Best 51+ Dikhawa Shayari In Hindi 2021 ( दिखावा शायरी )

Dikhawa Shayari: नमस्कार दोस्तों तो कैसे है आप लोग आशा करता हूँ की आप लोग ठीक होंगे। आज जो हमारी ब्लॉग पोस्ट है दिखावा शायरी जो की आपको बहुत पसंद आयेगी, बहुत से लोग किसी भी कार्य को करने का दिखावा करते है। 

जो की अच्छा नहीं होता कुछ ऐसे लोगो के लिए हम लेकर आये है Dikhawa Shayari In Hindi जिनको आप अपने व्हाट्सप्प स्टेटस पर लगा कर दूसरे को उसके दिखावा करने का एहसास दिला सकते है, अगर आपको ये स्टेटस पसंद आये तो हमारे ये Baat Nahi Karne Ki Shayari को जरूर पढ़े। धन्यवाद

Dikhawa Shayari

जब दिखावे की #मोहब्बत का चलन आम हुआ हम से “क़ुदरत” ने कहा दूर से ही बात करो”

Dikhawa Shayari
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#अच्छे होते है बुरे लोग ,…
कम से कम अच्छे ‘होने’ का दिखावा नहीं करते …..!!

जिन्दगी में #दिखावा इतना भी न करें
कि जिन्दगी के आख़िरी पल “अफ़सोस” में गुजारना पड़े.
Dikhawa Shayari In Hindi

उसका मुझसे_दूर होना सिर्फ एक बहाना था उसे तो कभी मुझसे #मोहब्बत थी ही नहीं मैंने तो सच्चे ‘दिल’ से उसे माँगा था मगर उसका मुझे #चाहना सिर्फ एक दिखावा था

Dikhawa Shayari In Hindi
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अक्सर #दिखावे का प्यार ही ज्यादा_शोर करता है,
वरना सच्ची #मोहबत तो इशारो मे ही ‘सिमट’ जाती हैं…
Dikhawa Shayari In Hindi

जो लोग #दिखावे में विश्वास करते हैं, वे हमेशा “बेचैन” फिरते हैं.

Dikhawa Shayari In Hindi

बनावटी_दुनिया में इंसानियत का #तमाशा देखा, आज हाथ उठे भी “मदद” को तो दिखावे के लिए !

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Dikhawa Status In Hindi
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‘शून्य’ को छोड़ “संख्याओं” से दोस्ती की संख्याओं ने फिर से #शून्य ही बना डाला !

Dikhawa Status In Hindi

इस #मतलबी दुनिया में… इश्क #सिर्फ दिखावा है… तुझे भी ‘धोखा’ मिलेगा… ये मेरा दावा है…

Dikhawa Status In Hindi
दिखावा_मत कर मेरे शहर में #शरीफ होने का…
हम ‘खामोश’ तो है लेकिन ना-समझ नहीं…!!
Dikhava Shayari
अब तो #दोस्त भी रूठने लगे हैं,
शायद मेरे “दिखावे” से ऊबने लगे हैं.
Dikhava Shayari
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दिखावे की “मोहब्बत” तो जमाने को है ‘हमसे’ पर,
ये #दिल तो वहाँ बिकेगा जहाँ #ज़ज्बातो की कदर होगी…

Dikhawa Status In Hindi

Dikhava Shayari
जिन्हें_अपने बारे में पता नहीं
वो औरों को जानने का #दावा करते है,
लोग_उतने अच्छे है नहीं
जितना होने का #दिखावा करते हैं.

बस बहार से #मुस्कुराने का नाटक करता हूँ अंदर से पूरा_टूटा हुआ हूँ मैं, किसी और से #नाराज़ होकर भला क्या करूंगा मैं तो ‘खुद’ से ही रूठा हुआ हूँ।

कुछ_ख़ास तो लूट गए तुम्हें “दिखावे” ही करते हुए, मुझ आम के #दिखावे से गरीब का चुल्हा तो जलता है!

#प्यार करके दिखावो,
पर दिखावे का “प्यार” कभी मत करना,
#दिल जितना दर्द सह ले
किसी से उतना ही “प्यार” करना.

कभी_किसी के साथ प्यार का दिखावा #मत करना क्योंकि यह ”दिलों” को हीं नहीं बल्कि लोगों को भी पूरी_तरह से तोड़ देता है.

अगर हो कोई तो तेरी जैसी #नसल हो, दिखावा भी इस ”क़दर” करती हो जैसे असल हो।

Dikhava Shayari

यक़ीन मानो, #शक्ल ज्यादा नहीं बदलेगी बस तुम, ना पहचानने का “दिखावा” मत करना

#नफरतों को जलाओ “मोहोब्बत” की रौशनी होगी,
वरना_इंसान जब भी जले हैं ”ख़ाक” ही हुए है…

यह बात #हमेशा याद रखना सिर्फ दुनिया को #दिखाने के लिये अच्छा बनना_बुरे बनने से भी बुरा है

#दिखावे के अक्सर, चकाचौध में हम, अपने_अंदर के गम को, छिपा जाते है। अश्क ”गिरने” की कोशिश, करे भी कहीं, तो #निकल लेते कह कर, अभी आते हैं।।

#मतलब वाली दूकान में
अब #इश्क़ बिकती हुई एक “सामान” है,
सिक्को की “गूँज” बहरी कर रही,
एहसास अनसुनी से परेशान है.

मुझसे की है #मोहब्बत बे-मतलब की ऐसा तू ‘दावा’ मत कर जो चाहे गर तो ना हो “मेरा” मेरा होने का तू #दिखावा मत कर

Dikhawa Pyar Shayari

#प्यार में तो दिखावे के लिए बिल्कुल_जगह नहीं होती है.

#दिखावे के लिए अच्छा बनना_बंद करो.. असलियत एक ना एक_दिन सबको पता चल ही जाती है। क्योंकि #आजकल लोग सीरत भी देखकर #पसंद किया करते हैं।

#बेमतलब जोड़ गुना_भाग लगाते है,
लोग बातों_बातों में आग लगाते है,
और जिन्हें #पसंद होते है पंछी बहुत
जनाब वो “पिंजरे” नहीं बाग़ लगाते है.
तुझे तो #मोहब्बत भी तेरी ‘औकात’ से ज्यादा की थी,
अब तो बात #नफरत की है, सोच तेरा क्या होगा…
Dikhawa Pyar Shayari
जब प्यार है ही नहीं तो “दिखावा” क्यों करते हो
जब निभा ही नहीं सकते है तो #वादा क्यों करते हो

#फ़िल्मी लोग अंग प्रदर्शन करते हैं और फिर भी किसी को कोई #आपत्ति नहीं होती है. क्योंकि अब लोग उनके अंग_प्रदर्शन के आदि हो गये हैं.

एक_नफरत ही हैं जिसे दुनिया चंद #लम्हों में जान लेती हैं,
वरना चाहत का #यकीन दिलाने में तो ”जिन्दगी” बीत जाती हैं…
हर_किसी को मैं खुश रख सकूं
वो सलीका #मुझे नहीं आता..
जो मैं नहीं हूँ, वो ‘दिखने’ का
#तरीका मुझे नहीं आता ।

#दिखावे की भी एक सीमा होती है, उस ”सीमा” को पार करने का मतलब होता है, #मुसीबत को न्योता देना.

ये बोझ #धोकेबाज़ी का उठाया नहीं जाता, पहला_धोका तो पहले धोका होता है भूले से भी #भुलाया नहीं जाता।

Dikhawa Pyar Shayari

झूठ को सच #साबित करने के लिए दावा ”मत” किया करो, चाहते नहीं हो अगर तो चाहने का #दिखावा मत किया करो।

बड़ा_नकली सा हो गया है ‘जमाना’,
सबको है यहाँ दिखाना,
दिखावट के #चक्कर में मंजूर है
अपनों को गवाना.

ऐ #दुनिया वालों दिखावा करना_बंद करो, क्योंकि यह दुनिया की #खूबसूरती को कम करती है.

दिखावे की #मोहब्बत का ”बाज़ार” चलता है यहाँ,
सच्चे_एहसास रोज ”खुदखुशी” करते है…

#रिश्ता अब दुनिया से दुनिया की ही तरह_निभाना पड़ता है, अंदर से कुछ और #बहार से कुछ और बन कर दिखाना पड़ता है।

Dikhawa Pyar Shayari
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दिखावा_मत कीजिये, क्योंकि यह अक्सर लोगों को #बर्बाद कर देता है.

अपने #रिश्ते को लेकर कभी भी “दिखावा” नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसका #नकारात्मक प्रभाव रिश्ते पर जरुर पड़ता है.

झूठ की #बुनियाद पर, डाली फरेब की नींव.. शक की थी ”रेत” उसपे, रखी ज़िल्लतों की ईंट.. अश्कों की #ज़मीं पर, खड़ी दर्द की दीवारें.. बेग़ैरती में “मगरूर” था, जिस छत का ईमान.. जहां न #सच के झरोखे, न थी ”इश्क़” की हवा.. उस रिश्ते के #मकां को, तो बिखरना ही था.. –

 ये नकाब_पहन कर मेरे दिल के #दरवाज़े पर आया मत करो, ”दुश्मन” हो तो खुल कर कहो मुझे अपना #दोस्त बताया मत करो।

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