BEST 111+ Dard Bhari Shayari | दर्द भरी शायरी 2023

Dard Bhari Shayari : दोस्तों जिंदगी में आपने भी कभी न कभी दर्द का अनुभव किया ही होगा। जीवन मे कभी ना कभी ऐसा पल जरूर आता है जब हम काफ़ी दुख भरे समय से गुज़र रहे होते हैं. 

जब हम काफ़ी दुख भरे समय से गुज़र रहे होते हैं. कभी किसी से बिछड़ने का दुख, कभी कुछ हारने के दुख, कभी किसी की याद का दुख, कुछ ना कुछ दुख हम हमेशा झेल रहे होते हैं. ऐसे में यह Dard Bhari Bewafa Shayari आपकी मदद करेंगे. यह है सबसे बेस्ट दर्द भरी शायरी जिसके माध्यम से आप अपने दिल के दर्द को दूसरों के सामने प्रकट कर पाएंगे अपने रूठे प्रेमी को मनाएंगे.

आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको यही दिखाना चाहते हैं की इश्क़/बेवफ़ाई में कितना दर्द होता है। आशा करते हैं की आपको हमारी ये पोस्ट दर्द भरी शायरी पसंद आएगी।

Dard Bhari Shayari

Hindi Dard Bhari Shayari
Hindi Dard Bhari Shayari

तुम मुझे अपना बना ले या मुझे छोड़ दे

जो भी तेरा फ़ैसला होगा मुझे मंज़ूर होगा
Dard Bhari Shayari
Dard Bhari Shayari
 
हो जा मेरा की इतनी मोहब्बत दुगा तुझको
लोग भी हसरत करेंगे तेरे जैसा नसीब पाने को ।
Dard Bhari Shayari
 
रोज़ पिलाता हूँ एक ज़हर का प्याला उसे,
एक दर्द जो दिल में है मरता ही नहीं है।
Dard Bhari Shayari
 
किसको परवाह है किसी के जज्बातो की
यहां हर शख्स अपने मतलब से मिलता है..!
Dard Bhari Shayari
 
चलो आज किस्सा तमाम ही हो गया,
जो पहले अपना था आज अनजान हो गया।
Zindagi Dard Bhari Shayari
Zindagi Dard Bhari Shayari
 
कभी दर्द ज़ाहिर नहीँ करने देते,
पलकों में आंसू भरने नहीं देते ।
जानता हूँ कि मैं अब टूट चुका हूँ,
फिर भी वो मुझे बिखरने नहीं देती  ।।
 
Zindagi Dard Bhari Shayari
 
मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी
लेकिन सिर्फ सांस लेने को जीना तो नहीं कहते
Zindagi Dard Bhari Shayari
 
दर्द मोहब्बत का ऐ दोस्त बहुत खूब होगा,
न चुभेगा.. न दिखेगा.. बस महसूस होगा।
Zindagi Dard Bhari Shayari
 
गमों की मुझ पर कुछ ऐसी नजर हो गई
जब भी हम हँसे ये आँखे नम हो गई
हम रोऐ भी तो वो जान ना सके और
वो उदास भी हुऐ तो हमें खबर हो
Bewafa Dard Bhari Shayari
Bewafa Dard Bhari Shayari
 
पास जातक वो रहे दर्द थमा रहता है,
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह.

Zindagi Dard Bhari Shayari

Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
 
ज़ख्म तो आज भी ताज़ा है, बस वो निशान चला गया
इश्क तो आज भी बेपनाह है, बस वो इंसान चला गया।
 
उसने मेरी हथेली पे अपनी नाज़ुक सी ऊँगली से लिखा मुझे प्यार है तुमसे…
न जाने कैसी स्याही थी की वो.. लफ्ज़ मिटे भी नहीं और आज तक दिखे भी नहीं..
 
आज अलफ़ज़ नहीं मिल रहे थे,
दर्द लिख दिया हूँ महसूस कीजिये।
 
गुलशन की बहारों पे सर-ए-शाम लिखा है,
फिर उस ने किताबों पे मेरा नाम लिखा है,
ये दर्द इसी तरह मेरी दुनिया में रहेगा,
कुछ सोच के उस ने मेरा अंजाम लिखा है।
 
साथ हमारा पल भर का सही,
पर वो पल ऐसे जैसे कोई कल नहीं रहे,
ज़िन्दगी में शायद फिर मिलना हमारा,
पर महकती रहेंगी तुम्हारीं यादें हमारी…
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
 
वो हमे अपना बनाते भी तो कैसे उन्हे चांद की
ख्वाहिश थी और मैं तो कोई सितारा भी नही..!
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
 
दूरी जमाने की बेसक हो,
पर फासलों की नहीं होनी चाहिए ।
प्यार का रिश्ता हो इतना खुशनुमा  कि,
दूर रहकर भी हर वो अपना करीब आए ।।
 
इंसानों के कंधे पर इंसान जा रहे हैं,
कफ़न में लिपट कर कुछ अरमान जा रहे हैं,
जिन्हें मिली मोहब्बत में बेवफ़ाई,
वफ़ा की तलाश में वो कब्रिस्तान जा रहे हैं.
 
शायरी एक नशा है दिल का हाल सुनाने को,
तुम क्या जानो आंखों से पी थी कभी उस जालिम के।
 
नसीहत अच्छी देती है दुनिया,
अगर दर्द किसी ग़ैर का हो।
 
मुझे मिलने और बिछड़ने
में आफत नही होगी लेकिन
मुझे भूलाने से कयामत होगी..!
कल रात बरसती रही सावन की घटा भी,
और हम भी तेरी याद में दिल खोल के रोए,
लोग देते रहे ज़ख्म, सुलगती रही आँखें,
हम दर्द के मारों को न सोना था, न सोए।
 
मिलना – बिछड़ना दस्तूर है जिंदगी का,
बस यही किस्सा तो मशहूर है जिंदगी का ।
बीती खुशियों के पल कभी लौट कर नहीं करते,
यही तो सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का।।
 
ग़म सलीके में थे जब तक हम खामोश थे,
जरा जुबान क्या खुली दर्द बे-अदब हो गए।
 
सुना था कभी किसी से ,
ये मोहब्बत की दुनिया है ,
हमने भी दिल लगा के देखा तो ये जाना ,
मतलब की दुनिया है और ,ये तो जालिमों से भरा है
बिछड़ गए हम दोनों को बिच मैं ल कर
उसे मेरा मुझे उसका खुसार मार डाले गए
 
लगे हैं इलज़ाम दिल पे जो मुझको रुलाते हैं,
किसी की बेरुखी और किसी और को सताते हैं,
दिल तोड़ के मेरा वो बड़ी आसानी से कह गए अलविदा,
लेकिन हालात मुझे बेवफा ठहराते है।
 
उसकी दर्द भरी आँखों ने जिस जगह को कहा था अलविदा
आज भी वहीँ खड़ा है दिल उसके आने के इंतज़ार में.
 
कौन तेरे झूठ को भी सच मानेगा
कौन तेरी बातों में खो जायेगा
कौन तुझे यूँ चाहेगा बोल
कौन तेरा बस यूँ हो जायेगा
 
जा रही हूं तुझे छोड़कर अपना ख्याल
रखना मै तुझे कभी याद ना आऊं
इस बात का ख्याल रखना !
तकलीफ ये नहीं कि तुम्हें अज़ीज़ कोई और है,
दर्द तब हुआ जब हम नजरंदाज किए गए।
 
तुझे मेरे प्यार पर शक क्यों है
सिर्फ तुझे दिल तोड़ने का हक़ क्यों है
तूने मुझे अपना कहा समझा नहीं मगर
तेरे मेरे प्यार में फ़र्क़ क्यों है
 
मर के किसी को किया इलज़ाम दे अपनी मौत का
यहाँ सताने वाले भी अपने है और दफ़नाने वाले भी अपने है
आरजू ये नहीं है हमारी कि किसी को भुल जाएं,
तमन्ना भी ये नहीं है कि किसी को रुला जाएं ।
बस गुजारिश इतनी सी है,कि जिसे हम याद करे,
उसे भी हम उतना याद आयें ।।
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
 
इतना भी कोई किसीको ना चाहे,
की जीना मुहाल हो जाये,
एक रूठे तो दूजे की मौत हो खुदा ऐसा कमाल हो जाये।
 
तेरे गुनाह एक तरफ मेरी गलती एक तरफ
तेरे सताए आशिक़ों की बस्ती एक तरफ
सब पागल हो गए मेरा हाल देखकर
मेरे आंसू एक तरफ मेरी हसी एक तरफ
 
शुक्र करो कि हम दर्द सहते हैं, लिखते नहीं,
वरना कागजों पर लफ्जों के जनाज़े उठते।
 
कितना लुत्फ ले रहे हैं लोग मेरे दर्द-ओ-ग़म का,
ऐ इश्क़ देख तूने तो मेरा तमाशा ही बना दिया।
 
हालात हमपे इस तरह ज़ुल्म ढा रहे हैं,
हम दर्द सुना रहे हैं और लोग तालियां बजा रहे हैं.
 
जो था तुझ पर, तेरी बातों पर,
अब किसी और पर नहीं होता,
इस कदर टूटा हूँ तेरे इश्क में,
की अब तो यकीन पर भी यकीन नहीं होता।
 
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।
 
जो दिल में रह कर भी अपना न हो,
वो गैरों से भी दूर है।
जिसे कद्र न हो जज्बातों की,
उन सपनों में जीने का मतलब ही क्या ।।
 
आ गया जिस रोज़ दिल को समझें मुझे
आप की ये बेरूखी किस काम की रह जाएगी
 
आँखों में उमड़ आता है बादल बन कर,
दर्द एहसास को बंजर नहीं रहने देता।
 
अब तेरे बिना जिंदगी गुजारना मुमकिन नही है,
अब और किसी को इस दिल में बसाना आसान नही है,
हम तो तेरे पास कब के चले आये होते सब कुछ छोड़ कर,
लेकिन तूने कभी हमे दिल से पुकारा ही नही है.
 
हम हस्ते जरूर है जनाब लेकिन दुसरो को हंसाने
के लिए वरना दिल पर इतना जख्म खाए है कि
अब रोया भी नही जाता ।।
बोल तेरे दिल में क्या है
क्या है तेरी रज़ा बता
मैंने बस तुझे दिल से चाहा है ना
क्या है मोहब्बत की सज़ा बता
 
कुछ अपनों के सताए हुए भी लोग हैं
आंसू कर किसी के झूठे नहीं होते
मतलब निकलने पर सब बदल ही जाते हैं
अपने भी आज कल अपने नहीं होते
 
लफ्ज़-ए-तसल्ली तो बस एक तकल्लुफ है,
जिसका दर्द उसका दर्द बाकी सब अफ़साने।
 

Bewafa Dard Bhari Shayari

Dard Bhari Bewafa Shayari
 
में मर ही जाता अगर तुम ना मिलते,
साँसे अटक सी गईथी तेरे इंतेजार में।
Dard Bhari Bewafa Shayari
 
धड़कन मेरी थमी हुई है तेरी सांस में
और तूने अपना हाथ दे दिया
किसी पराए के हाथ में..!
 
शोर है दिलो दिमाग मे और खामोशियों ने घेरा है,
हर नजर तुज पर ही रुकी हुई है,
इंतेजार में ये वक़्त भी ठहरा हुआ है।
 
मेरी कहानी में कई किरदार हैं
पर वो एक ही तो मुझे खुश रखता हैं
मेरी कहानी में कई दर्द हैं
पर ये दर्द ही तो मुझे ज़िंदा रखता हैं
 
हादसे इंसान के संग मसखरी करने लगे;
लफ्ज कागज पर उतर जादूगरी करने लगे;
कामयाबी जिसने पाई उनके घर बस गए;
जिनके दिल टूटे वो आशिक शायरी करने लगे।
 
तुम्हारी तस्वीर देखकर भी मन नही भरता
तुम्हे देखने के सिवा कुछ और करने का
मन नही करता चले गए हो जिंदगी से ऐसे जैसे
सूरज चाँद से राब्ता नही रखता ।।
 
तुझसे पहले भी कई जख्म थे सीने में मगर,
अब के वह दर्द है दिल में कि रगें टूटती हैं।
 
वफ़ा के नाम पर तुमने
मुझे धोखे परोसे थे
कसम भी खायी थी झूठी
बड़े कच्चे भरोसे थे
 
दश्त-ए-हस्ती में शब-ए-ग़म की सहर करने को
हिज्र वालों ने लिया रख़्त-ए-सफ़र सन्नाटा
 
बहुत कोशिश की मगर न भुला पाया main तुझको,
याद तुम्हारी सताती रही, चैन भी न आया मुझको,
सोते वक़्त भी चेहरा सामने नज़र आए,
क्या मिल जायेगा मुझको प्यार मेरा,
बस यही सोचते सोचते रात गुज़र जाये
 
एक उम्र बनकर मिले थे
एक पल बन कर गुज़र गए हो
एक अरसे बाद आज देखा तुम्हें
पहले से काफी बदल गए हो
 
मेरे साथ चलना है तो दर्द की आदी बन जाओ,
मेरा मश्ग़ला  काँटों से खेलना है और तुम अभी फूल जैसी हो
 
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है;
जिसका रास्ता बहुत खराब है;
मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा;
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है.
 
ये जरूरी तो नही टूटा हुआ इंसान आपको रोता हुआ
मिले, कुछ लोग लाखो दर्द छिपाये रखते है अपनी
हंसी के पीछे …।
 
हम हस्ते जरूर है जनाब लेकिन दुसरो को हंसाने के
 लिए वरना दिल पर इतना जख्म खाए है कि अब
रोया भी नही जाता ।।
 
आज मैंने परछाईं से पूछ ही लिया,
क्यों चलती हो मेरे साथ?
उसने भी हँसके कहा,
दूसरा कौन है तेरे साथ।
 
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम.
 
बहुत अजीब सिलसिले है मोहब्बत इश्क मैं
कोई वफ़ा के लिए रोया तो कोई वफ़ा कर के रोया
 
दुआ करना की तुम हो जाओ मेरे
तुम्हारी तो खुदा सुनता ही होगा
 
Dard Bhari Bewafa Shayari
 
शायरी में सिमटते कहाँ हैं दिल के दर्द दोस्तों,
बहला रहे हैं खुद को जरा कागजों के साथ।
Dard Bhari Bewafa Shayari
Dard Bhari Bewafa Shayari
 
आंखों से मेरे अश्को की बरसात होने लगी
जब तेरी बेवफाई मुझे बेइंतहा दर्द देने लगी..!
 
पलकों में आँसू और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वोही जान सकता है, मेरी तन्हाई का आलम,
जिसने ज़िंदगी में, किसी को पाने से पहले खोया हो…
 
तुझे किया कभार के तेरी यादों ने मुझे किस तरह सताया
कभी अकेले में हँसा दिया तो कभी अकेले में रोल दिया
 
जो नजर से गुजर जाया करते हैं;
वो सितारे अक्सर टूट जाया करते हैं;
कुछ लोग दर्द को बयां नहीं होने देते,
बस चुपचाप बिखर जाया करते हैं.
 
शाख़-ए-उरियाँ पर खिला इक फूल इस अंदाज़ से
जिस तरह ताज़ा लहू चमके नई तलवार पर
 
कल रात मेरी आँख से एक आंसू निकल आया,
मैंने उसे पूछा तू बहार क्यों आया,
तो उसने मुझे बताया की,
तुम्हारी आँखों में कोई इतना है समाया,
की चाहकर भी अपनी जगह न बना पाया..
 
अब तेरे मेरे दरमियां है क्या
जो बचा है ये दूरियां है क्या
एक जवाब आज कल हर ज़ुबान पर है
सुन तेरी भी कुछ मजबूरियां है क्या
 
जोड़कर रिश्ता मोहब्बत का किसी से,
उसे तन्हा अकेले छोड़ा नहीं जाता,
कांच से होते है यह दिल के रिश्ते,
इन दिल के रिश्तों को यु ही तोड़ा नहीं जात
 
मेरी रूह में न समाती तो भूल जाता तुम्हे,
तुम इतना पास न आती तो भूल जाता तुम्हे।
यह कहते हुए मेरा ताल्लुक नहीं तुमसे कोई,
आँखों में आंसू न आते तो भूल जाता तुम्हे।
 
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
 
मैंने भी एक सपना देखा था कि मेरी जिंदगी में
भी एक ऐसा व्यक्ति हो जो मुझे मेरी तरह चाहे
लेकिन बाद में पता चला सपने कभी सच नहीं
नही हुआ करते
 
कितना दर्द भरा था उनका मुझे छोड़ के जाना,
सुना भी कुछ नहीं और कहा भी कुछ नहीं,
कुछ इस तरह बरबाद हुए उनकी मोहब्बत में,
लौटा भी कुछ नहीं और बचा भी कुछ नहीं..
 
बंसिरी से सीख ले ए ज़िन्दगी सबक जीने का
कितने छेद है सीने में फिर भी गुनगुनाती रहेती है
 
एक बात मुझको ले आती है गम में
जिससे इश्क है वही नही है मेरे दिल में.!!
 
काश तू भी मेरा दर्द समझ सकती तो आज तुम मुझे
गैरो की तरह अकेला छोड़कर ना जाती हम एक
नदूसरे से कभी अलग ही ना होते ।।
 
जनाब जो इंसान सहना सीख जाता है
वही जमाने में सही मायने में जी पाता है..!
 
उदास नहीं होना मुझे याद कर के,
मांगना चाहता हूं तुझसे कुछ फरियाद कर के,
ज़िन्दगी में मेरी फिर लौट के ना आना,
मै जी नहीं पाऊंगा तुझे बर्बाद कर के.
 
ये बुरा वक़्त जाने कब तक सताएगा
और जाने कितने बुरे दिन बताएगा
ज़िन्दगी से अब मन भर सा गया है
कौन जाने मौत वाला दिन कब आएगा
 

Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari

Hindi Dard Bhari Shayari
 
पास जब तक वो रहे दर्द थमा रहता है,
फैलता जाता है फिर आँख के काजल की तरह।
अँधेरा मिटा कर शहर छोड़ जाऊंगा
एक रोज़ फिर तेरा शहर छोड़ जाऊंगा
Hindi Dard Bhari Shayari
 
फूल शबनम में डूब जाते है,
जख्म मरहम में डूब जाते है,
जब आते है ख़त तेरे,
हम तेरे गम में डूब जाते है.
 
चाह थी हर खुशी नसीब हो;
हर मंज़िल दिल के करीब हो;
वाहा ख़ुदा भी क्या करे;
जहाँ इंसान ही बदनसीब हो.
 
ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं,
हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं,
दिल के दर्द सुनाएं तो किसको,
जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत है.
 
जो पल पल चलती रहे, उसे जिंदगी कहते है,
जो हरपल जलती रहे, उसे रोशनी कहते है।
जो पलपल खिलती रहे, उसे मोहब्बत कहते है,
जो साथ न छोड़े कभी, उसे दोस्ती कहते है।
 
कभी-कभी दिल करता है बैठ कर रोता रहू
इतना रोउ की रोता तोता ही मर जाऊ
 
हम तो समझे थे कि इक ज़ख़्म है भर जाएगा
क्या ख़बर थी कि रग-ए-जाँ में उतर जाएगा
 
मिन्नत-ए-चारा-साज़ कौन करे
दर्द जब जाँ-नवाज़ हो जाए
 

 Dard Bhari Bewafa Shayari

सुनो,
कभी इंतेजार किया है क्या मेरी तरह,
कहो कभी प्यार किया है तुमने मेरी तरह,
कभी तड़प कर देखना की मोहब्बत किसे कहते है।
 
बेताब हम भी थे दर्द जुदाई की कसम
रोता वो भी होगा नज़रें चुरा चुरा कर
 
न जाने क्यों हमें आँसू बहाना नहीं आता,
न जाने क्यों हाल-ऐ-दिल बताना नहीं आता,
क्यों सब दोस्त बिछड़ गए हमसे,
शायद हमें ही साथ निभाना नहीं आता..
 
सुना भी कुछ नही,
कहा भी कुछ नही।
पर ऐसे बिखरे हैं,
जिंदगी की कश्मकश में।
कि टूटा भी कुछ नही,
और बचा भी कुछ नही।
 
लगता था अब खुशी की लहर होगी, लेकिन
अब तो मरने के बाद ही चैन की साँस मिलेगी
 
तुम बिन ज़िंदगी सूनी सी लगती है,
हर पल अधूरी सी लगती है,
अब तो इन साँसों को अपनी साँसों से जोड़ दे,
क्योंकि अब यह ज़िंदगी कुछ पल की मेहमान सी लगती है।
 
तुझे पाने की कोशिश की बहुत मैने,
लेकिन शायद मेरी कोशिश में कमी रह गई,
वो कहते थे तुमको कभी दुख ना देंगे,
उनके नाम की मेरी आंखो में नमी रह गई.
 
मोहब्बत वो हसीं गुनाह है जो मैंने तुझसे ख़ुशी से किया है
पर मोहब्बत में इंतज़ार वो सजा है सिर्फ इंतज़ार सिर्फ इंतज़ार सिर्फ इंतज़ार किया है
 
कुछ पूरे हुए खाब कुछ अधूरे हुए हैं
हम उनसे बिछड़कर भी जुड़े हुए हैं
मोहब्बत की हमें भी सज़ा मिली है
हम वफ़ा करके भी बुरे हुए हैं
 
अब तुमसे मिलने की आस नही रखते तेरी धोखे
वाली मोहब्बत का अब अहसास नहीं रखते ये ज़िंदगी
गवाह हैं बाँट दी ये खुशियां सारी इस जहाँ में अब
हम अपने पास नही रखते।
अगर मैं लिखूं तो पूरी किताब लिख दूँ,
तेरे दिए हर दर्द का हिसाब लिख दूँ।
डरता हूँ कहीं तू बदनाम ना हो जाए,
वरना तेरे हर दर्द की कहानी में मेरा हर ख्वाब लिख दूँ।
 
तड़प रही है हर एक तमन्ना न तुमसे मिलते न ऐसा होता
भुजी भुजी सी है दिल कीदुनिया न तुम से मिलते न ऐसा होता
 
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है…
अपना बनाकर फिर कुछ दिन में,
बेगाना बना दिया।
भर गया दिल हमसे तो मजबूरी,
का बहाना बना दिया।
 
ए खुदा किया चीज़ मोहब्बत तू ने बनाई है,
किसी को यह मिल जाती है और कोई सहता उम्र भर की तन्हाई है,
साथ चानले के खवाब देखते हैं जो लोग मोहब्बत मैं,
कोई पा लेता है अपनी मंजिल को और कोई सहता उम्र भर की जुदाई है..
 
हँसते हुए ज़ख्मों को भुलाने लगे हैं हम;
हर दर्द के निशान मिटाने लगे हैं हम;
अब और कोई ज़ुल्म सताएगा क्या भला;
ज़ुल्मों सितम को अब तो सताने लगे हैं हम.
 
मोहब्बत भी क्या चीज़ होती है,
जीत में भी अजीब हार होती है,
अपनों पे किया था भरोसा,
गैरों ने दिया दिलासा,
अपनों से ही खाया है जख्म,
गैरों ने लगाया मरहम,
ये प्यार मोअब्बत ये क्या चीज़ है,
इससे अच्छी तो हमारी ज़िन्दगी की हार है..
 
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