Tanha Shayari: नमस्कार दोस्तो, हमेशा की तरह आज फिर से आपके लिए एक नई पोस्ट लेकर हाजिर है जिसका टाइटल है तनहाई शायरी। तन्हाई हमारे दिमाग की एक ऐसी स्तिथि, हालत, दशा है जो हमें अकेलेपन है एहसास करवाती है और यहाँ ज़रूरी ही नहीं है
की आप अकेलेपन में है मतलन उसका आप तन्हा है दोस्तो प्यार इश्क़ मोहब्ब्त ये शब्द सुनने में तो बड़ी अच्छे लगते है लेकिन अगर इनसे रूबरू हुआ जाए तब पता चले की इनको निभाना आसान नहीं है। इंसान अपने आस पास सब से घिरे होने के बाद भी तन्हा हो सकता है खासतौर पर जब अगर कोई धोखा दे दे प्यार मेे तब दिल टूट सा जाता है
और फिर खुद को संभालना मुश्किल हो जाता है। तो अगर आपको भी प्यार मेे तनहाई हासिल हुई है है तो इस पोस्ट की Tanhai Shayari Hindi आपको जरूर अच्छी लगेगी। अच्छी लगे तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करे।
Tanha Shayari
कितनी_अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,हजारों लोग हैं मगर “कोई” उस जैसा नहीं है.
ग़म ओ “नशात” की हर रहगुज़र में तन्हा हूँमुझे ख़बर है मैं अपने “सफ़र” में तन्हा हूँ
कोई क्या “जाने” कि है #रोज़-ए-क़यामत क्या चीज़दूसरा नाम है मेरी #शब-ए-तन्हाई का
Tanha Shayari |
मिरे घर में तो_कोई भी नहीं हैख़ुदा_जाने मैं किस से डर रहा हूँ
मेरी #मोहब्बत है वो कोई “मज़बूरी” तो नही,वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही,ये कुछ कम है कि_बसा है मेरी साँसों में वो,सामने हो मेरी #आँखों के जरूरी तो नही ।
#तूफान सा आ गया है मेरे_आशियाने में शायद,तनहाई ने कदम रख_लिया है मेरे मयखाने में।
और क्या_लिखूं… अपनी जिन्दगी के बारे में,जो जिन्दगी हुआ #करते थे वो ही बिछड़ गये।
मेरी है वो #मिसाल कि जैसे कोई दरख़्त,चुप-चाप आँधियों में भी ”तन्हा” खड़ा हुआ.
#ख़मोशी के हैं आँगन और ”सन्नाटे” की दीवारेंये कैसे लोग हैं जिन को #घरों से डर नहीं लगता
अपनी #तन्हाई में खलल यूँ_डालूँ सारी रात…खुद ही दर पे #दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन?
तू नहीं तो #ज़िंदगी में और क्या रह जायेगा,दूर तक ”तन्हाइयों” का सिलसिला रह जायेगा,आँखें ताजा मंजरों में खो तो जायेंगी मगर,दिल पुराने “मौसमों” को ढूंढ़ता रह जायेगा।
सुनो अब_लौट कर मत आना,ये तन्हाई अब हमें #तुमसे भी प्यारी लगती हैं।
#तन्हाई में करनी तो है इक_बात किसी से,लेकिन वो किसी #वक़्त अकेला नहीं होता.
अपने #दुखो पे रोना अपनी #खुशियों पे रोना,क्या कुछ सिखा_जाता है किसी से जुदा होना।
बड़ा दर्द_देती है तेरी तन्हाईजिस्म मैं आग सी ”लगा” जाती हैकोई तो #वजह दे मुस्कराने कीमैं रोता हु तो रोती है मेरी तन्हाई ।।
#तन्हाई से तंग आकर ”मोहब्बत” की तलाश में निकले,लेकिन मोहब्बत भी ऐसी_मिली कि और तनहा कर गयी।
मैं हूँ_दिल है तन्हाई हैतुम भी होतेअच्छा_होता।
सुनो ये #बादल जब भी बरसता है,मन तुझसे ही ‘मिलने’ को तरसता है
वो_कहते हैं हम जी लेंगे #खुशी से तुम्हारे बिना,हमें डर है वो टूटकर_बिखर जायेंगे हमारे बिना।
ज़िन्दगी ये_चाहती है कि ख़ुदकुशी कर लूँ,मैं इस #इन्तज़ार में हूँ कि कोई हादसा हो जाए।
तुम्हारे “शहर” का मौसम बड़ा सुहाना लगे..मैं एक शाम चुरा लूँ अगर_बुरा न लगे..!!!
मैंने अपने #ख्वाहिशो को दिवार में चुनवा दिया,खामखाँ जिंदगी में “अनारकली” बनके नाच रही थी !!
मैं तन्हाई को “तन्हाई” में तनहा कैसे छोड़ दूँ ?इस तन्हाई ने #तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है.
मुझको मेरी #तन्हाई से अब “शिकायत” नहीं है,मैं पत्थर हूँ मुझे_खुद से भी मोहब्बत नहीं है।
यादों में “आपके” तनहा बैठे हैं,आपके बिना लबों की #हँसी गँवा बैठे हैं,आपकी दुनिया में अँधेरा ना हो,इसलिए ”खुद” का दिल जला बैठे हैं।
रातों में_तेरी यादेंरोज करती है बेहाल..मत “पूछो” अब तनहाई मेंकैसा है मेरा हाल..
#शिद्दत से की थी मैंने मोहब्बतबस बेशुमार #नफरत ना कर सकादी तूने मुझे तनहाई की सजापर तेरा “गुनाह” में बयां भी ना कर सका
तेरी #यादों में अब मैंअकेला ही जल_रहा हूं..तनहाई लेकर मैंखुद ही #चल रहा हूं..
कभी “ग़म” तो कभी #तन्हाई मार गयी,कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,बहुत टूट कर_चाहा जिसको हमने,आखिर में उनकी ही #बेवफाई मार गयी।
आज इनता_तनहा महसूस किया खुद को,जेसे लोग #दफना के चले गए हों.
एक #अज़ब सी जंग छिड़ी है,इस तन्हाई के #आलम मेँ,आँखे कहती है की सोने दे,और #दिल कहता है की रोने दे.
Tanha Shayari In Hindi |
ये उदास_रातें मेरी तन्हाई को #मुकाम पे ले आती हैं किमुझे तुम एक तुम फिर_तुम और बस तुम याद आते हो।
वो #उँगलियों पे गिनते हैं “ज़ुल्म” जिनका कुछ हिसाब नही,तुम नहीं, गम नहीं, #शराब नहीं ऐसी तन्हाई का जवाब नही.
तेरी ही_चाहत थी मेरेमासूम से इस #दिल में..तन्हाई के अलावा नहीं हैअब साथी #महफिल में..
बैठा हूं एक_तेरी यादों के सहारे..अब मेरी तन्हाई #बस तुझे पुकारे..
एक तेरे_ना होने से बदल जाता है #सब कुछकल धूप भी #दीवार पे पूरी नहीं उतरी।
कितनी #अजीब है इस शहर की तन्हाई भी,हजारों लोग हैं मगर कोई उस_जैसा नहीं है।
कुछ इस_तरह तेरे दिल के #करीब आते गएहम तन्हाइयो के और भी ”नजदीक” जाते गए ।।
तेरे दूर_जाने का गम”अब तो #सांसे भी लगती है बोझ सीकैसे तुम्हे बताए अब ये #धड़कन कीआवाज भी_लगती है शोर सी ।।
मेरी #तन्हाई को मेरा शौक न_समझना,बहुत प्यार से #दिया है ये तोहफा किसी ने।
हमारे ”चले” जाने के बाद,ये समुंदर भी पूछेगा तुमसे,कहा चला_गया वो शख्सजो तन्हाई मे आ कर,बस #तुम्हारा ही नाम लिखा करता था
मेरी “यादें” मेरा चेहरा मेरी_बातें रुलायेंगी,हिज़्र के दौर में गुज़री #मुलाकातें रुलायेंगी,दिनों को तो चलो तुम काट भी लोगे फसानों में,जहाँ तन्हा “मिलोगे” तुम तुम्हें रातें रुलायेंगी।
कांटो सी #दिल में चुभती है तन्हाई,अंगारों सी #सुलगती है तन्हाई,कोई आ कर हमको जरा हँसा दे,मैं रोता हूँ तो रोने_लगती है तन्हाई।
मैं और मेरी_तन्हाई अक्सर ये बातें करते हैं,कि नाश्ते मैं #पोहा होता तो कैसा होता?साथ जलेबी पानी_पुरी होती तो कैसा होता?
मेरी “जुदाई” को इस ज़माने मैं ना_देख पाया कोईमेरे सिवा बैठ कर #तनहाई मैं ना रोया होगा कोई।।
#तन्हाई ना पाए कोई साथ के बाद,जुदाई ना पाए कोई_मुलाकात के बाद,ना पड़े किसी को किसी की आदत इतनी,कि हर #सांस भी आए उसकी याद के बाद..
कितनी “अजीब” है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,हजारों अपने हैं मगर याद_तुम ही आते हो।
ये भी ”शायद” ज़िंदगी की इक अदा हैदोस्तों, जिसको कोई_मिल गया वोऔर #तन्हा हो गया।
ढूंढ #निकाली मैनेतन्हाई में एक_तरकीब..सोच में डूबा रहता हूंजो तू_ना होती मेरे करीब..
#तन्हाई की आग में कहीं_जल ही न जाऊँ,के अब तो कोई मेरे #आशियाने को बचाले।
“थकन, टूटन, उदासी, ऊब, तन्हाई, अधूरापन ,तुम्हारी याद के संग इतना_लम्बा कारवाँ क्यूँ है ..?”
मैं #मुसीबत में अकेला हूँ… तो यार ‘हैरत’ कैसी…?? हर कोई डूबती हुई “क़श्ती” से उतर ही जाता है…!!
#किस से कहु, अपनी #तन्हाई का आलम.लोग चहरें के_हसी देख, बहुत खुश समझते हैं.
कैसा #अजीब प्यार थाजो हमें “रुसवाई” मिली..साथ मांगा था जन्मों कालेकिन सिर्फतन्हाई मिली..
अब तो #हसरत ही नहीं रहीकिसी से वफ़ा पाने की दिल इस क़दरटूटा है की अब_सिर्फ तन्हाई अच्छी लगती है।
Tanha Status In Hindi |
बस वही #जान सकता है मेरी “तन्हाई” का आलम,जिसने जिन्दगी में #किसी को पाने से पहले खोया है।
मैं #तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसेछोड़ दूँ ! इस “तन्हाई” ने तन्हाई मेंतनहा मेरा साथ दिए है !!
कितना भी #दुनिया के लिए हँस केजी लें हम, रुला_देती है फिर भीकिसी की #कमी कभी-कभी।
रिश्ते “छूट” रहे हैं लोगों को #परवाह नहीं हैमोबाइलों के #अलावा कहीं निगाहें नहीं हैसामने बैठकर_घंटों मोन रहते है यूँ तोरिप्लाई आये ना तो चेहरे_पे लाह नहीं है।
तन्हाई की #दुल्हन अपनी माँग_सजाए बैठी हैवीरानी आबाद हुई है #उजड़े हुए दरख़्तों में
ये कैसा #क़ाफ़िला है जिस में सारे_लोग तन्हा हैंये किस बर्ज़ख़ में हैं हम_सब तुम्हें भी सोचना होगा
तेरे #जल्वों ने मुझे घेर लिया है ऐ_दोस्त,अब तो तन्हाई के #लम्हे भी हसीं लगते हैं।
#गुजर तो जाएगी तेरे “बगैर” भी लेकिनबहुत उदास बहुत #बे-क़रार गुजरेगी।
Tanha Shayari In Hindi
ए मेरे दिल , कभी #तीसरे की उम्मीद भी ना_किया कर ,सिर्फ तुम और ”मैं” ही हैं इस दश्त-ए-तन्हाई में …
❛मुश्कुराने पे ”सुरु” हो और रुलाने पे #खत्म हो जाये, ये वही #जुल्म है जिसे लोग महोब्बत कहते है।❜
#इंतज़ार की आरज़ू_अब खो गयी है,खामोशियो की ”आदत” हो गयी है,न शिकवा रहा न शिकायत किसी से,अगर है… तो एक #मोहब्बत,जो इन तन्हाइयों से हो गई है ।
वो उँगलियों पे_गिनते हैं ज़ुल्म जिनकाकुछ हिसाब नही तुम_नहीं, गम नहीं,शराब नहीं ऐसी #तन्हाई का जवाब नही.
बता दो मुझेज़रा की मेरा तुम्हेचाहना गलत है क्या ?क्यों नहीं #बन रही बात अपनीकिसी और से ”मोहब्बत” है क्या।
तन्हाई मैं #मुस्कुराना भी इश्क़ है इस बात को सब से “छुपाना” भी इश्क़ है यूँ तो रातों को नींद नही आती पर #रातों को सो कर भी जाग जाना इश्क़ है
मेरी तन्हाई_मार डालेगी दे दे कर तानें मुझको , एक बार आ जाओ इसे_तुम खामोश कर दो…
कितनी #अजीब है मेरे अन्दर की “तन्हाई” भीहजारो अपने है मगर_याद सिर्फ वो ही आती है
तन्हाई के #लम्हात का एहसास हुआ हैजब तारों भरी रात का_एहसास हुआ है
हमारे #चले जाने के बाद„ये समुंदर भी “पूछेगा” तुमसे…कहा चला गया वो शख्स„जो #तन्हाई मे आ कर„बस तुम्हारा ही नाम_लिखा करता था…!!!
ढूंढना ही है तो #परवाह करने वालों को ढूंढ़िये ज़नाब… #इस्तेमाल करने वाले तो ख़ुद ही आपको ढूंढ लेंगे…
रिश्ते तो नहीं “रिश्तों” की परछाई मिली…ये कैसी भीङ है बस यहाँ #तन्हाई मिली….
जब भी #तन्हाई में उनके बगैर जीने की बात आयीउनसे हुई हर एक “मुलाकात” मेरी यादों में दौड आई
तेरी यादें मेरे #खयालों में बसी हैंतन्हाई के #बोझ से आँखें झुकी हैंलहरें काश इसे यूँ ही लिखा रहने देकिनारों पर तेरी “खातीर” गज़ल लिखी हैं
आपकी याद में #दीवाने से फिरते हैं,तन्हाई में अक्सर आपको_तलाश करते हैं,जिंदगी #वीरान सी है आपके जाने के बाद,आज भी हम तुमसे ”प्यार” करते हैं।
मुझे #तन्हाई की आदत है,मेरी बात छोडो, तुम “बताओ” कैसी हो ?
करोगे याद_एक दिन चाहत के ज़माने को,चले जायेंगे जब हम कभी #वापस न आने को,करेगा “महफ़िलों” में जब ज़िक्र हमारा कोई,तन्हाई ढूंढोगे तुम भी दो_आँसू बहाने को।
चलते चलते_अकेले अब थक गए हम,जो मंजिल को जाये वो #डगर चाहिए,तन्हाई का बोझ अब और उठता नहीं,अब हमको भी एक #हम-सफ़र चाहिए।
वक़्त_बहुत कुछ चीन लेता हैखैर मेरी तोह सिर्फ_मुस्कराहटखुशियां और #रातों की नींद थी।
चंद “लम्हों” के लिए एक मुलाक़ात रही,फिर ना वो तू, ना_वो मैं, ना वो रात रही।
मेरी #यादें मेरा चेहरा मेरी_बातें रुलायेंगी,हिज़्र के दौर में गुज़री_मुलाकातें रुलायेंगी,दिनों को तो चलो तुम #काट भी लोगे फसानों में,जहाँ तन्हा मिलोगे तुम “तुम्हें” रातें रुलायेंगी।
उनके_लिए जब हमने #भटकना छोड़ दिया,याद में उनकी जब_तड़पना छोड़ दिया,वो रोये बहुत #आकर फिर हमारे पास,जब हमारे दिल ने धडकना ‘छोड़’ दिया।
एक #पल का एहसास “बनकर” आ जाते हो तुम,दूसरे ही पल खाव्ब_बनकर उढ़ जाते हो तुम,तुम जानते हो के #लगता है डर तनहाइयों से,फिर भी बार बार तन्हा ‘छोड़’ जाते हो तुम।
Tanha Raat Shayari |
किस से_कहु अपनी तन्हाई का आलम.लोग चहरें के हसी देख, बहुत_खुश समझते हैं.
मनाने की #कोशिश तो बहुत की हमनें पर जब वो हमारे #लफ़्ज ना समझ सके तो हमारी “खामोशियों” को क्या समझेंगे।
तेरा इश्क़ भी बड़ा_बेदर्दी है सनम, सांसे भी ले जाता है,मरने भी नहीं देता। तूँ #वादा तो करता है, साथ रहने का, बस #तन्हाई रहता है, तूँ दिखाई नहीं देता।।
लगता हैं इन “हवाओं” में रुसवाई मिल गयी हैं,तन्हाई मेरी किस्मत में_लिख दी गयी हैं,पहले यकीन हुआ करता था,अब दिल को #तस्सली देनी पड़ती हैं कि तुम मेरे हो।
मुझे इन_राहो में तेरा साथ चाहिए,तन्हाईयो में तेरा_हाथ चाहिए,खुशियों से भरे इस #संसार में तेरा प्यार चाहिएकैसे बया करे हम आपको ये दिल-ए- हाल,के तुम्ही हो “जिसके” बगैर हम रह नहीं सकते !!
बिखरे_अरमान, भीगी #पलकें और ये तन्हाई,कहूँ कैसे कि मिला #मोहब्बत में कुछ भी नहीं।
ग़ुज़र_जाता है सारा साल यूँ तोनहीं कटता #मगर तन्हा दिसम्बरजमा पूंजी यही है उम्र भर कीमेरी “तन्हाई” और मेरा दिसम्बर !!
तुम्हें #देखकर मैं खुद को भूल जाता हूँ,तन्हाई में “अक्सर” ग़ज़ल गुनगुनाता हूँ,इश्क़ हो गया है या_कोई और बला है,बेवजह यूँ हर_घड़ी अब मुस्कुराता हूँ।
इस #तन्हाई के आलम में मै और मेरा_तन्हा दिल,भूल नहीं पाया है #लम्हा वो तेरी अंगड़ाई का।
खामोशी और “तन्हाई” हमें प्यारी हो गई है,आजकल_रातों से यारी हो गई है,सारी सारी “रात” तुम्हें याद करते हैं,शायद तुम्हें याद करने की “बीमारी” हो गई है।
कभी जो थक_जाओ तुम दुनिया की महफिलों से,हमें आवाज दे देना हम_अकसर अकेले होते हें।
पता नही_क्यो वो छाए हुए हे मेरी #तन्हाई के दौर में,पता नही क्यो वो “छाए” हुए हे मेरी तन्हाई के दौर में,जब भी तन्हा होता हूं साथ_मेरे वो आ जाते हे याद बनकर।
वो भी बहुत_अकेला है शायद मेरी तरह,उस को भी कोई चाहने_वाला नहीं मिला।
जहां #याद न आये तेरी वो “तन्हाई” किस काम की,बिगड़े रिश्ते न बने वो_खुदाई किस काम की,बेशक अपनी #मंजिल तक जाना है हमें,लेकिन जहां से अपने न “दिखें” वो ऊंचाई किस काम की।
#बिछड़ कर अचानक मुझे चौंका दिया उस नेअनसुलझे #खयालों में उलझा दिया उस नेजिस की खुशीयाँ थी “शामील” मेरी दुआओं मेंतन्हाई का आज मुझे तोहफा दिया उस ने
जगमगाते #शहर की रानाइयों में क्या न था,ढूँढ़ने निकला था जिसको बस वही चेहरा न था,हम वही, तुम भी वही, #मौसम वही, मंज़र वही,फासले बढ़ जायेंगे इतने मैंने_कभी सोचा न था।