Roshni Shayari: इस अर्टिकल में बेहतरीन रोशनी शायरी दिए हुए हैं. इसे पूरा जरूर पढ़े और पसंद आने पर शेयर भी करें. रोशनी जो दिखाई देने में हामारी मदत करता है. क्योंकि जब अँधेरा हो जाता है तो भी हमारे पास आँखे होती हैं. पर हम अच्छी तरह देख नहीं पाते हैं.
रोशनी को हिंदी भाषा में कई संदर्भों में प्रयोग किया जाता हैं. जीवन में रोशनी आने का मतलब ख़ुशी भी होता हैं. रौशनी एक ऐसी शय है जिससे उम्मीद और तन्हाई दोनों का एहसास होता है. इस अकेले लफ्ज़ में कई मायने छुपे होते हैं. मनुष्य को बाहर से रोशनी चाहिए ताकि उसे अच्छे से दिखाई दे और हृदय में रोशनी चाहिए जिससे उसका जीवन सुखमय बने.. ज्ञान की रोशनी को जितना बाँटों उतना ही बढ़ता जाता हैं.
ज्ञान अहंकार, लालच, क्रोध को दूर करता है और इंसान की गरीबी को भी दूर करता हैं. अगर आपको हमारी शायरी पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ जरूर से शेयर करे ताकि वो भी अपने अंदर अच्छाई की रौशनी जला सके।
Roshni Shayari
हाँ हूँ ”जरूर” मैं रोशनी मगर मुझमे अँधेरा है…तुम चाँद बन आओ, मेरी #रोशनी को सरेआम कर दो!
Roshni Shayari |
मेरी #जिंदगी में जब भी मुस्सेबातो का काला_साया आया तब तेरे साथ की “रौशनी” ने मेरा साथ निभाया।
#फूँक कर मैं ने आशियाने कोरौशनी बख़्श दी_ज़माने को
जब #नफरतो का खात्मा होता है तब ”इंसान” के जीवन में फिर से सकारत्मक “विचारो” का उजाला होता है।
Two Line Shayari On Roshni |
बहुत #सुकून से रहते थे हम ‘अँधेरे’ मेंफ़साद पैदा हुआ #रौशनी के आने से
तुम बस ”मेहनत” करने की हिम्मत जुटाओं,#सफलता की रौशनी तुम्हे ”खुद” ब खुद दिख जाएगी।
इक #पतिंगे ने ये अपने #रक़्स-ए-आख़िर में कहारौशनी के साथ रहिए_रौशनी बन जाइए
#नफरतों को जलाओ तो, ‘मोहब्बत’ की रौशनी होगी,इंसान तो जब_भी जले हैं, राख ही हुए हैं.!!
#चिरागों की भी बस यही कहानी हैरात भर पूछ है ”चिरागों” की#सूरज के आते हीं उन्हें एक ‘फूंक’ से बुझानी है.
दिल_जलाकर भी अब #रौशनी नहीं है जिंदगी मेंतुम जो गये तो मेरे हिस्से की #रौशनी भी ले गये.
ख़ुद ही #परवाने जल गए वर्नाशमा जलती है ”रौशनी” के लिए
कुछ_नहीं दे रहा सुझाई हमेंइस क़दर #रौशनी का क्या कीजे
मेरा दिल_तुझ पे फ़िदा है, तेरी ‘रौशनी’ का दिया मेरी जिंदगी भी अब भी_जला है।
मंद #रोशनी में भी तुझे-पहचान जाता हूँ,तू उतना ही नजर आता है जितना_तुझे चाहता हूँ.
#रौशनी में कुछ कमी रह गयी हो तो_बता देना हमें,दिल आज भी #हाजिर है जलने के लिये
मोहब्बत #जिन्दगी के ‘करीब’ ले आई है,और इस ज़िन्दगी में बस तू ही तू समाई है,तेरे बिना खुशियों का #चिराग जलता नहींशहर की #रोशनी से ये दिल बहलता नहीं.
है “काएनात” को हरकत तेरे ज़ौक़ सेपरतव से आफ़्ताब के #ज़र्रे में जान है
तेरी रौशनी की #किरण जब मेरी ‘जिंदगी’ पर पड़ी तो मेरी बिगड़ी हुई #जिंदगी अपने आप संभल गयी।
मेरा ये “दिल” तब बहुत खुश हो जाता है जब तेरी प्यारी सी मुस्कुराहट की #रौशनी इसके उप्पर पड़ती है।
चाँद भी #हैरान दरिया भी परेशानी में हैअक्स किस का है कि इतनी “रौशनी” पानी में है
#दोस्तों चलो हम चाँद का किरदार_अपना ले,दाग अपने पास रखे और ‘रोशनी’ बाँट दे.
ढूँढा बहुत_मगर कहीं #मोहब्बत नहीं मिली,उम्मीदों की #रोशनी में सिर्फ़ जिंदगी जली.
जब रात #अमावस की हो तो रौशनी के लिए ‘दीप’ जलाये जाते हैंमुश्किलों को ‘हराने’ के लिए हौसलों के साथ #कदम बढ़ाए जाते हैं.
लरज़ता है मिरा दिल #ज़हमत-ए-मेहर-ए-दरख़्शाँ परमैं हूँ वो क़तरा-ए-शबनम कि हो “ख़ार-ए-बयाबाँ” पर
जहाँ_रहेगा वहीं रोशनी लुटायेगा,किसी #चराग़ का अपना ‘मकाँ’ नहीं होता.
वो आई मेरी जिंदगी में #अमावस के रात की तरहजिसके_जाने के बाद हीं फिर #रौशनी मुझे नसीब हुई.
अंधेरों से निकल के तेरी #यादो से मैं लड़ गयी#रौशनी का संग पा के टूट के भी ‘संभल’ गयी
जो दूसरों के “हिस्से” की रौशनी छीनते हैं, उन्हें इसकी कभी ना कभी_महंगी कीमत चुकानी होती है.
है ही नहीं_कोई खुशकिसी के घर की #रोशनी सेमैंने अपने घर का चिराग़तूफानों से #बचाकर रखा है
Roshni Quotes In Hindi |
अंधेरों को #निकाला जा रहा हैमगर घर से ”उजाला” जा रहा है
कुछ काम कुछ_ख़ुशनसीब लोगों के नाम होते हैपाप तो रोशनी में होते है अँधरे यूँही #बदनाम होते है
तेरी ”छत” से दूर क्या हुई दुनिया_मेरी,,कई खिड़कियों की #रोशनी मुझे छू कर गुज़रने लगी है !!
दर्द से ”दोस्ती” हो गई यारों,जिदंगी बेदर्द हो गई_यारों,क्या हुआ जो “जल” गया आशियाना हमारा,दूर तक रोशनी तो हो गई यारो.
सुपुर्द कर के उसे #चाँदनी के हाथों मेंमैं अपने ‘घर’ के अँधेरों को लौट_आऊँगी
जिस अँधेरी_राह से गुजरो, वहाँ एक #चिराग जला देनाछोटे से जतन से, “दूसरों” की राह आसान बना देना.
चाँद भी हैरान #दरिया भी परेशानी में हैअक्स किस का है कि इतनी “रौशनी” पानी में है
वो #अँधेरा ही सही था कि ”कदम” राह पर थे,रोशनी ले आई मुझे, #मंजिल से बहुत दूर.
कह दो #अँधेरों से कहीं और ”घर” बना लें,मेरे मुल्क में #रोशनी का सैलाब आया है.
रोशनी कब_कम हुई पता ना चला,ख़ुशी कब गम हुई “पता” ना चला,आप की याद में खोये कुछ इस तरह,आँख कब_नम हुई पता ना चला.
मैं #अंधेरे में हूँ मगर मुझ मेंरौशनी ने जगह_बना ली है
कभी वो मेरे_सामने आकर मुझसे #मिले भी नहीं,मैं उससे बात करू_इतना हौसला भी नहीं,सुना है वो माँगते #सितारों की रोशनीपर मुझ गरीब के पास तो “मिट्टी” का दिया भी नहीं.
वो भी रो_रो के बुझा डाला है अब #आँखों नेरौशनी देता था जो ‘एक’ दिया अंदर से
नहीं है मेरे “मुक़द्दर” में रौशनी न सहीये खिड़की खोलो ज़रा #सुब्ह की हवा ही लगे
सूरज की “रोशनी” कहेउठो शुरू करो अब काम,चंदा की #रोशनी कहेबहुत हुआ अब करो ‘विश्राम’.
हर एक #मौसम में रौशनी सी बिखेरते हैंतुम्हारे ग़म के चराग़ मेरी_उदासियों में
फलक के ”तारों” से क्या दूर होगी #जुल्मत-ए-शब,जब अपने घर के #चरागों से रोशनी न मिली।
#रौशनी के लिए शमा तो जला लिया #महफ़िल में,कुछ पता भी है के दर्द_जलने का होता क्या है.
मैं करूं भी ”तो” किस बात का घमंड?सूरज की रोशनी को भी #मैंने रात के साये में ‘ढलते’ देखा है।।
रोशनी_चाहूँ तो दुनिया के #अँधेरे घेर लेते हैंअगर कोई मेरी तरह जी ले_तो जीना भूल जायेगा।
जब तक बाप की #रौशनी घर पर रहती है तब तक किसी भी काली शक्ति का साया_घर पर नहीं मंडराता है।
दमक तो_सकते है हम भी गैरों की #चमक चुराके,मगर उधार की रोशनी का चाँद_बनना हमें मंजूर नहीं.
मैं गया ”रोशनी” खरीदनेवो चली गयी बेच कर #अँधेरा
दुआ_करते है हम सर झुका कर,हर ख़ुशी और हर #मंजिल को पायें,अगर ”आपकी” राह में कभी अँधेरा आयेंतो रौशनी के लिए #खुदा हमको जलायें.
#किस्मत से मिले अँधेरे को मेहनत की “रौशनी” से हीं मिटाया जाता हैजो चीज हाथों में ना हो उसे #मेहनत से हीं कमाया जाता है.
कभी #सूरज अपने साथ रौशनी लाता है, तो कभी_चाँद. तो कभी रौशनी करने के लिए हमें ”दीप” जलाने पड़ते हैं.
तुम #खफ़ा हो गये तो कोई ‘ख़ुशी’ ना रहेगी,तुम्हारे बिना #चिरागों में रोशनी ना रहेगी,क्या कहे काया ‘गुजरेगी’ इस दिल परजिन्दा तो रहेंगे पर जिंदगी ना रहेगी.
वो तो #बरसात सी आयी थीहर बूंद में जिंदगी ”संग” लायी थीपर उसका जाना तो तय था,कमबख्त_गलती तो हमारी हैउसके आने से ‘रोशनी’ क्या मिलीहम उसे सूरज की किरणे समझ बैठे।
अब ये ”रोशनी” ना करो,मेरी आंखों में चुभती है..एक दर्द सा_जगाती है,कोई ‘नब्ज़’ सी रुकती है..
अंधेरों में ही_एक सा सुकून हैं जनाब…वरना रोशनी के तो_कई रंग हैं…
गुरु #ज्ञान का वह रूप हैंजो हमारे जीवन में अंधेरा_हटाकर रोशनी बिखेरता है।।
#जलनेवाला हर चिराग “रोशनी” नहीं देता,कुछ चिराग जलनेपर अपने_भीतर की रोशनी भी बुझा देते है।
जिन #अश्कों की फीकी लौ को हम “बेकार” समझते थेउन अश्कों से कितना #रौशन इक तारीक मकान हुआ
जरा सी ‘रोशनी’ भी….मुस्कुराने की #वजह बन जाती है..,उम्मीद की “किरण” दे जाती है..,अंधेरे में हताश इंसान की #साहस बन जाती है..,,
#जगमगा रहा है आज सारा जहां_रोशनी सेकिसी को आज भी #तलाश है जरा सी रोशनी कीइतना अजीब ”अफ़साना” क्यूं है जिंदगी का मेरीचारों तरफ उजाला #अंधकार में फिर क्यों जिंदगीकाश की रोशनी की कोई “किरण” कहीं से नजर आये#रोशन हो जाये जिंदगी मेरी भी इत्तेफ़ाक से ही कभी
आँखों से “प्यारी” रोशनी,रोशनी से ”प्यारा” दिल।धड़कन से प्यारी जिंदगी,जिंदगी से #प्यारे आप।