Best 99+ Fark Shayari, Mujhe Koi Fark Nahi Padta Status 2023

Fark Shayari: हेलो दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम आपको मुझे कोई फर्क नही पड़ता स्टेट्स और हिंदी शायरी देने वाले है इस आर्टिकल को शुरू करने से पहले मैं आप सब को पहले एक सवाल का जवाब दे दो कियु की लोग इसको गूगल पर सर्च कर रहे हैं तो इस सवाल का जवाब है  I don’t care इसका मकसद यानी मतलब यही है कि मुझे कोई भी फर्क नहीं पड़ता.. 
 
दोस्तों आपकी ज़िन्दगी में कोई ऐसा शख्स तो ज़रूर आया होगा जिसपे आप बहोत भरोसा करते होंगे, और उस इंसान ने आपका भरोसा तोड़ दिया होगा, अगर आपके साथ अगर कोई ऐसी स्तिथि आती जहाँ आपको कुछ भी होने से कोई फर्क नहीं पड़ता उस समय आप इन सभी शायरी का उपयोग कर सकते हैं| 
 
जिन्हे आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कर सकते हैं। अधिकतर लोग सभी को यह सलाह देते हैं कि क्या सही है और क्या गलत लेकिन ज्यादातर लोग अपने लिये खुद नियम बनाते हैं। ऐसे लोगों के लिये हम ये स्टेटस लाये हैं जो आपको जरूर पसंद आयेंगें।

Fark Shayari

चीखना_रूना और फिर आंसू पांच लेना,
यही कहानी है ज्यादा #समझदार लोगो की।
Fark Shayari
Fark Shayari
हमारा #TIME कुछ इस तरह आएगा जो नफरत
करता है वो भी हमें चाहेगा !!
अब ”फरक” नहीं पड़ता किसी के रूठ जाने से,
जी तो हम_पहले से ही नहीं रहे,
अब दर भी नहीं लगता #साँसे छूट जाने से।
Mujhe Koi Fark Nahi Padta Status
जो भी मेरी_नज़रों से उतर गया,
क्या फ़र्क़ पड़ता है,
ज़िंदा है या ”मर” गया।
Mujhe Koi Fark Nahi Padta Status
आज #कुछ नहीं बचा,
पर खुश हु,
अब #फ़र्क़ नहीं पड़ता, क्योकि जब फ़र्क़ नहीं पड़ता,
ज़िन्दगी में “फ़र्क़” तभी आता है।
Mujhe Koi Fark Nahi Padta Status
Mujhe Koi Fark Nahi Padta Status
यूँ तो किसी से “फ़र्क़” नहीं पड़ता मुझे,
पर है एक शख्स किसका_आना खलता है मुझे।
Fark Nahi Padta Shayari
किसी की #याद को दिल में #बसा के रोये हैं
किसी की ”तस्बीर” को सीने से लगा के रोये हैं !!
Fark Nahi Padta Shayari
मोहब्बत के उस #मुकाम पे जा पहुंचे है हम,
की ना तेरे आने की ”ख़ुशी” ना तेरे जाने का गम।
Fark Nahi Padta Shayari
Fark Nahi Padta Shayari
वो_मेरा है तो कोई और उसे_क्यो देखे
जाने क्यों #मुहब्बत मे बच्चा सा हो गया हुँ मैं !!
Unhe Koi Fark Nahi Padta Shayari
मेरे इश्क में #दर्द नही था…
पर उसके लिये ‘आँसू’ और पानी में फ़र्क नही था…
Unhe Koi Fark Nahi Padta Shayari
जिसको_जाना है वो चला जाता है
उसे हमारे #रोने से भी कोई ‘फर्क’ नहीं पड़ता
नजरिया-बहुत छोटी सी चीज है,
लेकिन इससे “फर्क” बहुत बड़ा पड़ता है…
सारी-दूनिया के रूठ जाने से
मुझे कोई #फर्क नहीं पड़ता,
बस एक तेरा खामोश रहना
बहुत ”तकलीफ” देता है।
इस #इश्क की परवाह में,
हम ‘तन्हा’ हो गये,
सही कहते थे लोग,
मोहब्बत #तनहा कर जाती है।
मेरे अलावा_काफ़ी लोग हैं उसकी #जिंदगी में,
अब मैं रहूं या न रहूं क्या_फर्क पड़ता है।
ज़िन्दगी में “प्यार” क्या होता है ये उस #इंसान से पूछो,
जिसने दिल टूटने के बाद भी #इंतज़ार किया हो।
हमारे “दरमियाँ” ये दूरियाँ न होती,
और कुछ मेरी #मजबूरियां न होती,
रहते न यूँ मेरे हाथ खाली,
गर_ज़माने की ये बेड़ियाँ न होती।
ख़ामोशी #छुपाती है… ऐब और हुनर दोनों,
शख्सियत का अंदाज़ा “गुफ्तगू” से होता है।
जाने क्या मुझसे_ज़माना चाहता है,
मेरा दिल तोड़कर मुझे #हँसाना चाहता है,
जाने क्या_बात है मेरे इस चेहरे से,
हर शख्स मुझे #आज़माना चाहता है।
Unhe Koi Fark Nahi Padta Shayari
प्यार है इसलिये तेरी इतनी #फ़िक्र करता हूँ,
जिस_दिन तू दिल से उतर गई,
तेरा जिक्र भी नहीं करूँगा.
तुझ से “खफा” होकर भी देखेंगे एक दिन
कि तेरा मनाने का #अंदाज कैसा है
जब भी उनकी_गली से गुज़रते हैं,
मेरी आँखें एक #दस्तक दे देती हैं,
दुःख ये नहीं वो ‘दरवाजा’ बंद कर देते हैं,
ख़ुशी ये है कि वो_मुझे पहचान लेते हैं।
याद कर वो #वक़्त जब तेरी D.P देख कर के मेरी “धड़कने” तेज़ हो जाया करती थी,
और आज तू किसी #मंज़र पर मेरे करीब से भी-गुज़र जाये तो मुझे फ़र्क़ न पड़े।
उस #दिन को भुला दूंगा
तेरी ‘यादों’ को जला दूंगा
फर्क पड़ा अगर_तेरे जाने का मुझ पर
तो खुद को ”मिटा” दूंगा।
मुझे घंटा कोई_फरक नहीं पड़ता लोगो की #सोच से
मेरी ज़िन्दगी मेरी #मर्ज़ी से चलती है किसी की सोच से नहीं।
तुझे कितना भी ‘चाहूँ’ और कितना भी प्यार करलूँ
तुझे #फर्क नहीं पड़ता ……. अरे
फर्क तब पड़ता जब तू किसी एक_की होकर रहती।
जहाँ आपके_ना होने से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता,
वहां आपका ना ”होना” बेहतर है।
Unhe Koi Fark Nahi Padta Shayari
#ख़त में मेरे ही ख़त के “टुकड़े” थे और ,,
मैं समझा के मेरे #ख़त का जवाब आया है..!!
दुआओं में “सिर्फ” तुम्हे माँगा करते थे
मिन्नतें सिर्फ तुझे #पाने की किया करते थे
पर अब डर नहीं तुझे खोने का
फर्क पड़ता नहीं तेरा_पास होने का या ना होने का।
इतना ”गुरूर” किया तूने अपने इस #मिट्टी के जिस्म पर तो
जा-जा ये तेरा-जिस्म किसी और का हो जाए
मुझे फर्क नहीं पड़ता
एक #तरफा प्यार कर हरा हूँ में
तुझे भुला ना ”सकूँ” इतना बेचारा
हूँ में !! Sorry by
हमारा #अंदाज कुछ ऐसा है, जब हम_बोलते हैं,
तो बरस जाते हैं और जब #चुप रहते हैं तो लोग तरस जाते हैं…
#बताना तुझे मिल जाए मुझ-जैसा कोई और
अगर जा-जा तू औरों को आजमा ले
मुझे ”फर्क” नहीं पड़ता !!
एक सपने के #टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के “हौसले” का नाम
जिंदगी हैं !!

Mujhe Koi Fark Nahi Padta Status

Koi Fark Nahi Padta Shayari
Unhe Koi Fark Nahi Padta Shayari
हम पर जो ”गुजरी” है तुम क्या सुन पाओगे
नाजुक सा दिल रखते हो रोने_लग जाओगे।
एक ”वक्त” था कि तुझसे बेइंतहां #प्यार करता था
अब तो तू खुद ”मोहब्बत” बन चली आए तो
मुझे फर्क नहीं पड़ता
जो एक बार_नज़रों से उतर गया,
फिर फरक नहीं #पड़ता की वो
कहा गया।
वो जो_कहता था की तुम न मिले तो मर_जाएंगे हम,
वो आज भी #जिन्दा है, ये बात किसी और से #कहने के लिए..!!
गमो की ”शाम” है पी लेने दो
दर्द भरी रात में जी_लेने दो
उसे घंटा फर्क नहीं ‘फर्क’ नहीं मेरी चाहत का
सितम की रात है मर लेने दो।
जब #सामना हुआ उस बेदर्द से
मुझसे मेरा दिल “सवालात” करने लगा
कहता है, क्या यही है वो
जिसके लिये तुने मुझे_बेगाना कर दिया।
हर शख्स #परिन्दोँ का हमदर्द नही होता दोस्तोँ
बहुत बेदर्द बैठे हैँ दुनिया मे जाल_बिछाने वाले।
एक वक्त था कि तुझसे #बेइंतहां प्यार करता था
अब तो तू खुद मोहब्बत बन चली आए तो
मुझे ”फर्क” नहीं पड़ता
Koi Fark Nahi Padta Shayari
बहुत #खास है वो शक्स मेरे लिए,
फिर भी वो मेरा ”दिल” दुखाता है,
सब के लिए वक्त है उसके पास,
बस मुझसे ही_दूरियां बनाता है।
लोग_कहते हे हम बुरे है पर हुनको किया पता हम तो
किस्मत के मारे है पर ”हम” को लोगों से किया हमको
किसी की सोच से कुछ-फर्क नहीं पड़ता।
फर्क था हम_दोनों की मोहब्बत में
मुझे उससे ही थी और उसे #मुझसे भी थी
एक जैसी ”दिखती” है माचिस की वो तीलियां
कुछ ने दिये #जलाए और कुछ ने घर
तजुर्बा_कहता है,
मोहब्बत से ”किनारा” कर लूँ,
और दिल कहता है,
ये तज़ुर्बा #दोबारा कर लूँ।
हर शख्स ”परिन्दोँ” का हमदर्द नही होता दोस्तोँ
बहुत बेदर्द बैठे हैँ दुनिया मे जाल_बिछाने वाले।
गमो की #शाम है पी लेने दो
दर्द भरी ”रात” में जी लेने दो
उसे घंटा फर्क नहीं “फर्क” नहीं मेरी चाहत का
सितम की_रात है मर लेने दो।

यूँ तो #किसी से फ़र्क़ नहीं पड़ता मुझे, पर है एक ”शख्स” किसका आना खलता है मुझे।

बेइंतेहा_प्यार में करूँ तेरी #परवाह में कर और
तुम्हे कोई “फर्क” नहीं पड़ता !!
Koi Fark Nahi Padta Shayari
मेरी #ख़ामोशी से किसी को कोई
फर्क नहीं_पड़ता और शिकायत
में दो ”लफ्ज़” कह दूँ तो वो चुभ
जातें हैं !!
जिस_दिन तू रूठ जाती थी
उस दिन….#यादें तेरी सताती थी।
पर अब फर्क नहीं पड़ता मुझ पर
तेरे #हँसने और तेरे रोने का
अब डर भी ना रहा मुझे .. संग तेरे ना होने का।
कैसे करें_हम ख़ुद को
तेरे प्यार के काबिल,
जब हम #बदलते हैं,
तो तुम शर्ते बदल देते हो
तेरी #नाराज़गी भी हमें दर्द दे जाती है
पर तुझे इससे कोई “फर्क” नहीं पड़ता।
अफ़सोस तो उस #वक्त करता हूँ
जिस वक्त में ‘तुम्हे’ याद किया करता था
छोड़ के सारे_कामो को
बस तेरी और सिर्फ तेरी,#फरियाद किया करता था।
तेरे नकली_प्यार की अब क्या तारीफ करूँ
अरे हँस के लुटा देता तुझ_पर म अपनी जान
कह कर तो देखा होता ,वादे में पुरे करता सभी
कभी हँस कर_कह दिया होता
पर अब पर नहीं पड़ता मुझे “तेरे” होने या ना होने का
उस वक्त अगर तूने, मेरा_प्यार समझ लिया होता।
एक तरफा_प्यार कर हरा हूँ में
तुझे भुला ना सकूँ इतना_बेचारा हूँ में
Koi Fark Nahi Padta Shayari
Koi Fark Nahi Padta Shayari
#मोहब्बत उसे भी बहुत है मुझसे ,,
जिंदगी_सारी  इस वहम ने ले ली…!!
उस ”दिन” को भुला दूंगा
तेरी यादों को ”जला” दूंगा
फर्क पड़ा अगर तेरे जाने का मुझ पर
तो #खुद को मिटा दूंगा।
कभी तो तेरे_हँसने की भी फरियाद किया करते थे
पर अब तो तेरे मर जाने का #गम भी नहीं।
इस ”तरह” मैंने चाहा है तुम्हे
कोई और चाहे तो #भूल जाना मुझे
अब_कहना ही छोड़ दिया मैंने
कि तुम #मुझसे बात करो,
जब मेरे ”रोने” से तुम्हे कोई फर्क नही पड़ता,
तो मेरे होने या न होने से क्या #फर्क पड़ेगा

जब भी उनकी_गली से गुज़रते हैं मेरी आँखें एक “दस्तक” दे देती हैं दुःख ये नहीं वो दरवाजा बंद कर देते हैं #ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।

कोई खास_फर्क नहीं पड़ता अब ख़्वाहिशें अधूरी रहने पर बहुत_करीब से कुछ सपनों को #टूटते हुये देखा है मैंने।

इतना #गुरूर किया तूने अपने इस ‘मिट्टी’ के जिस्म पर तो जा-जा ये तेरा #जिस्म किसी और का हो जाए मुझे फर्क नहीं पड़ता।

Koi Fark Nahi Padta Shayari
चेहरा तो ”मिल” जायेगा हमसे भी खूबसूरत,
पर जब बात दिल की #आएगी ना तो हार जाओगे।
उसने हमसे_पूछा तेरी रजा क्या है,
क्यों करते हो ”पसंद” वजह क्या है,
कोई बताए उसे मेरी खता क्या है,
जो वजह से करे #पसंद किसी को,
उसमें मजा क्या है ।

अफ़सोस तो उस #वक्त करता हूँ जिस वक्त में तुम्हे याद किया करता था #छोड़ के सारे कामो को बस तेरी और सिर्फ तेरी “फरियाद” किया करता था।

जब भी उनकी_गली से गुज़रते हैं, मेरी आँखें एक #दस्तक दे देती हैं, दुःख ये नहीं वो #दरवाजा बंद कर देते हैं, ख़ुशी ये है कि वो मुझे_पहचान लेते हैं।

याद नहीं ”करोगे” तो भूल भी ना सकोगे, मेरा #ख्याल जहां से मीठा भी ना सकोगे, एक बार जो तुम मेरे_गम से मिलोगे, तो सारी उमर #मस्कुरा न सकोगे।

दुआओं में “सिर्फ” तुम्हे माँगा करते थे
मिन्नतें सिर्फ तुझे #पाने की किया करते थे
पर अब डर नहीं तुझे खोने का
फर्क पड़ता नहीं_तेरा पास होने का या ना होने का।
एक #वक्त था जब तेरी ‘परवाह’ किया करता था
अब तो तू मेरे ”खातिर” फना भी हो जाए तो
मुझे फर्क नहीं पड़ता
एक वक्त था कि तुझसे_बेइंतहां प्यार करता था
Fark Nahi Padta Shayari In Hindi
Fark Nahi Padta Shayari In Hindi
पीठ पीछे कौन क्या_बोलता है फर्क नहीं पड़ता
सामने_किसी का मुहं नहीं खुलता इतना _काफी है
दिल से निकाल_फेका है तेरे उस प्यार को
जो दिल में था ”चूब” रहा
भुला देंगे तेरी वो यादे जिनमे
डूबा में #खुद रहा
वो ”वक़्त” था जब उनके #रूठने से भी डरता था,
अब दूरी भी हो जाये तो #फ़र्क़ नहीं पड़ता,
एक #वक़्त था जब किसी के साथ रहने पर लड़ जाता था,
अब वो किसी और की भी हो जाये तो #फ़र्क़ नहीं पड़ता।
लौटना_मत भूल के भी
इश्क़ से नफरत हो_चुकी है अब।
वो #जिसका तीर चुपके से ”जिगर” के पार होता है,
वो कोई गैर होता नहीं अपना_रिश्तेदार होता है,
किसी से अपने “दिल” बात तू कहना न भूले से,
यहाँ ख़त भी ज़रा सी देर में #अखबार होता है।

फ़र्क़ को भी अब-फ़र्क़ नहीं पड़ता, हकीकत दूर की बात है, यह दिल तेरा_ज़िक्र अब ख्वाबों में भी नहीं करता।

Fark Nahi Padta Shayari In Hindi
फर्क_था हम दोनों की मोहब्बत में
मुझे उससे ही थी और उसे #मुझसे भी थी
ता हम को #शिकायत की भी बाक़ी न रहे जा,
सुन लेते हैं गो ”ज़िक्र” हमारा नहीं करते।
ग़ालिब तेरा अहवाल_सुना देंगे हम उनको,
वो सुन के बुला लें ये ‘इजारा’ नहीं करते।
जब भी उनकी_गली से गुज़रते हैं,
मेरी आँखें एक #दस्तक दे देती हैं,
दुःख ये नहीं वो ”दरवाजा” बंद कर देते हैं,
ख़ुशी ये है कि वो मुझे पहचान लेते हैं।
हम पूरे_यकीन के साथ तो नहीं ‘कह’ सकते कि
जिस तरह की भेंट उन्होंने_चढ़ायी उससे कुछ फर्क पड़ा होगा या नहीं,
क्योंकि दोनों में से किसी को नहीं #बताया गया था कि किस
किस्म की भेंट ”मंजूर” की जाएगी और किस किस्म की नहीं।
एक वक्त था जब_तुझे इन हजारों की भीड़ में भी तेरी #आईंडी को पहचान लिया करता था
किसी और की डीपी में होती अगर तो “एहसासों” से पहचान किया करता था
अरे अब तो निगाहों से #ओझल किया है मैंने तुझे इस कदर
कि तू मेरी कविता को चोरी-चोरी पढ़ भी रही है तो
मुझे ”फर्क” नहीं पड़ता
तो आपको हमारे Koi Fark Nahi Padta Shayari कैसे लगे। अगर यह कोट्स आपको पसंद आया है  आपको इन Fark Nahi Padta Shayari In Hindi को पढ़कर काफी अच्छा महसूस हुआ होगा। आगे भी ऐसी  कोट्स के लिए हमे Follow करे हमारे Instagram पर और Quotes को Share करे। धन्यवाद।

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