65+ Soch Shayari | Achi Soch Shayari 2021 (अच्छी सोच शायरी)

Soch Shayari: दोस्तों आज जो हमने शायरी अपने ब्लॉग पर पोस्ट की है। Achi Soch Shayari जिनको पढ़ कर आपको अच्छा लगेगा, अच्छी सोच का मतलब यह है कि दूसरों के बारे में आपकी क्या राय है आप दूसरों को किस प्रकार से देखते हैं। 

अच्छी_सोच को दूसरों के साथ शेयर करना भी एक अच्छी सोच और अच्छा इंसान बनने की खूबियां हैं। इसलिए “दोस्तों” हमारे द्वारा यहाँ बहुत सी Soch Par Shayari कोट्स और sms का विशाल संग्रह बनाया गया है। आप हमारी शायरी इमेजेज को अपने Status और Wallpapers में भी लगा सकते है,

Soch Shayari

#तसल्ली से पढ़ा होता
तो “समझ” में आ जाते हम
कुछ पन्ने बिन_पढ़े ही 
#पलट दिए होंगे तुमने
Soch Shayari
Galat Soch Shayari

#मुश्किलों को हराया जा सकता है, लेकिन केवल_कर्म के बल पर. ना कि खोखले #प्लान बनाकर.

अच्छी_सोच ही तुम्हे #बड़ा बनाती है
खड़ा कर तुम्हे अपने_पैरों पर
अपने #सपनो के मुक़ाम तक_पहुंचती है।
यह भी पढ़े।

Achi Soch Shayari
अच्छी_सोच दिखाई नहीं जाती 
और 
बुरी सोच_छिपाई नहीं जाती  
Achi Soch Shayari
Soch Par Shayari
दिन पर ‘दिन’ गिरते जा रहे_शब्दों के दाम,
#सोच रहा हूँ शुरू करूँ कोई दूसरा_काम।
Achi Soch Shayari
ये #दरिया-ए-इश्क है कदम जरा_सोच के रखना,
इस में उतर कर_किसी को किनारा नहीं मिला।
Gehri Soch Shayari
#इश्क़ और मेरी ‘बनती’ नहीं, वो गुलामी
चाहता है और मै #बचपन से आज़ाद
Gehri Soch Shayari
अच्छी_सोच ही तुम्हे बड़ा बनाती है 
खड़ा कर तुम्हे अपने_पैरों पर 
अपने #सपनो के मुक़ाम तक पहुंचती है।  
Gehri Soch Shayari
Gehri Soch Shayari

जैंसे बिन “पंछी” के घोंसला अधूरा सा लगता है ‘वैंसे’ ही अगर दिल में दया न हो तो “सोने” का दिल भी छोटा सा लगता है

Gehri Soch Shayari
#ताल्लुक़ात बढ़ाने हैं तो
कुछ आदतें_बुरी भी सीख लो
ऐब ना हो
लोग “महफ़िलों” में नहीं बुलाते
#लहरों को साहिल की ‘दरकार’ नही होती,
हौसलें बुलंद हो तो कोई #दीवार नही होती,
जलते हुए #चिराग ने आँधियों से ये कहा
उजाला देने वालों की कभी_हार नही होती.
अच्छी_सोच अच्छा जीवन जीने की
पहली_सीढ़ी है।
अपने_लहज़े पे गोर कर के बता
लफ्ज़ ‘कितने’ हैं और
तीर कितने हैं

कभी-कभी #थक जाइये जब जीवन की #भागदौड़ से तो खुद के लिए भी कुछ_वक्त निकाल लीजिये.

इस_शहर में न जाने कैसे कैसे लोग_मिलते है,
#दीवार पर लिखना मना है, यह_दिवार पर लिखकर कहते है।
Gehri Soch Shayari

एक नई #सोच की दरकार हमेशा सबको रहती है. क्योंकि पुराने #सोच के साथ नये ‘नतीजे’ नहीं मिलते हैं.

अच्छे_किरदार और अच्छी सोच वाले लोग #हंमेशा याद रहते है…
दिलों में भी, लफ्जो में भी और ”दुआओं” में…
#माना की पहुंच हमारी अब “मंगल” तक हैं,
सोच हमारी_आज भी उसी #जंगल तक हैं।
गलत_सोच वाले जीते तो है मगर
जिंदगी असल में क्या है वो #जानते नहीं
अंत_बुरा होता है इस सोच का पता है
मगर फिर भी वो इस ‘पते’ को पहचानते नहीं 
#आज की आपकी अच्छी_सोच 
आने वाले आपके उस “कल” को और बेहतर बनाती है 
इंसान_खराब नहीं होता यारों,
सोच उसे खराब_बना देती है,
अच्छे_लोगों की अच्छी सोच ही
उन्हें जहाँ में #अमर बना देती है।
#हस्ती तो यहाँ हैं बडी-बडी,
पर “बस्ती” तो है छोटी,
लोग तो यहाँ है #बड़े_बड़े,
पर #सोच तो उनकी है छोटी।

Achi Soch Shayari

Soch Par Shayari
वोह #प्यार ही है जो तुम्हे खोने से डरता है,
जो तुम्हे खोने से भी न डरे वो #प्यार केसा।
जब_तक हम ये जान पाते हैं 
कि “ज़िन्दगी” क्या है 
तब तक ये #आधी 
ख़तम हो चुकी होती है.
#चिराग गमों का ‘दिल’ पर लिए 
ना जाने कब से ‘भटक’ रहे है 
गलत_इरादों के हम मारे 
अपनी ही सोच में #खटक रहे है।  
#बुलंदियों को छूना है अगर
तो बुलंद “इरादों” को जीवन से जोड़लो
मंजिल_बगैर समय लगाए आपके #पास चली आएगी।
सोच_समझ कर रूठियेगा जनाब…
मनाने का “रिवाज़” अब बचा कहा है ज़माने मै !!
इतनी_बदसलूकी ना कर
ऐ जिंदगी 
हम_कौन सा यहाँ
बार_बार आने वाले हैं
Soch Par Shayari
Achi Soch Shayari
सोच का #दायरा ही तो दूरियां बढ़ाता है…. 
दिलो में दरारें यूं ही नहीं_पड़ा करतीं।।
किसी को ऐसे #ख्वाब न दिखाओ,
जो आप_पूरा न कर सको,
किसी को अपने_साथ न जोड़ो,
अगर_उसका साथ आप ज़िन्दगी भर न दे सको,
खुदपे अगर #भरोसा नहीं तो किसी को भरोसा दे के
उसका आत्म ‘विश्वास’ मत तोड़ो।
बस “सोच” का ही तो फर्क है
किसी के लिए ये ज़मीन_स्वर्ग के समान
तो किसी के लिए ‘नरक’ है
जब मुझे #यकीन हैं कि खुदा मेरे_साथ हैं,
तो इस से कोई_फ़र्क नही पड़ता कौन मेरे_खिलाफ हैं..

#शब्द तो जरिया है बाकी सब तो खुद की ‘सोच’ का नज़रिया है। 

गौर करना 
हता_हत बड़ी थी #दिल में उनके ‘करीब’ जाने की 
मगर_रोक लिया उनके #घटिया गलत इरादों ने 
नहीं तो “तमन्ना” बहोत थी उनको अपना_बनाने की  
बना लेते है #खुद ही कहानियाँ,
बन्दे ! #असलियत को थोड़ी जगह दे ।
“ख्यालों” का क्या है वो तो,
रस्सी को भी ‘सांप’ बता दे ।।
हैवान_बनकर बुरा ‘सोचने’ की बजाय 
इंसान बनकर_अच्छा सोचना ही 
जीवन जीने का प्रथम और #आखिरी उदेश्य है। 
उनका “इल्जाम” लगाने का अंदाज़ ही,
कुछ #गजब का था, हमने खुद
अपने ही ‘खिलाफ’ गवाही दे दी |
लोग ‘छोटी’ सी सोच की #वज़ह से बड़े नही हो पाए,
और हम आज भी बड़ी #सोच की वज़ह से छोटे हैं।

#उत्साह के बिना कुछ भी ‘सम्भव’ नहीं है चाहे आप कितने हीं #सामर्थ्यवान क्यों ना हों.

‘इज़्ज़त’ तो अब “नफरत” करने पर मिलती है
#मोहब्बत में लोग_कपडे उतार देते है
Soch Par Shayari
तुम #सोच भी नहीं सकते
हम कितना ”सोचते” है तुम्हें
रह_ना पाओगे, कभी #भुला कर देख लो
यकीन नहीं आता, तो “आजमां” कर देख लो.
हर जगह #महसूस होगी कमी हमारी.
अपनी महफिल को कितना भी ”सजा” कर देख लो..
#सोचती हूँ छोड़ दूँ सोचना…
और “डूब” जाती हूँ इसी सोच में…!!
मुझे_छाओ रखा 
खुद जलता रहा_धुप में 
मैंने_देखा एक फरिस्ता 
मेरे पिता के ”रूप” में ! 
#लोगों की सोच पर मै कुछ यूँ #तमाचा जड़ देता हूँ,
वे नफरत_करते है जिससे मै उसी से “इश्क” कर लेता हूँ।
वोह “आँखे” ही है जो सच_बयां करती है,
#जबान को तो झूट_बोलने की आदत सी है।
#शुक्र करों इस खुदा का जिसने #हर किसी की सोच बुरी नहीं_बनाई 
वरना यहां हर दिल_पत्थर होता और हर इंसान हैवान  
आज_कल की सोच ना जाने किस #किस्म की है,
ये जो #इश्कबाज़ है ना बस ‘जिस्म’ की है।
अच्छी_सोच लिए परिंदा ऊंचे_गगन तक जाता है
सोच डुबाई गर #परिंदा ओंदे मुँह धरती को आता है।
क्यूँ पत्थर _बनकर मेरी राह में खड़े हो
जो हुआ सो हुआ हमारे #दरमियान
अभी भी क्यूँ_तुम अपनी ज़िद्द पर अड़े हो।
जब #दरवाजा खोलने गये तो “चेहरे” पर हसी थी,
दरवाजा #खोला तो आँखों में आँसू #दिल में बेबसी थी,
ज्यादा…
Galat Soch Shayari

छोटी सोच #इन्सान के व्यक्तित्व को भी ‘छोटा’ बना देती है.

मैंने दो_तरह के लोगो से 
‘धोखा’ खाया है 
एक जो_मेरे अपने थे और 
दूसरे वो जो मेरे #बहुत 
अपने थे ! 

#मनो या ना मनो मगर अच्छी_सोच और अच्छे विचार आपके “जीवन” का वो उद्देश्य है जो आपको सफलता की #दौड़ में सबसे आगे रखते है। 

कोई_फर्क नहीं पड़ता कि 
आपका अतीत_कितना मुश्किल
#भरा रहा है आप हमेशा 
नई “शुरुआत” कर सकते हैं 
हम_इसलिए तुमसे ‘मोहब्बत’ करते हैं
कि हमारा_तो कोई नहीं, तुम्हारा तो कोई हो
कहीं मतलबी “सोच” है,
तो कहीं ईर्ष्यालु “सोच” है |
कहीं प्यार भरी “सोच” है ,
तो कहीं झगड़ालू “सोच” है ||
#बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे_पास आने को,
ये दिल #बेकरार है तुझे ‘धड़कन’ में बसाने को,
बुझती नहीं है #प्यास मेरे इस प्यासे दिल की,
न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस_दीवाने को।
Galat Soch Shayari
Soch Shayari
#सोच रहा हूं भर दू मै
अपने दिल के #खालीपन को,
या तन्हा रहना बेहतर है,
समझा_लू अपने मन को।
तू मत_देख कोई शख्स ‘गुनाहगार’ है कितना
बस यह देख, तेरे साथ_वफादार है कितना
कुछ_सीखने के लिये पीछे मुड कर देखो
#जिन्दगी जीने के लिये_सामने देखो
आगे बढ जाओ_ठहरा हुआ पानी बदबू फैलाता है
रूका हुआ इंसान_खत्म हो जाता है
होठों पर #मोहब्बत के फ़साने नहीं आते,
साहिल पर समंदर के #खजाने नहीं आते,
पलकें भी “चमक” उठती हैं सोते हुए हमारी,
आँखों को अभी ‘ख्वाब’ छुपाने नहीं आते।

तो आपको हमारे Soch Shayari कैसे लगे। अगर यह कोट्स आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। आपको इन Achi Soch Shayari को पढ़कर काफी अच्छा महसूस हुआ होगा। आगे भी ऐसी  कोट्स के लिए हमे Follow करे हमारे Instagram पर और Quotes को Share करे। धन्यवाद।

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