Ajnabi Shayari : नमस्कार दोस्तों आप हर रोज ना जाने कितने ही *Ajnabi* लोगों से मिलते झूलते रहते है। लकिन आपको कभी ऐसा अजनबी मिल जाता है जिसको आपको हर रोज मिलने को मन करता है।
और उसके साथ समय बिताने का उसको अपना बनाने को दिल चाहता है। कुछ ऐसे ही अजनबी लोगो के लिए अजनबी शायरी का सबसे अच्छा संग्रह लेकर आये है, जो की आपको बहुत पसंद आयेगा। इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
Ajnabi Shayari
तुम #आसमान बन जाना हम आएँगे “ज़मीन” बन कर,आज मिलने की “ख्वाहिश” है फिर से #अजनबी बन कर।
एक “अजनबी” से मुझे इतना प्यार क्यूँ है,इन्कार_करने पर चाहत का इकरार क्यूँ है,उसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायद,फिर भी हर मोड़ पर उसका #इंतजार क्यूँ है।
Ajnabi Shayari |
इस #अजनबी शहर में “पत्थर” कहां से आया हैलोगों की #भीड़ में कोई अपना ज़रूर है
मैं ने कहा कि “बज़्म-ए-नाज़” चाहिए ग़ैर से तहीसुन के #सितम_ज़रीफ़ ने मुझ को उठा दिया कि यूँ
चेहरे “अजनबी” हो भी जाएं तो कोई बात नहींलेकिन रवैया अजनबी हो जाए तो बड़ी “तकलीफ” देते है
दोस्त_आमान और हम ज़मीन होते गए,चंद पैसे कमाने की राहों पर क्या चले #अजनबी हो गए।
#अजीब किस्सा है ‘जिन्दगी’ का,“अजनबी” हाल पूछ रहे हैं और अपनो को “खबर” तक नहीं..
Ajnabi Shayari In Hindi |
इस “दुनिया” मैं अजनबी रहना ही ठीक हैलोग बहुत तकलीफ देते हैं #अक्सर अपना बना कर
न जाने इतनी #मोहब्बत कहाँ से आ गयीउस “अजनबी” के लिए,की मेरा_दिल भी उसकी खातिर अक्सरमुझसे रूठ जाया करता हे ..!!
उस “अजनबी” से हाथ मिलाने के वास्ते,महफ़िल में सब से हाथ_मिलाना पड़ा मुझे.
“सदियों” बाद उस अजनबी से #मुलाक़ात हुई,#आँखों ही “आँखों” में चाहत की हर बात हुई,जाते हुए उसने देखा मुझे_चाहत भरी निगाहों से,मेरी भी #आँखों से आंसुओं की बरसात हुई.
गम के #अंधेरे मे खुशी की चिराग ढूंढ़ रही हूँ अकेली हूँ#वाबजूद इसके किसी दुजे साये की “तलाश” कर रही हूँ ।
हमसे मत पूछो “यारो” उनके बारे मे,#अजनबी क्या जाने अजनबी के बारे मे.
दुखी हूं आज भी #दिल से दिल दुखाया उस “अजनबी” का जबसे।#ख्वाहिश तो आज भी है बात करने की ‘मुद्दा’ तो यही है अब की कहे कैसे उनसे।।
कोई #अनजान जब अपना बन जाता है,ना जाने क्युँ वो बहुत याद आता है,लाख “भुलाना” चाहो उस चेहरे को मगर,अकस उसका हर चीज़ में नज़र आता है..
एक “अजनबी” से मुझे इतना #प्यार क्यों है!इंकार करने पर #चाहत का इकरार क्यों है!उसे “पाना” नहीं मेरी तकदीर में शायद!फिर हर मोड़ पे उसी का #इंतज़ार क्यों है!
तमाम #रिश्तों को मैं घर पे छोड़ आया था,फिर उस के बाद मुझे कोई #अजनबी नहीं मिला।
मुझे इस बात का “गम” नहीं कि बदल गया ज़माना;मेरी #जिंदगी तो सिर्फ तुम हो,कहीं तुम ना “बदल” जाना!
#दिल चाहता है कि फ़िर, “अजनबी” बन कर देखें,तुम #तमन्ना बन जाओ, हम “उम्मीद” बन कर देखें.
जहाँ भूली हुई यादें दामन थाम लें दिल का,वहां से “अजनबी” बन कर गुज़र #जाना ही अच्छा है.
की “वफ़ा” हम से तो ग़ैर इस को जफ़ा कहते हैंहोती आई है कि अच्छों को #बुरा कहते हैं
सुकून मिलता है, उस इंसान से बातें करके,,,जो अजनबी तो है, फिर भी दिल के करीब है…
तेरा #नाम था आज किसी “अजनबी” की जुबान पे,बात तो जरा सी थी पर #दिल ने बुरा मान लिया.
#अजनबी कोई समझ लेता है, कोई “अन्जान” समझ लेता है,दिल है दीवाना, हर #तबस्सुम को जान पहचान समझ लेता है.
“अजनबी” ख़्वाहिशें सीने में दबा भी न सकूँ,ऐसे ज़िद्दी हैं परिंदे कि उड़ा भी न सकूँ,फूँक डालूँगा किसी रोज़ मैं “दिल” की दुनिया,ये तेरा ख़त_तो नहीं है कि जला भी न सकूँ।
Ajnabi Quotes |
जरूरत का “चांद” फिर निकला हैवो #अजनबी अपना कह रहा है।
#भ्रम हमेशा रिश्तों को #बिखेरता है…और प्रेम से “अजनबी” भी बंध जाते है…!!
तेरा नाम था आज किसी “अजनबी” की ज़ुबान पे,बात_तो ज़रा सी थी पर #दिल ने बुरा मान लिया.
उम्र भर चाहा के “ज़मीन-ओ-आसमान” हमारा होताकाश कहीं तो #ख्वाहिशों का भी कोई किनारा होतायह सोच के उस “मुसाफिर” को रोका ही नहींदूर_जाता ही क्यों अगर वो #हमारा होता
Ajnabi Quotes
हम ना #अजनबी हैं ना पराये हैं,आप और हम एक #रिश्ते के साये है,जब जी चाहे “महसूस” कर लीजियेगा,हम तो आपकी #मुस्कुराहटों में समाये है। ❣
इस #दुनिया मेँ अजनबी रहना ही ठीक हैलोग बहुत तकलीफ देते है #अक्सर अपना बना कर.
चेहरे #अजनबी हो भी जायें तो कोई बात नहीं लेकिन,रवैये “अजनबी” हो जाये तो बड़ी तकलीफ देते हैं।
दिल चाहता है कि फ़िर, “अजनबी” बन कर देखें,तुम #तमन्ना बन जाओ, हम #उम्मीद बन कर देखें।
#अजनबी थे तुमसे,जब तक मिले नहीं थे,तुमसे मिले..अब खुद से “अजनबी” हो गये।
चेहरे #अजनबी हो जाये तो कोई बात नही,लेकिन रवैये “अजनबी” हो जाये तो_बडी तकलीफ देते हैं .
हमको तो बस #तलाश नए रास्तों की है,हम हैं “मुसाफ़िर” ऐसे जो #मंज़िल से आए हैं…
वो #तारों की तरह रात “भर” चमकते रहे,हम चाँद से #तन्हा सफ़र करते रहे,वो तो बीते वक़्त थे उन्हें आना न था,हम यूँ ही सारी_रात करवट बदलते रहे।
Ajnabee Shayari |
इस #अजनबी शहर में “पत्थर” कहां से आया है,लोगों की #भीड़ में कोई अपना ज़रूर है.
तेरी “यादो” का तो बसेरा है मुझमें कभी तुम भी #आजाना वक़्त रोक कर मिलने ‘अनजान’ से जान तक का सफ़र तो नाप आये #हम पर रहना होगा यहाँ #अजनबी बन कर फिरसे
“दिल” ना लगाना कभीअजनबी से, सुन मेरे #दोस्त..ऐसी #खलिश मिल जाएगीजो उम्र भर की #याद बनेगी..
#बदल लेंगे हम खुद को इतना, की तुम भी न “पहचान” पाओगे हमें।।अगर कभी #सोचोगे हमारे बारे में, हमें पूरी तरह #अजनबी पाओगे।
“वजह” तक पूछने का #मौका ही ना मिलाबस लम्हे गुजरते गए और हम ‘अजनबी’ होते गए
इस “दुनिया” मेँ अजनबी रहना ही ठीक है,लोग बहुत #तकलीफ देते है अक्सर अपना बना कर.
“अजनबी” कोई समझ लेता है, कोई अन्जान समझ लेता है,दिल है दीवाना, हर तबस्सुम को जान “पहचान” समझ लेता है
*यू हम पर तरस ना*दिखाया करो अजनबी..तेरी “मेहरबानीयां”हमें #महंगी पड सकती हैं..
बदला ना अपने आप को जो थे वही रहेमिलते रहे सभी से मगर अजनबी
हाल पूछने कल_फोन किया तो रिंग बजते ही काट दिया।“अनजान” बनकर आज संदेश भेजा तो फिर_घंटो बात किया ।
तुम #रूठे हो और, मुझे मनाना नही आता #सब कुछ तो कह दिया, अब कुछ कहा नही जाता सुनों!मै थक गयी हूँ, अब बस भी करो मेरी बहती “निग़ाहों” को थाम लो कहीँ मे मर ना जाऊँ तुम्हारे बिना,उसके पहले ही अपनी बाहों में मुझे बांध भी लो!!
#हमको तो बस तलाश नए “रास्तों” की है,हम हैं #मुसाफ़िर ऐसे जो मंज़िल से आए हैं.
रखा👍करो💑नज़दीकियांजिंदगी💞का भरोसा❌नहींफिर💤कहोगे चुप😯चाप चले🚶गएऔर😢बताया भी❌नहीं
उसकी हर एक #शिकायत देती है #मुहब्बत की गवाही,#अजनबी से वर्ना कौन हर “बात” पर तकरार करता है.
#ग़ैर को या रब वो क्यूँकर “मन-ए-गुस्ताख़ी” करेगर हया भी #उस को आती है तो “शरमा” जाए है
मै उस #पंछी सा हूँ जो सागर के बीच मे उड़ तो रहा हूँ पर ना कोई “किनारा” है ना कोई सहारा है
कौन कहता है न ग़ैरों पे तुम “इमदाद” करोहम #फ़रामोशियों को भी कभू याद करो
“अजनबी” तो हम तब भी नहीं थे, जब हम #अजनबी थे।
हम तो यूँ अपनी #ज़िन्दगी से मिले,अजनबी जैसे “अजनबी” से मिले,जिस_तरह आप हम से मिलते हैं,आदमी यूँ न #आदमी से मिले।
#ख़ुद को कितना भुला_दिया मैं नेतू भी अब #अजनबी सा लगता है– अब्दुर्रहमान मोमिन
Ajnabi Status |
में #जाना चाहता हूँ ऐसे जहान में जहाँ सब #अनजान हो।
जब हुई_मेरी बात, पता चला वे थे मेरे साथ,#पास होकर दूर रहना, फिर दूर_रहकर पास आ जाना,ऐसा है उनका_मेरा साथ, एक #अजनबी से जब हुई मेरी बात ❤|
आँखें #भिगोने लगी है अब तेरी बातेंकाश तुम “अजनबी” ही रहते तो_अच्छा होता
कभी “अनजान” राहों पर भी मेरा नाम लिखते थे…वो मेरे शहर में बसते हैं अब #अजनबी बन कर
चले आओ ‘अजनबी’ बनकर फिर से मिलेतुम मेरा नाम पूछो मैं #तुम्हारा हाल पूछूं
एक #अजनबी यूँ मिला मुझे मेरी “पहचान” बन गया रिश्ता कहाँ कोई था उससे मुझसे मिला,मेरी जान बन गया #घुलता रहा वो इस क़दर मुझमें फ़ीकी “ज़िन्दगी” की मुस्कान बन गयाकुछ “अधूरा” सा बाक़ी था मुझमें सूनी ज़िन्दगी में लोबान बन गया !
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