Gulzar Best Lines: नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग आसा करता हूँ आप लोग ठीक ही होंगे। तो दोस्तों आज हम आपके लिए लेकर आये है gulzar best lines तो दोस्तों आप लोग गुलजार साहब को तो जाते ही होंगे अगर नहीं जानते तो मै आपको इन महान हस्ती के बारे में बता देता हूँ।
गुलज़ार साहब का जन्म पाकिस्तान के दीना गाँव में 18 अगस्त 1936 में हुआ. अपने पिता की वह दूसरी संतान थे. माँ का उनके बचपन में ही देहांत हो गया था और साथ उन्हें अपने पिता का भी प्यार नहीं मिला।
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गुलजार साहब नौ भाई-बहन में वो चौथे नंबर पर थे. और साथ ही गुलज़ार साहब को कविता लिखने के शौक़ के कारण अपने खाली समय में कविताये लिखते। धीरे-धीरे फ़िल्म इंडस्ट्री में उनकी पकड़ बनने लगी। उनकी कुछ फेमस शायरी या gulzar best lines हम आपके लिए लेकर आये है।
Gulzar best lines
“तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं…!!
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“कभी तो चौक के देखे को हमारी तरफ़, किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे..!!”
“थोडासा हस के थोडासा रुलाके पल यही जानेवाले हैं..!!”
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“वक्त रहता नहीं कही भी टिक कर, आदत इस की भी इंसान जैसी हैं…!!”
“हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते…!!”
“दिल अगर हैं तो दर्द भी होंगा, इसका शायद कोई हल नहीं हैं…!
पलक से पानी गिरा है,
तो उसको गिरने दो
कोई पुरानी तमन्ना,
पिंघल रही होगी
तो उसको गिरने दो
कोई पुरानी तमन्ना,
पिंघल रही होगी
मैं दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
“सीने में धड़कता जो हिस्सा हैं…. उसी का तो ये सारा किस्सा हैं..!!
“कैसे करें हम ख़ुद को तेरे प्यार के काबिल, जब हम बदलते हैं, तुम शर्ते बादल देते हो..!!
“किसी पर मर जाने से होती हैं मुहब्बत, इश्क जिंदा लोगों का नहीं..!!”
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“किताबें मांगने,
गिरने, उठाने के बहाने
रिश्ते बनते थे
उन का क्या होगा……”
गिरने, उठाने के बहाने
रिश्ते बनते थे
उन का क्या होगा……”
“सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया
“बहुत दिन हो गये सच्ची!! तेरी आवाज़ की बौछार में भीगा नहीं हूँ मैं!”
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना
“ज़मीं से इस तरह बांधा गया हूँ मैं गले से ग्रैविटी का दाएमी पट्टा नहीं खुलता!”
― गुलज़ार
― गुलज़ार
Gulzar Shayari
मेरे दिल में एक धड़कन तेरी हैं,
उस धड़कन की कसम तू ज़िन्दगी मेरी है।
मेरी तो हर सांस में एक सांस तेरी हैं,
जो कभी सांस जो रुक जाए तो मौत मेरी हैं।।
सुनो!
जब कभी देख लुं तुमको।
तो मुझे महसूस होता है कि.
दुनिया खूबसूरत है।
जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ,
उस ने सदियों की जुदाई दी है।
किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं।
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं
शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है. दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रेंझुकाकरवोबोली! बहुत।
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