Umeed Shayari – नमस्कार दोस्तों अगर आप भी गूगल पर Umeed Status सर्च कर रहे है तो आप बिल्कुल सही वेबसाइट पर आ पहुचे है. आपको इस आर्टिकल में उम्मीद शायरी स्टेटस कोट्स इमेज आदि दिए हुए है. इन्हे जरूर पढ़े.
हालाँकि हर इन्सान की अलग अलग Expectation हो सकती है. जैसे किसी को अपनी लव लाइफ में कई Expectation है आप अपने जीवन की किसी भी अवस्था में हों बिना दिल में उम्मीद के आप खुश नहीं रह सकते। कभी कभी तो किसी को अपने भविष्य और कैरियर को लेकर और अगर पति पत्नी एक दुसरे से कोई Expectation नहीं करेंगे तो उनका वैवाहिक जीवन उन पर बोझ बन जायेगा या फिर उनका रिश्ता ज्यादा नहीं टिक पायेगा.
कई बार हम ऐसा महसूस करते है कि हमारे साथ कोई नहीं है. लेकिन उस वक्त यह याद रखना कि उम्मीद और ईश्वर हमेशा आपके साथ होते है. जहाँ उम्मीद और ईश्वर के लिए कोई स्थान नहीं होता है. खुद को थोड़ा आध्यात्मिक बनाइयें। और न ही अपने लक्ष्य की ओर ध्यान दे.. सबसे जरूरी बात नकारात्मक सोचना बिलकुल बंद कर दे.. अगर आपको हमारी शायरी पसंद आयी तो अपने दोस्तों के साथ Whatsapp पर जरूर शेयर करे।
Umeed Shayari
जो है #उचित काम आज वो सभी करेंकल बेहतर होगा इसकी ‘‘उम्मीद’’ तभी करें
बुरा दौर देख_ठहर मत जानाजो आग बनकर जलता हैवही तो #सूरज कहलाता है
ना ‘पूछना’ कैसे गुज़रता हैपल भी तेरे_बिनाकभी #देखने की हसरत मेंकभी मिलने की ‘‘उम्मीद’’ में !!
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Expectation Quotes In Hindi |
यूँ तो हर शाम ”उमीदों” मेंगुज़र जाती हैआज कुछ बात है जो #शाम पे रोना आया !!ऐ #मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आयाजाने क्यों आज तेरे_नाम पे रोना आया !!
लोग बदल जायेंगे वक़्त के साथये ‘‘उम्मीद’’ ही नहीं थी ….मगर .हम वहीं_ठहर गये वक़्त केबदलने की ‘‘उम्मीद’’ लेकर…
लोगों से ‘‘उम्मीद’’ इंसानो वालीरखे फरिश्तों वाली नही !!
‘‘उम्मीद’’ ऐसी तो ना थी महफ़िल के #अर्बाब-ए-बसीरत सेगुनाह-ए-शम्मा को भी जुर्म-ए-परवाना बना देंगे
वैसे ”धोखा” भी बहुत अजीब होता है!अक्सर वहीं से आता है,जहाँ से कोई ‘‘उम्मीद’’ नहीं होती!!
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Ummid Status |
जो ”वक़्त” की आंधी से खबरदार नहीं है,कुछ और ही होंगे वो #कलमकार नहीं है.
तुम जा सकते हो तुम्हे_परेशान होने की जरूरत नही हैहम यूँ ही किसी से वफ़ा की ‘‘उम्मीद’’ नही रखतेपर ये मत_समझना कि हम बेवफाई से ‘वाकिफ’ नही है
वो #नब्ज नहीं फिर थमने दी,जिस नब्ज को हमने_थाम लिया,बीमार है जो ‘किस’ धर्म का हैहमसे कभी ना यह #भेद हुआ,शरहद पर जो_वर्दी खाकी थीअब उसका रंग सफेद हुआ.
जब हम अपनी ‘‘उम्मीद’’ व सब कुछ खो देते हैतब हमें यह ज़िन्दगी #मौत और अपमान की तरह लगती है.
अब कोई ‘‘उम्मीद’’ न रही,इस जमाने से।सब छोड़ जाते हैं,किसी न किसी ”बहाने” से।।
‘‘उम्मीद’’, हिम्मत, चाहत, तलाश…शायद ज़िन्दगी इसी_को कहते हैं…!!
पता है मैं हमेशा_खुश क्यों रहता हूँ ?क्योंकि, मैं खुद के #सिवा किसी से कोई ‘‘उम्मीद’’ नहीं रखता।
#दीवानगी हो अक़्ल हो‘‘उम्मीद’’ हो कि आसअपना वही है ‘वक़्त’ पेजो #काम आ गया !!
वो ‘‘उम्मीद’’ ना कर मुझसे जिसके मैं ‘काबिल’ नहीं,खुशियाँ मेरे #नसीब में नहीं और यूँ बस,दिल रखने के लिए #मुस्कुराना भी वाज़िब नहीं।
जरूरी नहीं की कुछ_तोड़ने के लिए पत्थर ही मारा जाएलहजा बदल कर बोलने से भी बहुत_कुछ टूट जाता है
बदल जाएंगे हम भी #मौसम की तरहकोई सिद्दत से चाहो तो यारों#समस्या होती नहीं है बड़ीकोई सुलझाने का ‘प्रयास’ तो करो यारों
एक ‘‘उम्मीद’’ से दिल बहलता रहाइक तमन्ना सताती रही रात भर
बहुत_चमक है उन आँखों में अब भी,इंतज़ार नहीं बुझा पाया है ‘‘उम्मीद’’ की लौ!
जब हम_अपने आस-पास ईश्वर को #महसूस करते है,तब-तब हमें ‘‘उम्मीद’’ की नई किरण दिखाई देती है.
हमें सीमित निराशा को #स्वीकार करना चाहिएलेकिन ”असीमित” आशा को नहीं छोड़ना चाहिए
बिना #कोशिश के कामयाबी कीकभी भी ‘‘उम्मीद’’ मत रखनाऔर जो तोड़ दे ‘रिश्तों’ का धागारिश्तों में #कभी भी ऐसी ज़िद मत रखना
कटी हुई “टहनियां” कहां छांव देती हैहद से ज्यादा ‘उम्मीदें’ हमेशा घाव देती हैं
#Expectations की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,पूरी उसकी होती है, जो_तकदीर लेकर आता है”
हौसले के ‘तरकश’ मेंकोशिश का वो तीर ज़िंदा रखोहार जाओ चाहे #जिन्दगी मे सब कुछमगर फिर से जीतने की ‘‘उम्मीद’’ जिन्दा रखो!
एक ‘अरसे’ बाद हमारी नफ़्स #मुस्कुरा रही है जनाब,यक़ीनन उनके ”अल्फ़ाज़” में उमीद-ए-परवाज़ बेलौस है ।
मुझे #दुश्मन से भी ख़ुद्दारी की ‘‘उम्मीद’’ रहती हैकिसी का भी हो सर “क़दमों” में अच्छा नहीं लगता
खुश है तू अपनी_दुनिया मेंन जाने क्यों मैं ही कुछ लम्हे #थामकर बैठी थी।
अगर ”चाहत” हो कुछ करने कीतो छोटी सी ‘‘उम्मीद’’ एक बड़ा हौंसला बन जाती हैतिनका तिनका जोड़ती है ‘छोटी’ सी चिड़ियाचिड़िया की ‘‘उम्मीद’’ ही है जोतिनके के रूप में #घोंसला बन जाती है
लौट आयेंगी ”खुशियाँ”थोड़ा गमों का शोर है,जरा #संभलकर रहना दोस्तोंये इम्तिहानों का ‘दौर’ है.
उन लोगों को ‘‘उम्मीद’’ को कभी टूटने ना दोजिनकी आखिरी ‘‘उम्मीद’’ आप ही हो
खुशी दे या ”गम” दे मगर देते रहा करतू ‘‘उम्मीद’’ है मेरी तेरी हर #चीज़ अच्छी लगती है
सिर्फ़ सांसे_चलते रहने को ही #जिंदगी नहीं कहतेआंखों में कुछ ‘ख़्वाब’ और दिल में #उम्मीदों का होना जरूरी है।
उसकी प्यारी #मुस्कान होश उड़ा देती हैंउसकी आँखें हमें दुनिया_भुला देती हैंआएगी आज_भी वो सपने मैं यारोबस यही ‘‘उम्मीद’’ हमें रोज़ सुला देती हैं !!
रही ना #ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी,तो किस ‘‘उम्मीद’’ पे कहिये की आरज़ू क्या है।
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Umeed Status |
इन ‘सर्दियों’ से जोधूप की चाहत रख़ता हूँतुम्हें_पता हैं मैं तुमसेकितनी ‘‘उम्मीद’’ रख़ता हूँ
‘‘उम्मीद’’ वह आखिरी चीज हैजो व्यक्ति हारने से ”ठीक” पहले करता है
‘‘उम्मीद’’ वक्त का सबसे बड़ा सहारा है,गर हौसला हो तो हर #मौज में किनारा है,रात तो वक्त की #पाबंद है, ढल जायेगी,देखना ये है कि ‘चिरागों’ का सफर कितना है।
अपेक्षा के #बदले जब उपेक्षा मिलती है, तो पत्थर दिल इन्सान का भी दिल_टूटकर बिखर जाता है.
काश हम भी ”पत्थर” के होतेकुछ नहीं करते, ‘फिर’ भी लोग हमें पूजतेना किसी से ‘‘उम्मीद’’ करते औरना ही किसी की ‘‘उम्मीद’’ को तोड़तेफिर भी सब की आखिरी ‘‘उम्मीद’’ हम ही होते
#प्यार तो जी भर कर करो बस ‘‘उम्मीद’’ मत रखनाक्योंकि तकलीफ “मोहब्बत” नहीं उम्मीदें देती है
अब वफा की ‘‘उम्मीद’’ भी किस से करे भलामिटटी के बने लोग #कागजो मे बिक जाते है।
यकीन मानो #रिश्ता तोड़कर एक बार रोनारिश्ते में रहकर रोज रोज रोने से “लाख” गुना बेहतर है
नज़र में शोखि़याँ लब पर #मुहब्बत का तराना हैमेरी ‘‘उम्मीद’’ की जद में अभी सारा जमाना है
‘‘उम्मीद’’ ऐसी हो जो मंजिल तक ले जाये,मंजिल ऐसी हो जो जीना_सिखलाये,जीना ऐसा हो जो #रिश्तों की कदर करे,रिश्ते ऐसे हों जो याद करने को “मजबूर” करें।
‘‘उम्मीद’’ खुद से रखो कभी औरों से नहीं,यहां खुद के सिवा कोई_किसी का नहीं।
इतना भी ‘मत’ रुठ मुझसे,कि तुझे मनाने की ‘‘उम्मीद’’ ही खत्म हो जाए !!
अपने सीने से लगाए हुए ‘‘उम्मीद’’ की लाशमुद्दतों जीस्त को ”नाशाद” किया है मैंनेतूने तो एक ही #सदमे से किया था दो-चारदिल को हर तरह से ‘बर्बाद’ किया है मैंने…
शाम का मातम….आसमां से_उतरने लगा ,सब्र _अब मेरा…..जवाब देने लगा ,मंज़िल के #रस्ते को जाते…कदम ‘डगमगाने’ लगा ,शायद उम्मीदों का सवेरा”…मेरा अब ढलने लगा !!
और उनसे ‘‘उम्मीद’’ ए वफ़ा चाहते होपागल हो #बीमारी से दवा चाहते हो।”
जो सबसे अलग होते है उनके_साथ कोई नहीं होता ,वैसे भी मेरे ‘साथ’ कोई होगा इसकी ‘‘उम्मीद’’ भी नहीं है ।
‘‘उम्मीद’’ ऐसी न थी महफिल के #अर्बाब-ए-बसीरत सेगुनाह-ए-शम्मा को भी जुर्म-ए-परवाना बना देंगे
कुछ जज्बात #अनजाने में बाहर आजाते है#सम्भलेगें नही उनसे वोइसलिए हम चाह कर भी उनहे_बता नही पाते हैऔर फिर क्या जनाब,,,,,जज्बात हमारे #आँसू बन कर बह जाते है
जब लोग आपसे यह #Expect करें कि आप अपना आपा खो देंगे, ऐसी स्थिति में शांत रहकर दिखाना_परिपक्वता की निशानी है.
दूर हो के तुमसे ”ज़िंदगी” सज़ा सी लगती है,यह साँसे भी जैसे मुझसे_नाराज सी लगती हैं,अगर ‘‘उम्मीद’’-ए-वफ़ा करूँ तो किस से करूँ,मुझ को तो मेरी ज़िंदगी भी ‘बेवफ़ा’ लगती है।
Expectation Status In Hindi
मेरे जुनूँ का #नतीजा ज़रूर निकलेगाइसी सियाह ”समुंदर” से नूर निकलेगा
दिल-ए-वीराँ में अरमानो की #बस्ती तो बसाता हूँ,मुझे ‘‘उम्मीद’’ है हर आरज़ू ग़म साथ लाएगी !! –
#उम्मीदों की कश्ती को ङुबोया नहीं करते,मंज़िल दूर हो तो थक_कर रोया नहीं करते,रखते हैं जो दिल में ‘‘उम्मीद’’ कुछ पाने की,वो लोग #ज़िंदगी में कुछ खोया नहीं करते…
एक रात आप ने ‘‘उम्मीद’’ पे क्या रक्खा हैआज तक हम ने “चराग़ों” को जला रक्खा है
मिलने की ‘‘उम्मीद’’ तो नहीं है तुमसेलेकिन कैसे कहदूँ_इंतजार नहीं
सपनो की #दुनिया सज़ा रखी है,मोहब्बत की ”ज्योति” जला रखी है,मेरे दिल को “टूटने” से कोई बचा नहीं सकता,क्योंकि पत्थर दिल से प्यार की ‘‘उम्मीद’’ लगा रखी है
जब जब आपसे मिलने की ‘‘उम्मीद’’ नज़र आयीमेरे पैरों में #ज़ंजीर नज़र आयीगिर पड़े आँसू_आँखों सेऔर हर आंसू में आपकी #तस्वीर नज़र आई !!
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Expectation Status In Hindi |
कहने को तो ‘क़ायम’ है ‘‘उम्मीद’’ पर ये दुनियाअगर हो ख़ुशी अज़ीज़ कोई ‘‘उम्मीद’’ ना लगाना !!
आधे दुखः गलत लोगों से ‘‘उम्मीद’’ रखने से होते हैऔर बाकी आधे_सच्चे लोगों पर शक करने से होते है
उसी रह पर हम ‘‘उम्मीद’’लेकर बेचैन हैं की वो आयेंगे,#मौत को भी गुज़ारिशकी तोड़ा ‘इंतजार’ कर ले
कहने को लफ्ज दो हैं ‘‘उम्मीद’’ और हसरत,लेकिन निहाँ इसी में ”दुनिया” की दास्ताँ है
अबके #गुज़रो उस गली से तो जरा ठहर जाना,उस पीपल के साये में मेरी ‘‘उम्मीद’’ अब भी बैठी है।
होंसलों के_तरकश में,कोशिश का वो तीरज़िंदा रखो…हार जाओ चाहे ज़िंदगी में सब कु्छमगर फिर से जीतने की #उम्मी्द ज़िंदा रखो…
तेरी ‘‘उम्मीद’’ तेरा इंतज़ार करते हैहै सनम हम तो सिर्फतुमसे_प्यार करते है !!
कोई ‘‘उम्मीद’’ भी बाक़ी ना रही ज़िंदगी मे अबवो छ्छूद के चले गये ‘दामन’ को झाड़ केनिगाहे आस से तकती हैं #झलक पाने कोये_दिल ही जानता है अब कभी ना होगी सुबह
मुद्दतें_बीत गयी आज पर #यार-ए-ज़िद्द ना गयी,बंद कर दिए गए दरवाजे मगर ‘‘उम्मीद’’ ना गयी
जब #जिंदगी के सारे रास्ते बंद हो जाते है,तब ‘‘उम्मीद’’ ही जीवन का सही_रास्ता होता है.
करीब_इतना रहो कि रिश्तों में प्यार रहे,दूर भी इतना रहो कि आने का #इंतज़ार रहे,रखो ‘‘उम्मीद’’ रिश्तों के दरमियान इतनी,कि टूट जाये ‘‘उम्मीद’’ मगर रिश्ते बरक़रार रहें।
जब किसी को चाहो तो ये ‘‘उम्मीद’’ मत करो की वो भी तुम्हें चाहे। बस #कोशिश करो की तुम्हारी चाहत ऐसी हो की उसे तुम्हारे_सिवा किसी और की चाहत पसंद ना आये।
‘‘उम्मीद’’ वह सकारात्मक विचार है,जो इंसान को ”निराशा” में भी प्रयासकरने के लिए #प्रेरित करता है.
जीवन में बड़ी #सफलताएँ पाने वाले लोग इच्छाओं और “Expectations” को अपने नियन्त्रण में रखते हैं.
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Umeed Shayari In Hindi |
नज़र #कमजोर रखते होया फिर ‘चश्मा’ नहीं पहनानज़र में जोर जो होतातो हम भी_दिख गये होते
हम कई #रिशतों को टूटने से बचा सकते हैं
केवल अपनी सोच में यह छोटा सा #बदलाव करके,
कि #सामने वाला गलत नहीं है,
सिर्फ हमारी ‘‘उम्मीद’’ से थोङा अलग है
रात के ”बाद” फिर सुबह होगीऔर पतझड़ के #बाद फिर बहार लौटेगीग़मों से कभी_परेशान मत होनाग़मों के बाद फिर #खुशियाँ घर लौटेगीपतझड़ के बाद फिर बहार लौटेगी
अभी उसके लौट आने की ‘‘उम्मीद’’ बाकी है,किस तरह से मैं अपनी आँखें_मूँद लूँ।
अक़्सर हम जिनसे ‘‘उम्मीद’’ रखते हैं ज़ख्म पर मरहम लगाने की,सबसे ज्यादा जल्दी उन्हीं को होती है #ज़ख्म पर नमक लगाने की।।
अपनी #जिंदगी में किसी इंसान को अपनी_आदत न बनाना,क्योंकि जब वो #बदलता है, तो उससे ज्यादा खुद पर ‘गुस्सा’ आता है
बीते दिनों की #भूली हुई बात की तरह,आँखों में जागता है कोई_रात की तरह,उससे ‘‘उम्मीद’’ थी की निभाएगा साथ वो,वो भी बदल गया मेरे_हालात की तरह।
तोड़_दो हर वो ख्वाबहर ख्वाहिस ‘तोड़’ दोमुझसे तो तुमने कीवो ‘‘उम्मीद’’ छोड़ दो .
बादलों ने बहुत_बारिश बरसाई,तेरी याद ‘आई’ पर तू ना आई,सर्द रातों में उठ -उठ कर,हमने तुझे #आवाज़ लगाई,तेरी याद ‘आई’ पर तू ना आई,भीगी -भीगी हवाओ में,तेरी_ख़ुशबू है समाई,तेरी याद आई पर तू ना आई,बीत गया #बारिश का मौसमबस रह गयी ‘तनहाई’,तेरी याद आई पर तू ना आई।
मैं वो #ग़म-दोस्त हूँ जब कोई ताज़ा ग़म हुआ पैदा,न निकला एक भी मेरे सिवा ‘‘उम्मीद’’-वारों में !! –हैदर अली आतिश