Best 72+ Dushmani Shayari In Hindi ( दुश्मनी पर शायरी )

Dushmani Shayari In Hindi: इस पोस्ट में आप पा सकते हैं ढेरो दुश्मन-दुश्मनी पर शायरियों का बेजोड़ कलेक्शन. जोकि आप सभी शायरी के “कद्रदानो” को बेहद ही पसंद आएगा. 

आपको इन 2 Line Shayari On Dushmani को पढ़कर काफी अच्छा महसूस हुआ होगा। तो चलाये शुरू करते है। जब सफलता आपके कदम चूमने लगती है तो दुश्मन खुद-ब-खुद बन जाते हैं। कुछ दुश्मन ऐसे होते है की दोस्त बनकर हमारे साथ रहते है और पीठ पीछे वार करते है। 

अगर आप अपने दुश्मनों की चाल में फंस जाते हैं तो आप फिर से नीचे गिर सकते हैं। हमने कुछ ऐसे लोगो के लिए ही शायरी चुन कर अपनी पोस्ट में लिखी है। जो की आपको बहुत पसंद आएंगी। शायरी को शेयर करना न भूले। 

Dushmani Shayari In Hindi

#दुश्मनों की जफ़ा का ख़ौफ़ नहीं 
दोस्तों की “वफ़ा” से डरते हैं 
Dushmani Shayari In Hindi

ना जाने इस #जमाने को क्या हो गया है, प्यार से रहने की बजाय “दुश्मनी” करने का इन्हे चसका लग गया है।

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Dushmani Shayari In Hindi
Dushmani Shayari In Hindi
मैं #हैराँ हूँ कि क्यूँ उस_से हुई थी “दोस्ती” अपनी
मुझे कैसे #गवारा हो गई थी “दुश्मनी” अपनी
Dushmani Shayari In Hindi
#कम्बखत दिल पर चोट खाने की “आदत” सी पड़ गयी है,
वरना हम भला क्यों “दुश्मनों” से मिलने लगे..!!
Dushmani Shayri
सिर्फ “दुश्मनी” ही दूरी नही_मांगती थोड़ी दूरी_दोस्ती भी मांगती है… 
फासलों की “खूबी” है रिश्ते गहरे और #दुश्मनी कम होती है…
हो गयी मुझ से ही #दुश्मनी, जो मुझे जान #समझते थे, तीर मारा भी तो पीठ पीछे #गुफ्तगु भी जिन्हे रु-बा-रु पसन्द थे ||

दोस्तों आज मैं “तुमको” एक बात बताता हूँ, दोस्ती हो या #दुश्मनी दोनों ही रिश्ते मैं बड़ी शिद्दत से निभाता हूँ।

वो मुझे #ज़िन्दगी जीने का तरीका बता रहे है , जिनकी औकात मेरे #Attitude के बराबर भी नही

“दुश्मनी” जम कर करो लेकिन ये #गुंजाइश रहे 
जब कभी हम “दोस्त” हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों 
Dushmani Shayri
Dushmani Shayri
“दुश्मन” हमारे सामने आने से भी डरते है
और वो पगली दिल से #खेल कर चली गई
इधर आ #रक़ीब मेरे, मैं तुझे #गले लगा लूँ
मेरा इश्क़-बे-मज़ा था, तेरी #दुश्मनी से पहले…
“शख्सियत” अच्छी होगी तभी #दुश्मन बनेगे,
वरना बुरे “लोगो” को देखता कौन हैं.
Dushmani Shayri
आँखों से “आँसुओं” के दो कतरे_क्या निकल पड़े,
मेरे सारे दुश्मन एकदम खुशी से #उछल पडे़.
#दोस्ती भी अब लोग अधूरा करते हैं,
दुश्मनों की कमी अब तो #दोस्त पूरा करते हैं,
“दुश्मनी” का सफ़र एक कदम-दो-कदम,
तुम भी ‘थक’ जाओगे, हम भी थक जाएंगे।
लोग कहते हैं कि इतनी “दोस्ती” मत करो,
कि ‘दोस्त’ दिल पर सवार हो जाए,
मैं कहता हूँ *दोस्ती* इतनी करो,
कि “दुश्मन” को भी तुमसे #प्यार हो जाए…

कभी ख़ुद को मेरे “प्यार” में भुला कर देख, “दुश्मनी” अच्छी नहीं मुझे #दोस्त बना कर देख।

Dushmani Shayri
#वफ़ा पर दग़ा #सुल्ह में दुश्मनी है
भलाई का हरगिज़ “ज़माना” नहीं है
Dushman Ke Liye Shayari
तेरी #रुस्वाई से मुझे एक #सबक मिला है
दुश्मन भी “इतना” नहीं करता जितना
तूने दोस्त बनके किया है।
तुझसे अच्छे तो मेरे “दुश्मन” निकले….;
जो हर “बात” पर कहते हैं.. *तुम्हें नहीं छोड़ेंगे*
“दुश्मनी” जम के करो पर इतनी #गुंजाईश रहे,
कल जो हम “दोस्त” बन जाए तो_शर्मिंदा न हो.
देखा तो वो “शख्स” भी मेरे #दुश्मनो में था,
नाम जिसका ‘शामिल’ मेरी #धड़कनों में था।
दिल में “मोहब्बत” का होना जरूरी है..
वर्ना,याद तो रोज #दुश्मन भी किया करते है !
Dushman Ke Liye Shayari
Dushman Ke Liye Shayari
*मैं दिया हूं*
मेरी “दुश्मनी” तो सिर्फ, अंधेरे से है,
हवा तो बेवजह, मेरे #खिलाफ है!
Dushman Ke Liye Shayari
हो अगर साथ_दोस्तों का
तो दुश्मनों की क्या बिसात है
पार कर लेंगे हर_तूफान को
गर दोस्तों का जो साथ है |

हर किसी को #प्यार से देखते हो इस से बडी “दुश्मनी” क्या होगी

लोग कहते हैं कि इतनी “दोस्ती” मत करो कि #दोस्त दिल पर सवार हो जाए,
मैं कहता हूँ #दोस्ती इतनी करो कि #दुश्मन को भी तुम से ‘प्यार’ हो जाए.
यूँ तो मैं “दुश्मनों” के काफिलों से भी सर उठा के #गुजर जाता हूँ…
बस, “खौफ” तो अपनों की #गलियों से गुजरने में लगता है कि कोई #धोखा ना दे दे।
Dushman Ke Liye Shayari
मेरी “दोस्ती” का फायदा उठा लेना क्योंकि,
मेरी #दुश्मनी का नुकसान_सह नही पाओगे।
*दुश्मन और सिगरेट* को जलाने के बाद….
उन्हे “कुचलने” का मज़ा ही कुछ
और होता है……!!!
जब “दुश्मनी” में मज़ा आने लगता है तो ….
 साले “दुश्मन” माफी #मांगने लग जाते है…
#दुश्मनी हो जाती है मुफ्त में #सैंकड़ों से,
इंसान का “बेहतरीन” होना ही गुनाह है.
आँखों से “आँसुओं” के दो कतरे क्या_निकल पड़े,
मेरे सारे “दुश्मन” एकदम खुशी से उछल पडे़।

जब अपने ही “दुश्मन” बन जाये तो ‘पराईयो’ की क्या_जरूरत

Dushman Ke Liye Shayari

2 Line Shayari On Dushmani
कभी #ख़ुद को मेरे प्यार में #भुला कर देख,
#दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे “दोस्त” बना करे देख.
2 Line Shayari On Dushmani
2 Line Shayari On Dushmani
तेरी मेरी_दोस्ती की लोग कसमें खायेंगे
दोस्तों की छोड़िए , उनमें #दुश्मन भी होंगे

बहुत कम “खुशियां” गम बेपनाह मिले है मुझे #दोस्तों के रूप में #दुश्मन हज़ार मिले है

“दुश्मनी” जम के करो पर इतनी #गुंजाईश रहे,
कल जो हम “दोस्त” बन जाये तो #शर्मिंदा न हो
ख़ाक बराबर भी “औकात” नहीं है उनकी
हमें धमकी भरे जो #पैगाम दिया करते हैं,
मिल जाता_खुदा उन्हें अगर वो याद करते
जितनी_बार वो लबों पर हमारा_नाम लिया करते हैं।
हम तो “दुश्मनी” भी दुश्मन की #औकात देखकर करते है
‘बच्चो’ को छोड देते है और बडो को #तोड देते हे
2 Line Shayari On Dushmani
#दुश्मनों ने जो “दुश्मनी” की है
‘दोस्तों’ ने भी क्या कमी की है
2 Line Shayari On Dushmani

“दोस्ती” जब किसी से की_जाए “दुश्मनों” की भी राय ली जाए

ये तो_अच्छा है कि “दिल” सिर्फ सुनता है … 
अगर कहीं #बोलता होता तो “क़यामत आ जाती।
“दोस्तो” ने दिया है इतना #प्यार यहाँ,
तो “दुश्मनी” का हिसाब क्या रखें,
कुछ तो जरूर #अच्छा है सभी में,
फिर बुराइयों का “हिसाब” क्यों रखें…

*हम तो #दुश्मनों से दोस्ती* भी #प्यार से_करते हैं और ‘दुश्मनी’ भी #प्यार से करते हैं

शेर‬ का “शिकार” किया नहीं जाता,
राजा‬ को दरबार में #मारा नहीं जाता,
“दुश्मनी”‬ अपनी औकात वालों से कर,
क्यूंकि खेल बाप‬ के #साथ खेला नहीं जाता…
Dushmani Wali Shayari
जो कभी #अपने थे, आज वो पराए है. 
जो हर #राज़ से वाक़िफ है मेरे, 
आज वो “दुश्मनी” पर उतर आए है.
Dushmani Wali Shayari
Dushmani Wali Shayari
करें हम “दुश्मनी” किससे, कोई “दुश्मन” नहीं अपना,
#मोहब्बत ने नहीं छोड़ी, जगह #दिल में अदावत की।
#दुश्मन भी मेरे मुरीद हैं शायद, वक्त #बेवक्त मेरा नाम लिया करते है,
मेरी गली से “गुजरते” हैं छुपा के खंजर रू-ब-रू होने पर #सलाम किया करते हैं.
हम “दुश्मन” को भी बड़ी #शानदार सजा देते हैं,
हाथ नहीं उठाते बस “नजरों” से गिरा देते हैं.
जगह ही नही “दिल” में अब #दुश्मनों के लिए……
“कब्ज़ा” दोस्तों का कुछ #ज्यादा ही हो गया है !
कभी था “दुश्मन” सपेरा सांप का पर_अब साथ देखा है,
मेढकों को भी “सियासत” में हमने एक साथ देखा…
Dushmani Wali Shayari
वो “दुश्मनी” से देखते हैं देखते तो हैं,
मैं शाद हूँ कि हूँ तो किसी की #निगाह में।
Dushmani Wali Shayari
जब #जान प्यारी थी तब #दुश्मन हज़ार थे,
अब मरने का_शौक है तो “कातिल” नहीं मिलते।
अकेले #सफ़र करना पड़ता हैं इस जहां में #कामयाबी के लिए…
काफिला, #दोस्त और दुश्मन अक्सर “कामयाबी” के बाद ही बनते हैं..!!
 हम तो “दुश्मनी” भी दुश्मन की #औकात देखकर करते है
 बच्चो को #छोड देते है और #बडो को तो देते हे.
ये कह कर मुझे मेरे “दुश्मन” हँसता छोड़ गए,
तेरे #दोस्त काफी हैं तुझे “रुलाने” के लिए.
#ज़ुल्म इतना ना कर की #लोग कहेँ तुझे दुश्मन मेरा,
हमने #ज़माने को तुझे अपनी “जान” बता रख्खा हे..
Dushman Ke Liye Shayari In Hindi
कभी #ख़ुद को मेरे “प्यार” में भुला कर देख,
दुश्मनी अच्छी नहीं मुझे #दोस्त बना करे देख.
#दुश्मन भी हमारी हालत पे “हंस” कर बाेला,
जिसका हम #कुछ ना कर पाये,
उसका “माैहबबत” ने क्या हाल कर दिया…!!!
शेर‬ का “शिकार” किया नहीं जाताराजा‬ को #दरबार में मारा नहीं जाता
दुश्मनी‬ अपनी #औकात वालों से कर क्यूंकि खेल_बाप‬ के साथ खेला नहीं जाता
अगर “चुराना” है तो किसी की “किडनी” चुराओ…
दिल का क्या “आचार_डालोगे”..!!
जो हम_तक पहुँच नहीं सकते
वो #हमको क्या गिराएंगे,
Dushman Ke Liye Shayari In Hindi
जब #जान प्यारी थी तब “दुश्मन” हज़ार थे,
अब मरने का शौक है तो #कातिल नहीं मिलते
Dushman Ke Liye Shayari In Hindi

#सजा देनी हमे भी आती है … ओ “बेखबर” पर तू “तकलीफ” से गुज़रे, ये हमे मंजूर नहीं

Dushman Ke Liye Shayari In Hindi
Dushman Ke Liye Shayari In Hindi
हमारे #दोस्तों में कोई “दुश्मन” हो भी सकता है..
ये अँग्रेज़ी_दवाएँ है, “रिएक्शन” हो भी सकता है..
हमारे “दुश्मनों” से कहो अपना कद ऊँचा करें
बराबरी होगी तो हम भी “दुशमनी” निभाएँगे।

कम पर गए थे शायद, “दुशमनो” के सितम तभी तो वो भी हमसे ,#दुश्मनी कर बैठे

#लोग कहते हैं कि इतनी #दोस्ती मत करो,
कि दोस्त “दिल” पर सवार हो जाए,
मैं कहता हूँ “दोस्ती” इतनी करो,
कि #दुश्मन को भी तुमसे “प्यार” हो जाए…
क्या_सही है और गलत है क्या, हम तो, #सबका सबब रखते है… 
“दुश्मन” भी ग़र सही है, तारीफ #जरूर करेगें, हम तो “दुश्मनी” में भी इतना अदब रखते है….

जिगर वालों का_डर से कोई वासता नहीं होता , हम वहाँ भी #कदम रखते हैं जहाँ पर #रास्ता नहीं होता

Dushman Ke Liye Shayari In Hindi
“ख़ाक” मजा है जीने में,
जब तक आग ना लगे “दुश्मन” के सीने में.
मेरी #शख्सियत क्या है, गर तुम जान लोगे
अपनी #औकात को फिर तुम पहचान लोगे,
मुझसे “दुश्मनी” के लिए चाहिए एक #अलग सा हुनर
उसके #काबिल नहीं हो तुम ये मान लोगे।

हमसे जो #टकराता है वह “धूल” में मिल जाता है हम से #दुश्मनी करना “आसान” नहीं है

अब #काश मेरे दर्द की कोई #दवा न हो बढ़ता ही जाये ये तो “मुसल्सल” शिफ़ा न हो
बाग़ों में देखूं टूटे हुए #बर्ग ओ बार ही मेरी नजर बहार की फिर #आशना न हो
#मौत ही इंसान की “दुश्मन” नहीं
ज़िंदगी भी #जान ले कर जाएगी
तो आपको हमारे Dushmani Shayari In Hindi कैसे लगे। अगर यह कोट्स आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। आपको इन Dushman Ke Liye Shayari को पढ़कर काफी अच्छा महसूस हुआ होगा। आगे भी ऐसी  कोट्स के लिए हमे Follow करे हमारे Instagram पर और Quotes को Share करे। धन्यवाद।

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