Kismat Shayari: नमस्कार दोस्तो, हम आपके लिए हमेशा की तरह आज फिर से हाजिर है एक नए_पोस्ट के साथ जिसका टाइटल है ‘किस्मत शायरी’।
दोस्तो अक्सर जब कभी हमारे साथ कुछ बुरा होता है तो हम अपनी बुरी “किस्मत” बोलकर दोष देते है। अगर कोई व्यक्ति खुश हो और समृद्ध है तो हम बोलते है कि उसकी किस्मत बहुत अच्छी है।
आज के इस पोस्ट मेे हम आपके लिए कुछ ऐसे ही ”किस्मत” पर निर्मित शायरी लेके आए है। हम ‘उम्मीद’ करते है कि इस आर्टिकल की Bad Kismat Shayari आपको अच्छी लगेगी और इसे आप अपने दोस्तो के साथ शेयर करेंगे।
Kismat Shayari
चरके वो दिए “दिल” को महरूमी-ए-क़िस्मत नेअब हिज्र भी तन्हाई और #वस्ल भी #तन्हाई*
#नसीब अच्छे ना हो तो “खूबसूरती” का कोई फायदा नहीं,दिलों के #शहेंशाह अकसर फकीर होते हैं।
Kismat Shayari |
बहुत “खूबसूरत” है आँखे तुम्हारी,इन्हें बना दो #किस्मत हमारी,हमे नही चाहिए ‘ज़माने’ कि खुशियाँ,अगर मिल जाये #मोहब्बत तुम्हारी।
#किस्मत को बेकार_बोलने वालोंकभी किसी गरीब के पास #बैठकर पूछना जिंदगी क्या है
#रात नहीं ख्वाब बदलता है,मंजिल नहीं कारवाँ_बदलता है,#जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,“किस्मत” बदले न बदले ,पर वक्त जरुर_बदलता है…
विसाल ए यार तो #क़िस्मत की बात है बेशक‘ख़याल’ ए यार भी हम से बहुत_ख़फ़ा निकला !!
यूँ ही नहीं होती ”हाँथ” की लकीरों के आगे #उँगलियाँरब ने भी “किस्मत” से पहले मेहनत लिखी है
#किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह मेरे दिल में, यूं हर शख़्स को तो “जन्नत” का पता नहीं मिलता.
वक्त_सिखा देता है इंसान को #फ़लसफ़ा ज़िन्दगी का..फिर तो नसीब क्या.. लकीर क्या.. और तक़दीर क्या..
Bad Kismat Shayari |
अपने ”हाथों” अपनी किस्मत_बिगाड़ा हूँ,#जिंदगी एक खेल है और मैं अनाड़ी हूँ।
मेरी #किस्मत से खेलने वाले, मुझको #किस्मत से बेखबर कर दे.
Kismat Shayari In Hindi
#होठो की बात ये आँसू कहते है,चुप रहते है फिर_भी बहते है,इन आँसुओ की #किस्मत तो देखिए,ये उनके लिए बहते है जो #दिल मे रहते है।
#किस्मतवालों को ही मिलती है पनाह मेरे दिल में, यूं हर शख़्स को तो “जन्नत” का पता नहीं मिलता.
यूँ ही नहीं होती ”हाँथ” की लकीरों के आगे #उँगलियाँरब ने भी “किस्मत” से पहले मेहनत लिखी है
विसाल ए यार तो #क़िस्मत की बात है बेशक‘ख़याल’ ए यार भी हम से बहुत_ख़फ़ा निकला !!
#रात नहीं ख्वाब बदलता है,मंजिल नहीं कारवाँ_बदलता है,#जज्बा रखो जीतने का क्यूंकि,“किस्मत” बदले न बदले ,पर वक्त जरुर_बदलता है…
हुत #खूबसूरत है आखै तुम्हारी, इन्हें बना दो “किस्मत” हमारी, हमें नहीं चाहिये ज़माने की #खुशियाँ, अगर मिल जाये मोहब्बत तुम्हारी.
#किस्मत को बेकार_बोलने वालोंकभी किसी गरीब के पास #बैठकर पूछना जिंदगी क्या है
बहुत “खूबसूरत” है आँखे तुम्हारी,इन्हें बना दो #किस्मत हमारी,हमे नही चाहिए ‘ज़माने’ कि खुशियाँ,अगर मिल जाये #मोहब्बत तुम्हारी।
#नसीब अच्छे ना हो तो “खूबसूरती” का कोई फायदा नहीं,दिलों के #शहेंशाह अकसर फकीर होते हैं।
चरके वो दिए “दिल” को महरूमी-ए-क़िस्मत नेअब हिज्र भी तन्हाई और #वस्ल भी #तन्हाई*
बड़ा #मुश्किल काम दे दिया ‘किस्मत’ ने मुझको,कहती है तुम तो सबके हो गए, अब #ढूंढो उनको जो तुम्हारे है।
Kismat Shayari In Hindi |
#किस्मत तेरी दासी हैं यदि परिश्रम तेरा_सच्चा हैं,नियत भी_साथ देगा और जीत भी तेरा_पक्का हैं !
#मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर ‘थक’ गया हू ऐ खुदा,#किस्मत मे कोई ऐसा लिख दे,जो मौत तक ‘वफा’ करे।
लग जा गले यह #रात फिर न आएगी,#किस्मत भी हमको शायद फिर ना मिलाएगी,बाकी है बस चंद_सांसे इस दिल में,रूह भी ना जाने कैसे तेरे बिन रह पाएगी…
अपनी #क़िस्मत में लिखी थी धूप की नाराज़गी,साया-ए-दीवार था लेकिन #पस-ए-दीवार था !!*
ये साल हमारी #किस्मत को कुछ नए ‘ढंग’ से आंकेगा,ये साल हमारी #हिम्मत में कुछ नए ‘सितारे’ टाँकेगा।इस साल_अगर हम अंदर से दुःख की ‘बदली’ को हटा सकेतो मुमकिन हैं इसी_साल हम सबमें सूरज झांकेगा।
बिंदास #मुस्कुराओ क्या ग़म हे,ज़िन्दगी में #टेंशन किसको कम हे,अच्छा या ”बुरा” तो केवल भ्रम हे,जिन्दगी का नाम ही कभी #ख़ुशी कभी गम हैं.
मैंने छोड़ दिया है #किस्मत पर यकीन करना, अगर लोग ‘बदल’ सकते है तो #किस्मत क्या चीज है.
वो गई भी वहां ”छोड़” कर मुझे,ज़रुरत थी उसकी सबसे ज्यादा जिस_मोड़ पर मुझे।
Kismat Kharab Shayari |
वो गई भी वहां ”छोड़” कर मुझे,ज़रुरत थी उसकी सबसे ज्यादा जिस_मोड़ पर मुझे।
बहते #अश्को की जुबां नहीं होती,कभी लब्ज़ो में #मोहब्बत बया नहीं होती,मिले जो ‘प्यार’ तो कदर करना,क्यों की #किस्मत हर किसी पे ‘महेरबान’ नहीं होती।
बड़ी #गहराई से चाहा है तुझे,बड़ी ‘दुआओं’ से पाया है तुझे,तुझे भुलाने की #सोचूँ भी तो कैसे,#किस्मत की लकीरों से चुराया है तुझे।
हाथों की ‘लकीर’, किस्मत और नसीब,जवानी में ऐसी बातें लगती है #अजीब।कर्म_करके तू लिख दे अपना नसीबदुनिया भी कहे #इंसान था वो अजीब।
माना कि #किस्मत पे मेरा कोई जोर नहीपर ये सच है कि “मोहब्बत” मेरी कमज़ोर नहींउसके #दिल में उसकी यादों में कोई और हैलेकिन मेरी हर #सांस में उसके सिवा कोई और नहीं
कल भी मन_अकेला थाएआज भी अकेला हैजाने मेरी #किस्मत ने कैसा खेल खेला है’!
ये ‘लकीरें’ ये नसीब ये #किस्मत सब फ़रेब के आईनें हैं,हाथों में तेरा हाथ होने से ही “मुकम्मल” ज़िंदगी के मायने हैं…
साथ चलता है, #दुवाओं का काफिला,#किस्मत से जरा कह दो, अभी ”तन्हा” नही हूँ मैं.!!*
बात #मुकद्दर पे आ के रुकी है वरना,कोई कसर तो न ‘छोड़ी’ थी तुझे चाहने में।
Shayari On Kismat |
मेरी ‘चाहत’ को मेरे हालात के_तराजू में कभी मत तोलना,मेने वो ‘ज़ख्म’ भी खाए है जो मेरी #किस्मत में नहीं थे.
आपको ‘याद’ करना मेरी आदत बन गई है,आपका खयाल रखना मेरी #फितरत बन गई है,आपसे ‘मिलना’ ये मेरी चाहत बन गई है,आपको #प्यार करना मेरी ‘किस्मत’ बन गई है।
लोग पूछते हैं “सवालात” आपके बारे में,आप भी होते_पास तो अच्छा होता,ये जमाने को #हरगिज़ न होगा गवारा,न जाहिर होते ‘तालूकात’ तो अच्छा होता..
कुछ तेरी #फ़ितरत में नहीं थी ‘वफ़ादारी’, कुछ मेरी किस्मत में बेवफ़ाई थी,वक़्त को क्या दोष दूँ, वक़्त ने तो बस #मुहोब्बत आजमाई थी।*
जिसके ‘लफ़्जों’ में हमे अपना अक्स मिलता है…बङे नसीब से ऐसा कोई ‘शख़्स’ मिलता है…
चरके वो दिए दिल को महरूमी-ए-क़िस्मत नेअब हिज्र भी ‘तन्हाई’ और वस्ल भी तन्हाईना-मुरादी अपनी किस्मत #गुमराही अपना नसीब,कारवाँ की ‘खैर’ हो हम कारवाँ तक आ गए।
मुक़द्दर की “लिखावट” का एक ऐसा भी कायदा हो,देर से किस्मत #खुलने वालो का दुगुना फायदा हो.
”दिमाग” पर जोर डालकर गिनते हो गलतियाँ मेरी, कभी दिल पर हाथ रख कर पूछना की “कसूर” किसका था।
किसी #कशमकश में रहा होगा खुदा भीजो उसने मुझे तो तेरी #किस्मत में लिखा परतुझे मेरी “किस्मत” में नहीं लिखा।’
लगता हैं इन #हवाओं में रुसवाई मिल गयी हैं,तन्हाई मेरी “किस्मत” में लिख दी गयी हैं,पहले_यकीन हुआ करता था,अब दिल को #तस्सली देनी पड़ती हैं कि तुम_मेरे हो।
न ‘कसूर’ इन लहरों का था, न कसूर उन #तूफानों था, हम बैठ ही लिये थे उस “कश्ती” में, नसीब में जिसके डूबना था!
#साहिल पे पहुंचने से ‘इनकार’ किसे है लेकिन,तूफ़ानो से #लड़ने का मज़ा ही कुछ और है,कहते है, कि #किस्मत खुदा लिखता है लेकिन,उसे मिटा के खुद_गढ़ने का मजा ही कुछ और है।
अपनी #उलझन में ही अपनी, “मुश्किलों” के हल मिले ,जैसे टेढ़ी मेढ़ी_शाखों पर भी रसीले फल मिले ,उसके खारेपन में भी कोई तो “कशिश” जरुर होगी,वर्ना क्यूँ जाकर_सागर से यूँ गंगाजल मिले ..
बिन लगाए ‘पौधा’ फूल नहीं खिलता, फल नहीं मिलता,वक्त से पहले और #किस्मत से ज्यादा “किसी” को कुछ नहीं मिलता।