Sufi Shayari In Hindi: सूफी का मूल अर्थ वह होता है जो की “ ऊन (ṣūf) पहनता है”14वीं शताब्दी में एक अरब इतिहासकार इब्न-ए-ख़लदुन ने सूफ़ीवाद को कुछ इस प्रकार से परिभाषित किया है,
“शोहरत, दौलत, तमाम तरह की दुनिया लज्ज़तों से खुद को बहुत दूर करके अपने रब से लौ लगाना और उसकी इबादत करना ही सूफ़ीवाद है. ऊनी कपड़े पारंपरिक रूप से तपस्वियों और मनीषियों से जुड़े थे। सूफ़ी का संदर्भ आत्मा के परमात्मा से मिलन से है।
परमात्मा जो भी किसी भी नाम से आप उससे बुलाओ कोई फरक नहीं पढ़ता, वो सिर्फ दिल की आवाज सुनता है, आज हम आप के लिए ऐसे ही सूफी कोट्स सूफी अंदाज़ में लेकर आये है आइए चलते हैं सूफी शायरों की ओर।
Sufi Shayari In Hindi
हुम्हे पता है तुम कहीं और के मुसाफिर हो,हुम्हारा शहर तो बस यूँ ही रास्ते में आया था।
Sufi Shayari In Hindi |
ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है, रहे सामने और दिखाई न दे
कतरे कतरे पर खुदा की निगाहे करम है..न तुम पर ज्यादा न हम पर कम है
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आपके जीवन को केवलएक ही आदमी बदल सकता है,वह है आप खुद।
Sufi Quotes In Hindi |
आज इंसान का चेहरा तो है सूरज की तरह, रूह में घोर अँधेरे के सिवा कुछ भी नहीं..
मुझतक कब उन की बज़्म में आता था दौर-ए-जामसाक़ी ने कुछ मिला न दिया हो शराब में
हमारा तो इश्क़ भी सूफियाना है इश्क़ करते करते हम खुद ही सूफी हो गए
तुम जानते नहीं मेरे दर्द का कमाल ,तुम को जहाँ मिला सारा, मुझे बस खुदा
अपनी #छवी बनाय के जो मैं पी के #पास गईजब छवी देखी #पीहू की तो अपनी भूल गई
चुप – चाप बैठे है, आज सपने मेरे लगता है हकीकत ने सबक सिखाया है…
Sufi Quotes In Hindi
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मंजिलों की खबर खुदा जाने, इश्क है रहनुमा फकीरों का…
Sufi Shayari |
मंजिलो की खबर खुदा जाने ,इश्क़ है रहनुमा फ़कीरो का
हैफ़ उस चार गिरह कपड़े की क़िस्मत ‘ग़ालिब’जिस की #क़िस्मत में हो आशिक़ का #गरेबाँ होना
एक ऐसी रात भी है जो कभी नहीं सोती ये सुन कर सो न सका रात भर नमाज़ पढ़ी हमने
दुनिया में तेरे इश्क़ का चर्चा ना करेंगे, मर जायेंगे लेकिन तुझे रुस्वा ना करेंगे,#गुस्ताख़ निगाहों से अगर तुमको #गिला है, हम दूर से भी अब #तुम्हें देखा ना करेंगे।
हज़रत-ए-नासेह गर आवें दीदा ओ दिल फ़र्श-ए-राहकोई मुझ को ये तो समझा दो कि समझावेंगे क्या
न अपनी #रूह पर पकड़, न धन #दौलत चली संग,न दीन दुनिया अपनी हुई, न ढूंढ पाये हरी रंगकिस बात का वहम, किस बात का अहंकारकिस बात की कि मैं मेरी, किस बात की थी जंग
#फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ इश्क मुकम्मल, #इंसानों को तो हमने सिर्फ #बर्बाद होते देखा है…
न मांझी न हमसफ़र, न हक़ में हवाएं,और कस्ती भी जर्जर, ये कैसा सफर है,अलग मजा है फ़क़ीर का अपना ..न #पाने की चिंता न #खोने का डर है।
जग में आ कर इधर उधर देखातू ही आया नज़र जिधर देखा
पूछा मैं दर्द से कि बता तू सही मुझेऐ ख़ानुमाँ-ख़राब है तेरे भी घर कहींकहने लगा मकान-ए-मुअ’य्यन फ़क़ीर कोलाज़िम है क्या कि एक ही जागह हो हर कहीं
किस #तरह छोड़ दूँ ऐ यार मैं #चाहत तेरीमेरे ईमान का हासिल है मोहब्बत तेरी
मैं अपने सैयाँ संग साँचीअब काहे की लाज सजनी परगट होवे नाचीदिवस भूख न चैन कबहिन नींद निसु नासी
Sufi Shayari
होने दो तमाशा मेरी भी जिंदगी का..मैंने भी बहुत तालिया बजाई है मेल में…
सर #झुकाने की #खूबसूरती भीक्या कमाल की होती है..धरती पर सर रखो और दुआ आसमान में कबूल हो जाती है..
कुछ इस तरह मैंने जिंदगी को आसा कर लिया किसीसे माफ़ी मांगी, और किसी को माफ़ कर दिया।
जमीर ज़िंदा रख,कबीर ज़िंदा रख,सुल्तान भी बन जाए तो,दिल में फ़क़ीर ज़िंदा रख..
क्या इल्जाम लगाओगे मेरी आशिकी परहम तो #सांस भी तुम्हारी यादों# से पूछ कर लेते हैं
Sufi Poetry In Hindi |
सुनो! एक तो मैं ‘सूफ़ी सा बन्दा’ और उस पर तुम एक ‘मासूम सी परी’… उफ्फ्फफ ! कमबख्त ‘इश्क’ तो होना ही था हो गया
बयान नहीं होता अब हाल-इ-दिल हमसे तुम समझ जाओ खुद से तो खुदा की रहमत समझें हम..!!
तलब #मौत की क्यूं करना गुनाह ए कबीरा है मरने का #शोंक है तो इश्क़ क्यों नहीं करते
तिरी चाहत के भीगे जंगलों मेंमिरा तन मोर बन कर नाचता है
क्या है राज ए #नसीबा खुदा जानता है फेंक आसा ज़मीन पे #मूसा आगे खुदा जानता है करके जुदा याकूब से युसुफ को ये भी राज #खुदा जानता है कौनसा रास्ता है मंज़िल मुराद ये बात बस सिर्फ #खुदा जानता है। शहादत ए इमाम हुसैन #अलैहिस्सलाम की बेहतर सब से #खुदा जानता है।