ,वो अपना नायाब दिल मुझको देदे, और फिरवापस मांगे, मैं #मुकर जाऊ और बेईमान हो जाऊ।
काश ”दर्द” तेरे भी पैर होतेकहीं थक के #रुकते तो सही.
#काश उन्हें चाहने का ”अरमान” नही होतामैं होश में होकर भी #अंजान नही होताये प्यार ना होता, किसी ”पत्थर” दिल सेया फिर कोई #पत्थर दिल इंसान ना होता
#काश कि तुम समझसकते ”मोहब्बत” के उसूलों को,किसी के जीने की ‘वजह’ बनने के बाद,उन्हें तन्हा #छोडा नहीं करते.
#काश फिर मिलने की वजह_मिल जाए,साथ जितना भी #बिताया वो पल मिल जाए,चलो अपनी अपनी आँखें_बंद कर लें,क्या पता #ख़्वाबों में गुज़रा हुआ कल मिल जाए।
उतरा है मेरे ”दिल” में कोई चाँद_नगर से,अब खौफ ना कोई ‘अंधेरों’ के सफ़र में,वो बात है तुझ में कोई_तुझ सा नहीं है,#काश कोई देखे तुझे मेरी नज़र से।
”आँसू” आ जाते हैं रोने से पहलेख्वाब टूट जाते हैं ‘सोने’ से पहलेलोग कहते हैं #मोहब्बत गुनाह हैकाश कोई रोक लेता इसे_होने से पहले
Kaash Shayari In Hindi |
काश ! ऐसी #लापरवाही हो जाये मुझसे की ।मैं अपनी गम की “गठरी” कहीं भूल जाऊ ।।
काश ये दिल_शीशे का बना होताचोट लगती तो ”बेशक” ये फ़ना होतापर सुनते जब वो #आवाज इसके टूटने कीतब उन्हें भी अपने गुनाह का ‘एहसास’ होता
#काश ऐसा हो कि तुमको तुम से #चुरा लूंवक्त को रोक कर ”वक्त” से एक दिन चुरा लूं#तुम पास हो तो इस रात से एक रात चुरा लूंतुम साथ हो तो इस_जहां से यह जहां चुरा लो
#काश मैं पानी होता और तू प्यास होतीन मैं खफा होता और न तू_उदास होतीजब भी तुम मेरी निगाहों से दूर होतेमैं तेरा #नाम लेता और तू मेरे पास होती
”काश” हमे भी कोई समझने वाला_होतातो आज हम इतने #नासमझ न होतेकाश कोई इश्क का जाम पिलाने वाला होतातो आज हम भी इस #शराब के दीवाने न होते
काश #आँसुओं के साथ यादें बह जातीकाश ये ”ख़ामोशी” सब कुछ कह जातीकाश किस्मत तुमने_लिखी होतीतो शायद मेरी #किस्मत में प्यार की कमी न रह जाती
ऊपर वाले ने कितने_लोगो की तक़दीर सवारी हैकाश वो एक बार ‘मुझे’ भी कह दे की आज तेरी बारी है
काश ”यादों” का मतलब वो समझतेकाश ख्वाबों का #मतलब वो समझतेनजर मिलती है हज़ार नजरो सेकाश हमारी_नजर का मतलब वो समझते
ऐ काश ,मौका_मिला होता उसे प्यार करने का,दिल से लगा कर #ऐतबार करने का,आंखों से आखें चार करने का,दिल की “गहराइयों” से फरमान करने का,लबों से लबों परइकरार करने का,बाहों में तेरी आराम करने का,शामों को #पलो में कैद करने का,सर्द सी रातों को ‘गर्द’ करने का,खुद को तेरे ही नाम करने का,इस इश्क को #आबाद करने का ।ऐ काश,मौका_मिला होता तुझे ‘प्यार’ करने का ।
काश… मैं ”पानी” होता और तू प्यास होती,न मैं खफा होता और न तू “उदास” होती,जब भी तुम मेरी_निगाहों से दूर होते,मैं तेरा ‘नाम’ लेता और तू मेरे पास होती।
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