Inkaar Shayari: नमस्कार दोस्तों तो कैसे है आप लोग आशा करता हु की आप लोग ठीक होंगे। तो हम जो शायरी आपके लिए अपने ब्लॉग पर लेकर आये है वो Inkaar Shayari है , इंकार एक बहुत बड़ा शब्द होता है
अगर किसी व्यक्ति को किसी से हां का भरोसा हो और वही व्यक्ति इंकार कर दे तो इंसान टूट जाता है। अकसर देखा गया है की इंकार को प्यार करने वाले लोग ज्यादा महत्व देते है। अगर किसी लड़के को कोई लड़की पसंद है और वो अपने दिल की बात उस लड़की को बता देता है
और लड़की उसके इंकार कर देती है तो लड़का उस इंकार को बहुत महसूस करता है और वो उस इंकार को सोच कर काफी उदास हो जाता है। इसीलिए हम कुछ शायरी लेकर आये है इंकार के ऊपर जिसको पढ़ के आपको अच्छा लगेगा।
Inkaar Shayari
कभी ”खुलता” ही नहीं साफ़ कुछ इक़रार_इनकार होते हैउनकी हर ”बात” में पहलू दोनों है
Inkaar Status |
दो_बाते हो सकती है सनम तेरे #इनकार कीया दुनिया से ‘तू’ डरती है.. या कदर नही मेरे-प्यार की
हमने तो #माँगा ही नहीं अपनी ”चाहत” का सिला तुझसे,कि शायद “इनकार” की भी फ़ुर्सत ना हो तेरे पास
कुछ तो “अहसास” मुझे भी है,#इनकार करने का दर्द तुझे भी है..!!
हम जानते है तुम हमसे #प्यार करती हो खुद से भी ज्यादा हम पर ‘ऐतवार” करती हो हमने तो कभी कहा नही, इजहारे #मोहब्बत फिर तुम किस बात का इंतजार करती हो
उनके लिए ‘इश्क’… महज एक #कारोबार रहा… इसलिए मुझे हर दफा… अपनी बारी का #इंतजार रहा… उनका तो हर दफा… मेरे लिए #इंकार रहा… फिर भी ‘मुझे’ हर दफा…. उनसे प्यार, बेहद प्यार रहा..
माना की तू #तकदीर में नहीं है, पर हम #तकदीर बदलना भी जानते हैं। तू ”इनकार” करेगा ये डर भी है, पर अपने इश्क़ पर #भरोसा उससे भी ज़्यादा है।
डरता हूँ #इक़रार से कहीं वो #इनकार न कर दे,यूँ ही तबाह अपनी ”जिंदगी” हम यार न कर दे.
डर था कि #इंकार ना कर दो, इसलिए मैं चुप थाअब जब तुमने बात ”छेड़” दी तो इकरार भी कर दो
#बुरी तरह से तो हम तब_फसते हैं ,जब ये ”दिल” उनको देखने के लिए #बेक़ाबू होता हैं …और ये #आँखें कुछ और ना हो जाए ये सोच कर “इनकार” कर देती हैं ।
कर लो इंकार मेरी “मोहब्बत” से बार बार तुम्हे हक़ हैं, करोगे तुम भी “इकरार” एक दिन, #दिन वो आना बेशक हैं।
मेरे_होने की बात से आखिर कब तक वो #इंकार करेगा,टूट कर खुद एक_दिन वो मुझसे बेहद प्यार करेगा,इश्क़ की तलब में उसे इतना #बेचैन कर देंगे,कि #इज़हार वो भी मुझसे ‘भर-ए-बाजार’ करेगा।
मेरा #इकरार तेरे इनकार से ”बेहतर” होगा,मेरा दिन भी तेरी_रात से बेहतर होगा,यकीन नहीं तो डोली से #झांक के देखना,मेरा_जनाज़ा तेरी बरात से बेहतर होगा.
उसको चाहा पर #इज़हार करना नहीं आया;कट_गई उम्र हमें प्यार करना नहीं आया;उसने कुछ माँगा भी तो मांगी_जुदाई;और हमें #इंकार करना नहीं आया।
हमें नहीं आता ”इश्क” में इनकार करना क्या तुम्हें आता है #इश्क ए इजहार करना..?
फर्क ”सिर्फ” इतना… औरों ने #छोड़ा हमें… #इंकार के साथ… और तुमनें_छोड़ा हमें… गहरे ‘जख्मों’ के साथ…
#ज़ख़्म इतने गहरे हैं,#इज़हार क्या करेंहम खुद_निशाना बने,#इंकार क्या करेंहमने ‘आँखों’ के दरवाज़े खुले रखे हैंअब इससे ज़्यादा #इंतज़ार क्या करे
Inkaar Shayari In Hindi |
कभी ”इकरार” करती हो … कभी ”इंकार” करती हो… सुनो, एक बात_बताओ ना… क्या तुम मुझसे #प्यार करती हो..
वो जो साफ़ #इनकार कर दिया उसने, मुझे #शिकायत नहीं।जो बातें टाल दी ‘हंस’ के, उन्हीं से #गिला है बस।
उस पगली से इस_कदंर प्यार कर बैठे👫 हम ‘ईजहार’ कर बैठे..और वो #इंनकार कर बैठे😕
तेरे #इंकार से ही नहींतेरे ‘इकरार’ से भी डरते हैंइस लिए #थोड़ी देर ही बात करके#Phone काट दिया करते हैं
इजहार ”मोहब्बत” हम कर देते गर आप पास हमारे होते मेरे #आसमां में चाँद आप है़ जिसे बस_दूर से हम चाह सकते
बेशुमार #मोहब्बत देकर उनकोतोहफ़े मे ‘दर्द’ लिया हैमैंने कुछ नहीं किया #जिंदगी मेबस ”इश्क़” किया है,और #इश्क़ किया है
सुनो हमें नहीं आता #इकरार लिखना आपको तो आता होगा #इजहार करना..??
ये बात #निराली दिले “खुद्दार” करे हैतड़पे है मगर दर्द से #इंकार करे है
अजी वो ”आईने” की क्या बिसात जो हमारे और आपके #दरमियाँ आ जाए जहा भी आपको ‘मेहसूस’ कर लेता हूं वही आपका अक्स_दिखने लगता है
#अधूरा रहा… मैं और मेरा ‘प्यार’… मुकम्मल हुई… वो और उनका_इंकार…
ना वो ”इजहार” कर पाई,ना वो इनकार कर पाई।इश्क में ”बदनाम” थी वो जनाब, कत्ल #महबूब का अपने वो सरेआम कर आई।
दो_बाते हो सकती हैं।सनम तेरे ”इनकार” की।या #दुनिया से तू डरती है।या कदर नही तुझे मेरे ‘प्यार’ की।
#मोहब्बत थी ना हमसे ”इज़हार” क्यों नहीं किया, आसानी से दूर जाने दिया हमें #इंकार भी नहीं किया।
उसकी #आंखों में मोहब्बत देखी है मैनेइजहार कर देता तो “इंकार” कर देती
काश मैं तुझे ‘हां’ कह पाती, तेरे इज़हार-ए-प्यार के #तसउर् में मगर क्या करु ”कुसूर-ए-तकदीर” भी अजीब था मेरी जिंदगी का जिसमे प्यार की #इजाज़त ही ना थी।।
तुझे चाहा भी तो #इजहार न कर सकेकट गई ”उम्र” किसी से प्यार न कर सकेउसने मागा भी तो अपनी_जुदाई मागीऔर हम थे की #इनकार न कर सके
मैंने कब_कहा कि मुझे तूझसे #प्यार नहीं है,पढ़ लो मेरी “आंखे” की अब तो ”इंकार” नहीं है,जमाने से डरता है ये दिल की अभी #इज़हार नहीं है,ये इश्क़ है #जानेमन कोई दिल का कारोबार नहीं है।
मत कहो उसे #मतलबी कैसे हो जाता उसका , उसका #इनकार करना तो बनता था , आखिर बात जो मेरी ‘मां’ की दुआओं की थी , जिसने जाने कई दुआएं_मांगी थी मुझे पाने के लिए…!!!
मुझे #अपनाने की बात से हर बार ‘इनकार’ करता है,सबके सामने कहता वो #मुझपे ना ऐतबार करता है,उनके खफा होने की ”नुमाइश” पे सभी को यकीन है लेकिन,मैं_जानती हूं कि वो सिर्फ मुझसे ही प्यार करता है।।।
मैंने कब कहा कि #प्यार नहीं है। पढ़ लो मेरी आँखें कि ”इन्कार” नहीं है। ज़माने से डरता है ये दिल कि बस अभी #इज़हार नहीं है। थाम लेते तुम ही मेरा हाथ कि तुम पे कोई ”ज़ोरदार” नहीं है।
डरता हूं कहने से की #मोहब्बत है तुमसे… मेरी जिंदगी_बदल देगा …. तेरा इनकार भी और #इकरार भी…
Inkaar Shayari |
#साहिल के सुकूँ से किसे “इंकार” है लेकिन…तूफ़ान से ‘लड़ने’ में मज़ा और ही कुछ है..
मेरे होंठों के #महकते हुए नग़मों पर न जा,मेरे सीने में कई और भी ”गम” पलते हैं,मेरे चेहरे पर #दिखावे का तबस्सुम है मगर,मेरी आँखों में ”उदासी” के दिए जलते हैं.
कर #मोहब्बत का इज़हार हमने भीतुमसे ”इंकार” पाया हैफिर भी #दिल को सकून हैक्योंकि तुम्हारी_आँखों मे अपने लिए प्यार पाया है
रेत पर अपनी #उंगलियों से… मेरा नाम_लिखने वाले… अब सामने #दिख जाए तो… पहचानने से #इनकार करते हैं… दोस्ती और ”मोहब्बत” में… बस यही_फर्क होता है… एक अरसे बाद #मोहब्बत भूल जाती है… और दोस्त_गले लगाते हैं…
क्यों कहते हो कि ”प्यार” नहीं है, इकरार ही तो है, जब #इनकार नहीं है।
#टूट जाते हैं सभी रिश्ते मगर,दिल से दिल का #राब्ता अपनी जगह,‘दिल’ को है तुझ से न मिलने का_यक़ीन,तुझ से मिलने की #दुआ अपनी जगह.
एक_पल था जब वो लोग साया #देखके भी मुझे जान जाते थे… आज मुझे बदला हुआ पाया तोह ”पहचान” ने से इंकार कर रहे थे…
मिलना न मिलना #किस्मत की बात है पर तुम अपना इश्क छुपाते क्यों हो तुम्हारे ”लफ्जों” से इजहार ऐ इश्क साफ #झलक रहा है रूबरू होकर कह दो हमसे ”दिल” की बात इतना घबराते क्यों हो ।।