Mausam Shayari: दोस्तों आज की खास पोस्ट हम सबों में कोई ना कोई को एक मौसम बहुत पसंद होता है चाहे वह सर्दी का मौसम हो या बारिश का मौसम, हम उस मौसम की बेसब्री से इंतजार करते हैं वैसे प्यार तो मौसम पर बिलकुल निर्भर नहीं करता पर फिर भी कुछ ऐसे मौसम होते है
जो हमें बहुत ही जादा पसंद आते है जैसे बरसात , सर्दी , बसंत मौसम इन सभी मौसम का अपना एक महत्व है मौसम हम सभी को बहुत पसंद होते हैं। मौसम कभी सुहावना होता है तो कभी सर्द व गर्म, कभी चारों तरफ फूल खिले होते हैं तो कभी पतझड़। मौसम के इन्ही बदलते रंगों को शायरों ने कुछ खास तरह से बयाँ किया है। जिन्हें हम शायरी के माध्यम से आप तक पहुंचाना चाहते हैं।
ताकि हम उस मौसम का लुफ्त उठा सके पलों को याद करते हुए सुहाना मौसम शायरी शेयर करने जा रहे हैं आपको यह मौसम शायरी और मौसम स्टेटस हिंदी में पढ़ने को मिलेगा और कुछ इमेजेस शायरी के साथ भी शेयर किए हैं. मौसम अपने परिवर्तन के लिए जाना जाता हैं। और यही खासियत उन्हें खूबसूरती देता है।
यदि मौसम न बदले तो क्या जीवन इतना सुखी होता? मुझे ऐसा नहीं लगता। इस संसार में केवल मौसम के परिवर्तन से ही जीवन है। अगर आप लोगो को कोट्स पसंद आये तो प्लीज अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे ताकि वो भी Weather Quotes In Hindi का आनंद ले सके।
Mausam Shayari
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Mausam Shayari |
चन्द_बूँदें क्या बरसीं बरसात की
धूल की फ़ितरत ही ”बदल” गयी!
बारिश का “मौसम” और तुम्हारी याद
चलो फिर से मिले एक कप_चाय के साथ
वही पर्दा, वही_खिड़की, वही मौसम, वही आहट।
शरारत है, शरारत है, ”शरारत” है, शरारत है।
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Shayari On Mausam |
कुछ अपना ”अंदाज” है,
कुछ मौसम रंगीन है,
तारीफ करूँ या_चुप रहूँ
जुर्म दोनो ही संगीन है.
मेरे दिल को ”तोड़कर” तू मिलने का #बहाना न कर,
दर्द हमने बहुत सहे है, इस ”मौसम” को सुहाना न कर.
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Weather Quotes In Hindi |
दिसंबर में ”मौसम” भी कति प्यारा होता है
होता ठंडा है मगर
फिर भी सबका_दुलारा होता है।
दिन छोटे और रातें ”लेम्बी” होने लगी है
#मौसम ने यादों का समय बढा दिया
की कहा_पूरी होती है दिल की सभी ”ख्वाहिशे”
की बारिश भी हो #यार भी और वो पास भी हो
तुम्हारे ”चेहरे” का मौसम बड़ा सुहाना लगे।
मैं थोडा लुफ्त उठा लू अगर_बुरा न लगे।।
भला_किसने जाना हैं बदलते हुए #मौसम का मिजाज
उसको चाहों तब ”समझ” पाओगे फितरत उसकी!
जाता हुआ मौसम_लौटकर आया है, काश वो भी #कोशिश करके देखे? ।
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Mausam Quotes In Hindi |
गर्मी के #मौसम का भी एक पल आता है
जिसमे आधे कपड़े और ठंडे_पानी का नल भाता है
#बालकनी से बाहर आकर कर देखो ये #जानेजाना।
मौसम तुम से मेरे_दिल की बात कहने आया है।।
#मौसम ने बनाया है निगाहों को #शराबी,
जिस फूल को ”देखूं” वो ही पैमाना हुआ है.
जितना ”मौसम” परवा चढ़ रहा,
उतना मेरा प्यार_बढ़ रहा।
#महकते लबों को तेरी ज़रूरत है,
हमें तुमसे #बेतहाशा मोहब्बत है।
कुछ तो ”हवा” भी सर्द थी
कुछ था तेरा #ख़याल भी,
दिल को #ख़ुशी के साथ साथ
होता रहा_मलाल भी।
सर्दी के ”मौसम” का मजा अलग सा है,
रात मे रजाई का मजा_अलग सा है.
#मंजर भी बेनूर थे
और फिजायें भी #बेरंग थी,
तुम्हारी याद आयी और
मौसम_सुहाना हो गया।
रुका हुआ है #अज़ब धुप छाँव का मौसम,
गुज़र रहा है कोई ”दिल” से बादलों की तरह..!!
#मौसम भी है सुहाना, #बारिश भी हो रही है,
बस एक कमी है तेरा मुझसे_गले लग जाना.
सुहाने ”मौसम” से मैं आज भी डरता हूँ,
उसे भूलने की “कोशिश” आज भी करता हूँ.
इनपे कभी #मौसम का असर क्यों नहीं होता,
रद्द क्यों तेरी यादों की #उड़ाने नहीं होती.
कब #तलक दिल में जगह दोगे ”हवा” के ख़ौफ़ को।
बादबाँ खोलो कि #मौसम का इशारा हो चुका।।
आपकी यादें ”दिल” को हमेशा #तड़पाती रहती है..
ये है ”मौसम” का जादू है, या रूह बेगानी होती है..
सतरंगी #अरमानों वाले,
सपने #दिल में पलते हैं,
आशा और ”निराशा” की,
धुन में रोज मचलते हैं,
बरस-बरस के #सावन सोंचे,
प्यास मिटाई दुनिया की,
वो क्या_जाने दीवाने तो
सावन में ही जलते है।
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Suhana Mausam Shayari |
महबूब के ”बिना” हर मौसम उदास सा लगता है,
महबूब हो पास तो हर मौसम_ख़ास सा लगता है.
#मौसम का मजा तो गरीब लेते है,
अमीरों को गर्मी_सर्दी और
बरसात के #मौसम का पता ही
कहाँ चलता है.
मौसम ”बदले” कोई बात नहीं आप ना #बदलना बस
हमेशा रहना संग मेरे #साथ-साथ चलना बस
#बदलते लोग बदलते रिश्ते और #बदलता मौसम
चाहे दिखाई ना दे मगर_महसूस जरूर होते हैं
#अच्छा सुनो तुम अपना जरा ”ध्यान” रखना,
अभी मौसम #बीमारी का भी हैं और ‘इश्क’ का भी।।
आप बदले है #मौसम की तरह हम नहीं
आज भी उतना ही प्यार_करते है आपसे
ज़रा_सा भी ये हुआ कम नहीं
आज #मौसम भी बड़ी ‘बेईमानी’ कर रहा है
खुद तो अच्छे से #देख रहा है उन्हें
पर म देखूं
तो #परेशानी कर रहा है।
Shayari On Mausam
कम से #कम अपनी जुल्फे तो ”बाँध” लिया करो।
कमबख्त. बेवजह #मौसम बदल दिया करते हैं।।
जो आना चाहो_हज़ारों रास्ते, न आना चाहो तो #हज़ारों बहाने। मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल रास्ता बरसती_बारिश और ख़राब मौसम।
भूली ”यादों” को याद कर के आज रोया हूँ
भूले जख्मो को आज फिर से म-भिगोया हूँ
तभी ठंडी के #मौसम में भी लंबी चदर को #तान सोया हूँ।
बहुत ही ”सर्द” है अब के दयार-ए-शौक़ का #मौसम, चलो गुज़रे दिनों की राख में ”चिंगारियाँ” ढूँडें।
एक पुराना_मौसम लौटा याद भरी #पुरबाई भी,
ऐसा तो_कम ही होता है वो भी हो ”तन्हाई” भी।
तेरे #इंतजार का मजा ही कुछ और है
अरे उसके आगे तो तेरे इस #मौसम का
मजा भी #कमजोर है !
सुहाने से “मौसम” में, रूहानी सी बात_कह गई,
उससे प्यार नही #करना था, मगर प्यार हो गई.
#आज है वो बहार का मौसम,
फूल तोड़ूँ तो हाथ_जाम आए।।
शहर में ”बिखरी” हुई हैं, ज़ख्म-ए-दिल की खुशबुएँ,
ऐसा लगता है के #दीवानों का मौसम आ गया।।
जो आना_चाहो हज़ारों रास्ते
न आना चाहो तो #हज़ारों बहाने।
मिज़ाज-ऐ-बरहम , मुश्किल_रास्ता
बरसती #बारिश और ख़राब मौसम।।
कहा ”पूरी” होती है दिल की सभी #ख्वाहिशे
की #बारिश भी हो यार भी और वो पास भी हो!
उदास_छोड़ गया वो हर एक #मौसम को,
ग़ुलाब खिलते थे कल_जिसके मुस्कुराने से.
इश्क के ”चर्चे” बहुत हैं दोस्तों
हुस्न के पर्चे बहुत है #यारों
#इश्क करने से पहले जान लेना
इसमें #खर्चे बहुत है दोस्तो।
हमें इस_सर्द मौसम में तेरी यादें #सताती हैं,
तुम्हें एहसास होने तक_दिसंबर बीत जायेगा.
कुछ_दर्द कुछ नमी कुछ बातें #जुदाई की,
गुजर गया ”ख्यालों” से तेरी याद का मौसम.
तुम #मौसम की तरह बदल रही हो,,
मैं फसल की तरह “बरबाद” हो रहा हूँ..!!
#बरसात में यादों को साथ
लेकर हम_भीग जाएंगे..
दिल से देना #आवाज खुद
बादल बन कर आएंगे..
सर्द #मौसम में छनी हुयी धुप सी_लगते हो,
कोई बादल हरे #मौसम का फ़िर ऐलान करता है.
रात_बैठी थी आग के पास
फिर याद_आई वो शिमला की रात
वो तेरे प्यार की #गर्मी थी
उस #साल कहाँ सर्दी थी!
घटा #देख कर ख़ुश हुईं ”लड़कियाँ”
छतों पर खिले_फूल बरसात के!
जब से तेरे_ख़याल का मौसम हुआ है ”दोस्त”
दुनिया की #धूप-छाँव से आगे निकल गये.
#मौसम हुआ सुहाना दिल हुआ_गुलजार हो गए,
मुस्कुराए वो और हम #कर्जदार हो गए
मस्त #मौसम दिल में बहार_लाता है,
बिछड़े हुआ ”जोड़े” को फिर से मिलाता है.
मौसम गए #सुकून गया ज़िन्दगी गई
दीवानगी की #आग में क्या-क्या गया न पूछ।
कम से ”कम” अपनी जुल्फे तो बाँध_लिया करो,
कमबख्त बेवजह “मौसम” बदल दिया करते हैं.
इस ठंडे “मौसम” की बाहर बन कर
ठंडी में भी गर्मी की #फुहार बनकर
शुर मय #जीवन में छनकार बनकर
तेरी मोहोब्बत में फसा हूँ
एक ‘लाचार’ बनकर।
कुछ आपका ”अंदाज” है कुछ मौसम रंगीन है,
#तारीफ करूँ या चुप रहूँ, जुर्म दोनो_संगीन है.
#मौसम की तरह बदलना तुम्ही ने_सिखाया है
तभी तो आज ये ”चाँद” तेरे लिए नहीं…….
तेरी #दोस्त के लिए आया है
#पतझड़ में सिर्फ पत्ते_गिरते हैं,
नज़रों से गिरने का कोई #मौसम नहीं होता.
सुना है बहुत_बारिश हुई तेरे शहर में
ज्यादा #भीगना मत
धुल गयी अगर सारी #गलतफहमियां
तो बहुत_याद आएंगे हम!
बेईमान_मौसम से पूछो
कुछ #हरकत कर रहा है
बताता नहीं क्या
ये मेरे #हमसफर से डर रहा है!
#तपिश और बढ़ गयी इन चंद_बूंदों के बाद
काले स्याह बादल ने भी यूँ ”बहलाया” मुझे
मैं तेरे ”हिज्र” की बरसात में कब_तक भीगूँ
ऐसे मौसम में तो #दीवारे भी गिर जाती हैं!
तुम्हारे शहर का ”मौसम” बड़ा सुहाना लगे।
मैं #शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे।।
#रोता है खुद भी और
मुझे भी_रुलाता है..
मौसम यह ”बारिश” का
यादें उसकी दिलाता है..
खुद भी ”रोता” है मुझे भी रुला देता है
ये बारिश का #मौसम
उसकी याद_दिला देता है!
आज #मौसम कितना खुश #गंवार हो गया
खत्म सभी का ”इंतज़ार” हो गया
बारिश की बूंदे_गिरी कुछ इस तरह से
लगा जैसे #आसमान को ज़मीन से प्यार हो गया!
#हँसाना नहीं बस रुलाना_जानता है
ये मौसम भी ना ”बस” औरों को फसाना_जानता है।
पता ना था #बारिश बरसकर ऐसे रो पड़ेगी..
हमनें उसे सिर्फ कहानी_दिल की सुनाई थी..
Weather Quotes In Hindi
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Mausam Status In Hindi |
प्यार के ”मौसम” में जीवन बीत जाएँ,
तो वो जिंदगी सबसे #खूबसूरत है,
एक तरफ़ा_प्यार में जीवन बीत जाएँ,
वो भी जिन्दगी ”हसीन” है,
मगर जिसको किसी से प्यार नही है,
उसके_जीना ही बेकार है.
तन्हा #मौसम हैं उदास रात हैं वो_मिल के
बिछड़ गए ये कैसी #मुलाकात हैं दिल धडक
तो रहा हैं मगर ”आवाज” नहीं हैं वो धड़कन
भी साथ ले गए कितनी_अजीब बात हैं!
#बारिश का ये मौसम कुछ याद_दिलाता हैं,
किसी के साथ होने का #एहसास दिलाता हैं,
फ़िज़ा भी ”सर्द” हैं यादें भी ताज़ा हैं,
ये मौसम किसी का ”प्यार” दिल में जगाता हैं…
मेरी_सुबह को आज आसमान #मिल गया
चाय की चुस्कियो में वो पुराना ”तूफ़ान” मिल गया
देखो_आज फिर अपने शहर की गलियों को
फिर से चांदनी_चोक की रोनक को पैमान मिल गया!
तब्दीली जब आती है ”मौसम” की अदाओं में,
किसी का यूँ_बदल जाना बहुत ही याद आता है।।
#रंगरलियां करते हुए इस ”मौसम” से पूछो जरा
मेरा महबूब के घर और #गलियों का पता
उनके अंदर के ”नेचर” और फिलिंग का पता
अरे मौसम रुक मत तू #जल्दी बता
मुझे_लव है उन्हें क्या ये भी है पता
प्यारे मौसम तू रुक मत #चल जल्दी बता।
जिसके_आने से मेरे ज़ख्म #भरा करते थे,
अब वो मौसम मेरे “ज़ख्मो” को हरा करते हैं.
तुमको #बारिश पसंद है मुझे “बारिश” में तुम
तुमको हँसना_पसंद है मुझे हस्ती हुए तुम
तुमको बोलना_पसंद है मुझे बोलते हुए तुम
तुमको सब कुछ _पसंद है और मुझे बस तुम!

उदास ”ज़िन्दगी”, उदास वक्त, उदास मौसम।
कितनी चीज़ों पे #इल्ज़ाम लग जाता है तेरे बात न करने से।।
#मौसम की तरह इंसान नही_बदलते है,
मौसम #बदलने का पता चल जाता है,
मगर इंसान के “बदलने” का पता
बड़ी देर में चलता है.
तेरे #तसव्वुर की धूप ओढ़े खड़ा हूँ छत पर,
मेरे लिए सर्दियों का “मौसम” ज़रा अलग है.
#मौसम का खुमार ऐसा है
कि दिल_बस यही कहे जाये।
एक कप ”चाय” के साथ
एक प्लेट_पकोड़े हो जाये !
#मौसम का रुख बदल रहा है,
मेरा मन_मचल रहा है।
कहता है #मेहबूब से मिल ले ,
अब दिल नहीं ”संभल” रहा है।
काश तुझे_सर्दी के मौसम मे लगे #मुहब्बत की ठंड,
और तू तड़प कर माँगे मुझे_कम्बल की तरह..!
देखा है #तुम्हारे आगे
शर्मा के फूलों को ”मुरझाते”
ए जहाँ को ‘घायल’ करने वाले
तुम डिओडोरेंट क्यों नहीं लगाते।
दूर तक छाए थे “बादल” और कहीं साया न था,
इस तरह बरसात का #मौसम कभी आया न था.
क्या ”लाजवाब” था तेरा छोड़ के जाना,
भरी भरी आँखों से #मुस्कुराये थे हम,
अब तो_सिर्फ मैं हूँ और तेरी यादें हैं,
गुजर रहे हैं यूँ ही #तन्हाई के मौसम…
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Barish Mausam Shayari |
जिसके_आने से मेरे ज़ख्म भरा_करते थे,
अब वो मौसम मेरे #ज़ख्मो को हरा करते हैं.
फूल_खिलते हैं बहारों का समा होता है,
ऐसे मौसम में ही तो प्यार_जवां होता है,
दिल की #बातों को होठों से नहीं कहते,
ये फ़साना तो “निगाहों” से बयाँ होता है…
जाता हुआ #मौसम लौटकर आया है,
काश वो भी “कोशिश” करके देखे?
ये हंसी #मौसम, ये नज़ारे, ये बारिश, ये हवाएं
लगता है “मोहब्बत” ने फ़िर किसी का साथ दिया है…
कुछ तो तेरे_मौसम ही मुझे रास ‘कम’ आये
और कुछ तेरी #मिटटी में बगावत भी बहुत थी।
धुप सा रंग है और ”खुद” है वो छाँवो जैसा, उसकी #पायल में बरसात का मौसम छनके।”क़तील शिफ़ाई”
हमारा_हर वो मौसम सुहाना होता हैं
जब तुम्हारा #करीब हमारे आना होता हैं
तेज हवायें हमको ”छूने” लगाती हैं और
दिल मैं #तूफान का उठा जाना होता हैं!
#मौसम की बहार अच्छी हो,
फूलो की कलिया_कच्ची हो,
हमारी ये दोस्ती ‘सच्ची’ हो,
रब बस एक ”दुआ” है मेरे दोस्त की हर शाम_अच्छी हो…
नीचे_गिरे पत्ते भी सुख #जाया करते है
सर्दी के #मौसम में जोड़े भी रूठ जाया
करते है !
यूँ ही शाख से #पत्ते गिरा नहीं करते, बिछड़ के लोग भी #ज्यादा जिया नहीं करते। जो आने वाले हैं “मौसम” उनका एहतराम करो, जो दिन #गुजर गए उनको गिना नहीं करते।।।
आज कुछ_शर्माए से लगते हो
सर्दी के कारण “कपकपाए” से लगते हो
चेहरा आपका #खिलखिलाये सा लगता है
हफ्ते के बाद ”नहाए” से लगते हो।
बादलों ने बहुत_बारिश बरसाई,
तेरी याद आई पर तू_ना आई,
सर्द #रातों में उठ -उठ कर,
हमने तुझे आवाज़ लगाई,
तेरी याद_आई पर तू ना आई,
भीगी -भीगी #हवाओ में,
तेरी ख़ुशबू है समाई,
तेरी याद_आई पर तू ना आई,
बीत गया ”बारिश” का मौसम
बस रह गयी तनहाई,
तेरी याद_आई पर तू ना आई।
तो आपको हमारे Mausam Status In Hindi कैसे लगे। अगर यह कोट्स आपको पसंद आया है आपको इन Barish Mausam Shayari को पढ़कर काफी अच्छा महसूस हुआ होगा। आगे भी ऐसी कोट्स के लिए हमे Follow करे हमारे Instagram पर और Quotes को Share करे। धन्यवाद।