Quotes In Hindi
जन्नत में सब कुछ है मगर मौत नहीं,
धार्मिक किताबों में सब कुछ है मगर झूठ नहीं,
दुनिया में सब कुछ है लेकिन सुकून नहीं,
#इंसान में सब कुछ है मगर सब्र नहीं…
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Humanity
Quotes In Hindi |
हमें #मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए जहाँ से #अनुशाशन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो.
सुधरें व्यक्ति और सुधरें परिवार होगा, तभी समाज सुधार होगा
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उपदेश से #स्वभाव नहीं बदला जा सकता।
गरम किया हुआ पानी फिर शीतल# हो जाता है।
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Human Nature
Quotes In Hindi |
इन्सान तभी इन्सान कहलाता, जब वह अपनी #मानवता दिखाता.
जो न कर सके जन कल्याण, उस नर से अच्छा पाषाण
#मानवता की सेवा करने वाले हाथ उतने ही #धन्य होते हैं
जितने परमात्मा# की प्रार्थना करने वाले #होंठ।
यदि आप, लोगों का न्याय करते हैं, तो आपके पास उन्हें प्यार करने का समय नहीं होगा।
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Humanity
Quotes Images In Hindi |
दूसरों के लिए जिया जाने वाल जीवन ही लाभप्रद हैं
धनबल जनबल बुद्धि अपार, सदाचार बिन सब बेकार
मैं नरक में जाने से नहीं डरता यदि पुस्तके मेरे साथ हो, मैं नरक को स्वर्ग बना दूंगा।
मेरी #पहली इच्छा मानवजाति# के प्लेग , युद्ध को इस #धरती से ख़त्म करने की है .
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Deep
Humanity Quotes In Hindi |
वही असली है धर्म अनुयायी, जिसने #मानवता की अलख जलाई.
अच्छा इन्सान बन जाए, #मानवता का कर्म निभाये.
यह भयावह रूप से स्पष्ट हो चुका है कि हमारी तकनीक हमारी #मानवता की सीमाएँ पार कर चुकी है.
अन्याय में सहयोग देना, अन्याय करने के ही समान है
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Best Shayari
On Humanity |
मानव जाति अपनी कल्पना से संचालित होती है।
मैंने ये हमेशा ये पाया है की कड़ी सजा या न्याय की तुलना में दया ज्यादा मीठे फल देती है। |
Humanity
Quotes Images In Hindi
जब हमने सैनिकों की कल्पना की तो हमने नागरिकों को एक तरफ नहीं रख दिया
#मानवता से प्यार करो सभी धर्म हमारे है सबका आदर-सम्मान करो
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Shayari On
Humanity In Hindi |
उठे थे #मानवता को जगाने मानव जागा नही खुद ही जगत में खो गए #इंसानियत जो #इंसान में हुआ करती थी उसी में बेईमान पैदा हो गए
मानव जाति के लिए अगला विकासवादी कदम मनुष्य से दयालु की ओर बढ़ना है।
सो सुख पाकर भी सुखी ना हो,
पर एक गम का दुःख मनाता है,
तभी तो कैसी करामात है कुदरत की,
लाश तो तैर जाती है पानी में,
पर जिंदा आदमी डूब जाता है…
अहं प्रदर्शन झूठी शान, ये सब बचकाते अरमान
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Humanity
Attitude Status In Hindi |
#मानवता का नाश करके व्यक्ति खुद अपना भी नाश कर रहा होता है।
तभी होगा यह #मानवता का नारा, जब बनोगे आप गरीबो का सहारा.
मैने हर जगह ढूंढा मुझे कही नही मिला गर तुम्हे कही #इंसान दिखे तो देखना..
कुछ तो मेरे सीने में भी ईमान रहने दो, काफ़िर न मैं मोमिन मुझे #इंसान रहने दो।
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Insaniyat
Quotes In Hindi |
जिस व्यक्ति में #इंसानियत जिन्दा नहीं होती, वह एक मृत शरीर के सामान होता है।
स्वभाव #इंसान को जन्म से मिलता है
और शिक्षा तथा संगति से उसे सुधारा जा सकता है।
हम क्या करते हैं, इसका #महत्व कम हैं,
किन्तु उसे हम किस भाव से करते हैं,
इसका अधिक #महत्व हैं.
महान बनने से पूर्व पहले, व्यक्ति को एक अच्छा #इंसान बनना पड़ता हैं।
दूसरों के साथ वह व्यवहार न करों,
जो तुम्हें अपने लिए पसंद नही.
हमारा धर्म #प्रेम होना चाहियें और जाति केवल #मानवता होनी चाहियें।
#इंसान तो हर घर में पैदा होते हैं!
बस #इंसानियत कहीं कहीं जन्म लेती है!
किसी व्यक्ति को #इंसानियत की समझ देना भी सबसे बड़ा पुण्य माना जाता है।
घर की #खुशहाली में स्वभाव का बड़ा #महत्व होता है।
Humanity
Quotes In Hindi With Images
स्वभाव# हमारी नैसर्गिक #प्रवृतियों की दस गुना #अभिव्यक्ति है।
मनुष्यता सबसे अधिक मूल्यवान हैं,
उसका रक्षा करना प्रत्येक जागरूक
व्यक्ति का परम #कर्तव्य हैं.
उसे दीजिये जिसे आप सबसे अधिक वापस पाना चाहते हैं .
उस व्यक्ति# का दर्जा समाज में हमेशा #ऊंचा रहता हैं, जो #मानवता की भलाई के लिए हमेशा #कार्य करता हैं।
धर्म के नाम पर अपनी #मानवता का त्याग करने वाला #व्यक्ति,
शायद यह #भूल जाता हैं की वो व्यक्ति भी एक #इंसान ही हैं।
क्या भरोसा है #ज़िन्दगी का,
#इंसान बुलबुला है पानी का,
जी रहे हैं #कपड़े बदल-बदल कर,
एक दिन एक कपड़े# में ले जाएंगे #कंधे बदल कर…
#मानवता सबसे बड़ा #धर्म है.
अपने को #मनुष्य बनाने का प्रयत्न करो,
यदि उसमें सफल# हो गये तो हर काम में #सफलता मिलेगी.
जिस व्यक्ति में #इंसानियत का एक भी गुण नहीं पाया जाता,
वह व्यक्ति ना चाहकर भी #इंसान कहलाने के लायक नहीं कहा जाता।
कोई व्यक्ति #अचानक स्वभाव के विपरीत आचरण# करे, तब शंका कीजिये।
नही #सुनी मैं ने कोई भी ऐसी कथा,
जिसमें मीले #फरयादी को सज़ा।
इस युग में ये घट रहा है, #मानव-मानव से कट रहा है।
लोगों को #हिन्दू याद है……
लोगों को #मुस्लिम याद है….
लोगों को #सिख याद है……
लोगों को #ईसाई भी याद है….
बस याद नहीं है तो “#मानवता “…..।।
क्या इस #विनाश में मानव का फ़िर #जन्म हुआ है ! बदलाव में #मानवता ज़िन्दा रहे… दुआ है !
अच्छा स्वभाव# शहद की मक्खी# की तरह है, जो प्रत्येक #झाड़ी से शहद ही निकालती है।
हर कोई #डॉक्टर या इंजीनियर# बनने के लिए दौड़ रहा है…
पर #इंसानियत के लिए कोई कदम# भी नहीं बढ़ा रहा!!
मत भर #दंभ की है तू प्रचंड। पर्वते भी हो जाती है #समतल।।
मन में तनिक# भी मत पाल घमंड। मनुष्य है तू,बहा #मानवता का निर्मल जल।।
आज दुनिया में #महान बनने की चाहत तो हर एक में हैं,
पर पहले #इंसान बनना अक्सर लोग #भूल जाते हैं
मानव# सेवा अनमोल है, नहीं इसका कोई #मोल है.
#वैवाहिक जीवन में पति-पत्नी का #स्वभाव ही जीवन की बुनियाद# है।
जो व्यक्ति #सत्य के साथ कर्तव्य #परायणता में लीन हैं
उसके #मार्ग में बाधक बनना कोई #सरल काम नही हैं.
अगर तुम्हे चाहिए , तो पहले दो ; यही #बुद्धिमानी की शुरुआत है .
#इंसान तो हर घर# में पैदा होते हैं,
परन्तु #इंसानियत कुछ ही घरों में #जन्म लेती हैं
जिस समाज में #इंसानियत की कदर नहीं होती,
वह समाज पढ़ लिखकर# भी अनपढ़ ही कहलाया जाता हैं।
आपको #मानवता में विश्वास नही खोना चाहिए. #मानवता एक समंदर है;
अगर #समुंद्र की कुछ बूँदें गन्दी है तो #समुन्द्र गंदा नहीं बन जाता.
स्वभाव सबका #भिन्न-भिन्न होता है।
न किसी के बनाने से बनता है
न बिगाड़ने# से बिगड़ता है।
आज हर व्यक्ति #पैसो के लालच में इतना गिर गया हैं,
की वह इसके चलते अपनी #इंसानियत भी खो बैठा हैं।
दूसरों की #सेवा करना वह किराया है
जो आप अपने #कमरे के लिए यहाँ पृथ्वी# पर देते हैं।
स्वभाव# की उग्रता झगड़े की आग को भड़काती है,
परन्तु विलम्ब से क्रोध करने वाला #व्यक्ति अपने मधुर वचन# से बुझा देता है।
#बेजान चीज़ों को बदनाम करने के,
तरीके कितने आसान होते हैं,
लोग सुनते हैं #छुप-छुप के बातें,
और कहते हैं कि #दीवारों के भी कान होते हैं…
बुरे लोगो को #निंदा में ही आनंद आता है।
सारे #रसों को चखकर भी कौआ #गन्दगी से ही तृप्त होता है।
जो लोग #जाती के नाम पर भेद भाव करते हैं,
वह #मुसीबत के वक्त उनसे भी सहायता# लेने से नहीं कतराते है।
साथ चलो #हाथ बढ़ाना, जन हित में #योगदान कराना.
चलो खुद# को बेहतर बनाये, पहले अच्छे #इन्सान कहलाये.
अपने से नीचे गरीब लोगो के साथ दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्ति के जहन से #इंसानियत का नाश हो चुका होता हैं।
जब कोई व्यक्ति अपनी #औकाद से ज्यादा कमाने लगता हैं,
तो वह #इंसानियत की समझ को भूलने लगता हैं।
इस #दुनिया में किसी भी #व्यक्ति का स्वभाव
प्राकृतिक रूप से ऐसा नहीं है जिसे #कम्प्लीट कहा जा सके।
उसे आवश्यकता होती है #देखभाल की, आत्मसंयम की।
कहीं भी आतंकवाद #मानवता के लिए खतरा है
यहा हर #व्यक्ति एक दूसरे की जान का #दुशमन बना बैठा हैं,
शायद वह अपनी #इंसानियत को कही खो बैठा हैं।
जिस मनुष्य# में स्वयं का विवेक, चेतना और #बोध नहीं है, उसके लिए #शास्त्र क्या कर सकता हैं, जैसे कि आँखों से हीन अर्थात अंधे #मनुष्य के लिए दर्पण क्या कर सकता हैं.