Milan Shayari
आओ दो पल साथ 👫गुजार लो प्यार से
फिर ऐसा मिलन हो न हो💖💗💖
बड़ी अजीब #मुलाकातें
होती थी हमारी …
वो #मतलब से मिलते थे ,
औऱ हमें मिलने से #मतलब था
सही ना जाए तुझसे दूरी
मिलन बताओ कब होगा
आकाश जमीं सब मिल जायेंगे
मिलन हमारा जब होगा ।
देखो फ़लक पर हमारा मिलन हो रहा है कि फिर इक शाम हो चली है…..💓
प्रकृति की सुन्दरता
ह्रदय को शांत करती हैं
दिन से रात का यह मिलन
पिय से पिया के प्रेम का…
Milan Shayari In Hindi
रूह को रूह में मिलने की तलब थी,
जिस्म को छू कर वो दिल से उतर गया।
मिलन की उम्मीद नहीं, फिर भी तेरा इंतजार है..
अब कैसे बताऊं, ‘मैं’ किस कदर इस दिल में तेरे लिए प्यार है..!!
सावन का महिना, बारिश की वो बूँदे याद आती है हरपल वो वादें ,
वो मिलने की उम्मीदें..
“अधूरे मिलन की आस हैं जिंदगी,
सुख – दुःख का एहसास हैं जिंदगी,
फुरसत मिले तो ख्वाबो में आया करो,
आप के बिना बड़ी उदास हैं जिंदगी.”
ए हवा तूने फिर से मिलन की तड़प जगा दी
तू क्यों छूकर आई उसके बदन को
Milan Shayari Image
तेरे गुलाबी लव जब मेरे लबों को छू जाए
मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाए
मैं विरह की वेदना लिखूं या मिलन की झंकार
तू ही बता कैसे लिखूं थोड़े शब्दों में सारा प्यार
बड़े बेगैरत है ये मेरे नैना,
तेरे मिलने की आस में भी,
तेरे ना मिलने के प्यास में भी,
बहाते रहते है अश्रुधार,
बिना मेरी इजाज़त के।
जो तेरे गुलाबी लब मेरे लबों को छू जायें,
मेरी रूह का मिलन तेरी रूह से हो जाये,
Milne Ki Shayari
तुम्हारे दिल के करीब से जो BYEPASS गुजरती है
बस उसी के टोल नाके पर खड़ा हूँ कई दिनों से
बहाने ढूँढ रहा हूँ तुमसे मिलने के
दिन रात का यह मिलन
सृष्टि की सुंदर रचना हैं
अप्रतीम सा दीखता यह सौन्दर्य
शाम का अद्वितीय नजारा हैं…
“दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी “सूर्य ग्रहण” तक कहते हैं लोग!…..”
अधूरे मिलान की आस है जिंदगी
सुख -दुःख का एहसास है जिंदगी
फुर्सत मिले तो ख्वाबों में आया करो
आपको बिना बड़ी उदास है जिंदगी
Milan Couple Shayari
चलो खो जाते है फिर से उन सपनो में
जहां तेरा और मेरा मिलान होया
जिस्मो का मिलान हो,
यही दिल ने नहीं चाहा,
फिर भी तुम्हे बेवफा लगता हूँ,
तो हां में बेवफा हूँ में।
में विरहा की वेदना लिखुँ,
या मिलन की झंकार
तू ही बता कैसे लिखुँ ,
थोड़े शब्दो में सारा प्यार।
तलब गहरी है आरजू-ए-मिलन की…
यही लफ्जो में आ जाया करो तुम….
शायद वो ऋतु तेरे मेरे मिलन की न थी वरना धूप में छांव किसे अच्छी नहीं लगती।