Kadar Shayari– हेलो दोस्त नमस्कार, एक बार फिर स्वागत करते हैं हम आपका आपकी अपनी वेबसाइट Motivationalquoteshindi.com पर, इस आर्टिकल में बेहतरीन कदर शायरी स्टेटस कोट्स इमेज आदि दिए हुए हैं. इन्हें जरूर पढ़े. आजकल इस इस दुनिया में किसी को किसी की कदर नहीं है और अगर आपकी कोई कदर करता है तो आप बहुत ही ज्यादा खुशनसीब है।
जब कोई इंसान किसी को प्यार, सम्मान, सत्कार, सेवा आदि देता है तो उसे कद्र या कदर करना कहते है. अगर आप किसी की कदर करेंगे तो वह आप की कदर करेगा. कुछ रिश्तों को छोड़ दिया जाएँ और कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाएँ. तो इंसान अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए ही वह दुसरे की कदर करता है. अपने ज्यादा अमीर, ताकतवर और बुद्धिमान लोगो की लोग कदर करते है.
इस पोस्ट में दिए बेहतरीन कदर शायरी का आनन्द ले. किसी ने सही बोला है कि अगर आप किसी व्यक्ति की कदर करते हैं तो वह व्यक्ति खुद-ब-खुद आपकी कदर करने लगेगा। यह सत्य है कि यह दुनिया लेन-देन पर चलती है। यह प्रकृति भी इंसान को बहुत कुछ देती है. इसलिए सबको इस प्रकृति की कदर करनी चाहिए. प्रदूषण कम से कम करना चाहिए. ढेर सारे पेड़ लगाने चाहिए. पेड़ों को कटने से बचाना चाहिए. क्योंकि पर्यावरण जितना स्वच्छ और स्वस्थ्य रहेगा.
उतना ही आप स्वस्थ्य रहेंगे. इसलिए ये Kadar Shayari हमें सिखाते हैं कि समय रहते अपने प्यार और रिश्तो की कद्र करिए और उन सब की आपके जीवन में क्या अहमियत है ये Kadar Karo Shayari, Kadar Quotes In Hindi, Kadar Shayari In Hindi के द्वारा उन्हें बताइए
Kadar Shayari
‘प्यार” उसी से करो जो,प्यार की कदर जानता हो,उससे नही_जो हर किसी से,दिल लगाना जानता हो।
इस कदर_उसका चेहरा बस गया है मेरी आँखों मेंकि अब हर ‘सूरत’ में बस वो हीं नजर आता है.
हाथों की #लकीरों के…फरेब में मत आना…,ज्योतिषों की ‘दूकान’ पर मुक्कदर नहीं बिकते…!
Kadar Quotes In Hindi |
मिलती हैं #नजरें तुझसे तो इस_कदर खो जाते हैं,जैसे बच्चे भरे #बाज़ार में खो जाते हैं।
वक्त ”बीत” जाने के बाद कदर की जाए,
तो वो #कदर नहीं अफ़सोस कहलाता है।
एक “मज़बूत” रिश्ते के टूटने पर ”हैरान” हो इस कदर,तुमने लोहे को कभी_जंग लगते नहीं देखा…?
#इश्क़ में किसी की याद इस_कदर ना सतायें,आशिक बेइंतहा प्यार करके #बर्बाद हो जायें.
Kadar Shayari In Hindi |
बोहत #तकलीफ होती है,जब ‘मतलब’ ना होने परकदर कम हो जाती है|
आज ”कल” किसी को किसी की कदर नहीं हैसब झूठे “प्यार” का करते है दिखावा,जब चला जाता है #इंसान दूर उनसेतो बाद मे करते है वो पश्तावा |
मैं #कितनी दूर जा सकता हूं?वह मुझ पर “शोध” कर रहे हैं
जिसके ”पास” तुम्हारे लिए वक़्त नहीं….तुम भी उसके लिए अपना #वक़्त जाया ना करो तो ‘बेहतर’ होगा….
Kadar Karo Shayari |
जो ‘खो’ दिया है उसका रोना तो लोग #जिंदगीभर रोते रहते हैं ,फ़िर जो है पास #बेहद कीमती उसकी कभी_कद्र तक नहीं करते..!!!
कैसे भूल_जाऊँ मैं उसको,जो चाहता है इस ‘कदर’हथेली की मेहंदी में लिखा हैउसने मेरा_नाम छिपाकर.
‘काम’ करने वालों कीकद्र_करो,कान भरने वालों की नहीं.
#सराहना करने वाले के लिए ‘महत्वहीन’लोग केवल_मिलते क्यों हैं ।
वे ‘जल्दी’ ही चले जाएंगे और आपसे चोरी करेंगेसमय आपको #सिखाएगा कि मूल्य क्या है।
जैसे फिर_कभी होना ही नहीं,दर्द जब भी हुआ इस #कदर हुआ…!
#टूटा हु इस कदरअब कुछ भी न_हो रहा असर,तुझे कुछ भी न हैं खबरतेरे लिए_हम हैं एक हमसफ़र।
जिस ”दिन’ मेरे #मौत आएगी,उस दिन तुझे ज़रूरमेरी कदर_समझ आएगी।
अगर मेरे #जज्बातों कीतुझे कोई कदर नहीं,तो तेरे भी_हालातों कीमुझे कोई फिकर नहीं।
”ज़िन्दगी” का यह सफर कुछ इस कदर #सुहाना होना चाहिएसितम भले हो हज़ार फिर भी “अंदाज़” शायराना होना चाहिए
कुछ #लोग देर से मिलते हैं,पर हमेशा साथ-चलने वाले होते हैं ,बेकदर ही नहीं हैं इस ‘दुनिया’ में ,कुछ #कदर करने वाले भी होते है ।
फूल में #खुशबू सी, फ़क़त ”ऐसे” ही तू मुझमें रहे,मेरी कदर रहे तब_तक, जब तक तू मुझमे रहे,
वो इस #कदर हमसे रूठ गयेउसके बाद हमे ”मनाना” भी नही आया !
अंधेरे में #पड़ती है कद्र ‘जुगनुओं’ कीउजाले में जुगनुओं की #औकात ही क्या है
#कदर होती उन्हे तो लौट आते ,मुझे यू तन्हा_छोड़ कर ना जाते !!
#मुश्किल नहीं इस कदर यूँ तो, ये बयाँ ‘जज़्बात’ काये लफ्ज़ आ बीच में क्यों, #दुश्वारियाँ रख देते हैं.
उस वक़्त #समझोगे शायद तुम मेरी क़द्र ,जब मैं नहीं रहूँगी, रह जाएगी मेरी_क़ब्र ।।
अपने #आपको जो बहुत क़ीमती समझ लेते हैं,उन्हें इस ”गलती” की बहुत भारी क़ीमत #चुकानी पड़ती है।
कदर #किरदार की होती है,वरना कद में तो साया भी #इंसान से बड़ा होता है।
लोग उस ”वक़्त” हमारी कदर नहीं करते जब हम_अकेले हों;बल्कि लोग उस वक़्त हमारी_कदर करते हैं जब वो अकेले हों।
बात #छुपती नहीं छुपाने सेदर्द होता है “मुस्कुराने” सेकैसे कह दूँ की कोई फर्क नहीं पड़ता मुझेइस कदर_तेरे रूठ जाने से
अक्सर उन्हें आपकी_कदर नहीं होती,जिन्हे आपके प्यार की जरा भी #कद्र नहीं होती।
वो ”मेरी” न थी, इस बात की मुझे #खबर न थी,मैं पूरा उसका था, इस_बात की उसे कदर न थी.
वक़्त रहते ”कद्र” कर लो अपने चाहने वालों की वरना जब वक़्त_बताएगा उनकी कद्र के बारे में तब वो तुम्हे #चाहना छोड़ देंगे।
वह रिश्ता टूट जाता है जहाँ_दोनों लोग एक दूसरे की कद्र करने की बजाय अपनी अपनी कद्र पर ”ध्यान” देने लगते हैं।
जो लोग मोहब्बत की कदर_करते हैं,अक्सर #मोहब्बत उन्हें रुला देती है।
ज़माना चाहे_बेकद्री करे तुम्हारी पर तुम अपनी नज़रों में अपनी #कद्र करना कभी मत छोड़ना।
जो लोग #मोहब्बत की कदर करते हैंअक्सर मोहब्बत_उन्हें रुला देती है
वो मेरी ”नहीं” थी इस बात कीमुझको खबर #तक ना थी,मैं पूरा उसका था इस बात कीउसको ‘कदर’ तक ना थी।
वो #इंसान कभी आपकी ‘कदर’ नहीं करेगाजिसके आगे_आप हमेशा झुकोगे
किस कदर #नादिम हुआ हूँ मैं बुरा_कहकर उसे,क्या खबर थी #जाते-जाते वो दुआ दे जायेगा।
पहले ”मेहमान” घर आते थे तो कदर होती थी,अब मेहमान घर आते है तो #गदर होती है.
उगते ‘सूरज’ को सलाम करता है ये शहर,लगड़े घोड़े की यहाँ कोई नही #कदर.
#शिकायतें कितनी भी हो उन्हें ‘दिल’ में नही रखनी चाहिए,माँ-बाप की #सेवा और कदर पूरी जिन्दगी_करनी चाहिए.
माना तेरी #नजरों में मेरे प्यार की कदर_कुछ भी नही,तेरे खातिर मैंने हुश्न की #मलिका को पलट कर देखा नही.
उसको ”हमारी” कदर नहीं औरकितना हमको तड़पाओगेअगर ऐसा ही_चलता रहातो एक दिन हमें भी अपने हाथो से गवाओगे |
कहा से होगी ”कदर” हमारी, इतनी आसानी से जो मिले है।
इतनी #मोहब्बत है करते उससेक्यों कदर नहीं मेरे सच्चे_प्यार की,दिल को लगती है इतनी चोटजब वो ”हमसे” कहती हैक्यों करते हो बाते ये #बेकार की |
Kadar Quotes In Hindi
#मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से इस_कदरकि ना ‘खुद’ से मिल पा रहा हूँ ना #मंजिल से।
खुद में ”तूफ़ान” को संभाल कर बैठे है, और हमसे कहते है ,थोड़ी सी #हिम्मत दे दो.
जब कोई_खास, किसी की जिंदगी से ”दूर” चला जाता हैतो वो शख्स, दूसरों की कदर_करना सीख जाता है ।
#परख से परे हैशख्सियत मेरी,मैं उन्हीं के_लिए हूँ,जो समझे #कदर मेरी।
शिकायतें ‘कितनी’ भी हो उन्हें दिल में नही रखनी चाहिए, #माँ-बाप की सेवा और कदर पूरी जिन्दगी_करनी चाहिए।
जो ”सफल” और काबिल है उसी की कदर है,इंसान का चेहरा_याद नही आता, इतना बड़ा शहर है.
जिस #कदर उसकी कदर की,उस कदर ‘बेकदर’ हुए हम।
कदर_वही करता हैजिसको #जरुरत होती है,बिना जरुरत के तोकोई #याद भी नही करता।
जिसे #कदर होती है वो छोड़_कर जाते नही,छोड़ कर जाने #वाले कभी लौट कर आते नही.
किसी के #यादों में अपनी रातों को इस कदर ”बर्बाद” मत कर,अगर कोई प्यार ना करे तो_तू किसी और को प्यार कर
एक ”छोटी” सी गलती पर तू मुझे छोड़ गया ,जैसे तू #सदियों से मेरी गलती की तलाश में था.
ठोकर ‘ना’ लगा मुझे #पत्थर नही हूँ मैं,हैरत से ना देख_कोई मंज़र नही हूँ मैं,उनकी नज़र में मेरी ‘कदर’ कुछ भी नही,मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं।
कुछ इस कदर_तेज हो गई है #रफ्तार जिंदगी कीकि अब किसी को किसी की फ़िक्र हीं नहीकिसी को #किसी की कदर हीं नहीं ।
अगर आप ”चाहते” है कि आप के बच्चे कदर करे,तो अपने बच्चों के “जीवन” में संस्कार को भरे.
#कदर करना सीखो उस प्यार कीजो बिना #मतलब के चाहत रखते है,दुनिया में ऐसे लोग कम मिलते है जोप्यार का “इजहार” खुलेआम करते हैं ।
कुछ खत आज भी #डाकघर से लौट आये, ‘डाकिया’ बोला जज्बातों का कोई पता नहीं होता।
पता नहीं की आज_कल लोग क्यों किसीके जज़्बातो की “कदर” नहीं करते, कितने पत्थर हैये लोग अगर कोई इतना कर रहा, उसकी भावनाओको ठेस पहुंचाने का बिलकुल_ख्याल नहीं करते |
कदर न ”करने” वालों के लिए मैं अपनी #आंखें नहीं रुलाती,अब खुश ना सही मैं, पर तुम्हारी_वजह से अपना दिल नहीं दुखाती।
”सोचते” हैं, सीख लें हम भीबेरुखी करना_सब से,सबको मोहब्बत देते-देतेहमने अपनी ‘कदर’ खो दी है ।
Insan Ki Kadar Shayari |
रिश्ते “तोड़ने” तो नहीं चाहिए लेकिन जहाँ कदर न हो वहां #निभाने भी नहीं चाहिए।
जिसके पास तुम्हारे लिए-वक्त नहीं, तुम भी उसके लिए अपना #वक्त जाया ना करो तो बेहतर होगा।
न थी जिसको मेरे_प्यार की कदर,#इत्तेफ़ाक से उसी को चाह रहा था मैं,उसी दीये ने जलाया मेरे हाथ को,जिस को ”हवा” से बचा रहा था मैं।
जो #कदर करे आपकी, बस उसी के सामने सिर ”झुकाइए”जहाँ कदर ना हो, वहाँ तो बस #औपचारिकता निभाइए.
कुछ इस कदर_तेज हो गई है रफ्तार जिंदगी कीकि अब किसी को किसी की ”फ़िक्र” हीं नहींकिसी को किसी की #कदर हीं नहीं.
जो लोग #एक-दूसरे की कदर नहीं कर सकते हैं,वे लोग #एक-दूसरे से प्यार भी नहीं कर सकते हैं ।
जिस ‘घर’ में आपकी 3कदर न होती हो,वहाँ नहीं जाना चाहिए औरअगर जाना “मजबूरी” हो, तोमहज ‘औपचारिकता’ निभानी चाहिए ।
कदर ”करलो” उनकी जो तुमसे बिना #मतलब की चाहत करते हैदुनिया में ख्याल_रखने वाले कम और ‘तकलीफ’ देने वाले ज्यादा होते है
जिसकी जिसे ‘कदर’ है, उसके लिए उस व्यक्ति के पास #समय होता हीं है. अर्थात अगर किसी के पास आपके लिए #समय नहीं है, तो उस व्यक्ति को आपकी कदर नहीं है.
ऐ बेवफा तेरी “बेवफ़ाई” में दिल बेकरार ना करूँ,अगर तू कह दे तो तेरा ‘इंतेज़ार’ ही ना करूँ,तू बेवफा है तो कुछ इस कदर बेवफ़ाई कर,कि तेरे बाद मैं #किसी से प्यार ही ना करूँ।
वक्त रहते ”वक्त” की कदर करना सीख गये, तो तुम बहुत_कुछ पाओगेवरना बहुत कुछ खोओगे, और बहुत_कुछ अपने हाथों से गँवाओगे.
एक दिल है और #तूफ़ान-ए-हवादिस ऐ ज़िगर
एक ‘शीशा’ है कि हर पत्थर से टकराता हूँ मैं
जो अपने #माँ-बाप की कदर करते है,दुनिया उनकी-कदर करती है.
मेरी जिंदगी की ”कहानी” भी बड़ी मशहूर हुई,जब मैं भी किसी के ग़म में चूर हुई,मुझे इस #दर्द के साथ जीना पड़ा,कुछ इस कदर मैं ‘वक़्त’ के हाथों मजबूर हुई।
अपनो से #रिश्ता कभी नही तोड़ना चाहिए,पर कदर ना हो तो “निभाना” भी नही चाहिए.
कहा था ‘ना’ एक दिन वो धोखा दे देंगे।एक दिन अपना असली #रंग दिखा देंगे।।क्यों करते हो #मजबूर किसीको बात करने के लिए,जिसे कदर होगी वो खुद ही ‘याद’ कर लेंगे।।
कदर_करो उसकी जो तुम्हे #दिल से चाहता है,हसीन चेहरे पर तो हर_जवाँ दिल फ़िदा होता है.
जो अपनी #परिश्रम से गदर करते है,दुनिया वाले उन्हीं की ”कदर” करते है.
किसी की #खातिर मोहब्बत की ‘इन्तेहाँ’ कर दो,लेकिन इतना भी नहीं कि उसको_खुदा कर दो,मत चाहो किसी को ‘टूट’ कर इस कदर इतना,कि अपनी वफाओं से उसको #बेवफा कर दो।
प्यार_उसी से करो जो,प्यार की #कदर जानता हो,उससे नही जो हर किसी से,‘दिल’ लगाना जानता हो।
ये ‘जिंदगी’ है दोस्त !!!यहाँ कब्र और कद्र –जिन्दा “लोगो” को नहीं मिलती !!!
जो इंसान-विनम्र होता है वो सबकी ”कदर” करता है,और जो ‘अहंकार’ से भरा हुआ होता है वो ना तो किसीकी कदर करता है और ना कोई उसकी #कदर करता है.
तोड़ेंगे गुरूर ”इश्क” का और इस कदर सुधर जायेंगे,खड़ी रहेगी #मोहब्बत और हम सामने से #गुजर जायेंगे.
क्या कहे_कुछ कहा नही जाता,दर्द मीठा है पर ‘रहा’ नही जाता,दोस्ती हो गई इस #कदर आपसे,#बिना याद किये बिना रहा नहीं जाता।
तुझे देखकर #अचानक बेजान हो गई,तेरी आशिक नजर पे ”कुर्बान” हो गई,तुमको लबों से कुछ_कह भी न सकीइस कदर मैं #दिल से परेशान हो गई.
कदर और ”वक्त” भी कमाल के होते हैंजिसकी कदर करो वो #वक्त नहीं देताऔर जिसको #वक्त दो, वो कदर नहीं करता ।
गरीब हो या ”अमीर” सबकी कदर करते है,इंसानियत को हम अपनी ”नजर” में रखते है.
केवल मूर्ख #वक़्त की कदर नही करते है, शायद उन्हें_पता ही नही, #वक़्त ही जीवन है
वो ‘मुझे’ इस कदर जरूरी है ,घण्टियाँ जैसे #मंदिरों के लिए!
कदर_कर लो उनकी;जो तुमसे;बिना #मतलब की चाहत रखते हैं ।दुनिया में #ख्याल रखने वाले कम;और ‘तकलीफ’ देने वाले ज्यादा होते हैं ।
फ़िक्र वो_किया करते है,जो हकीकत में ‘कदर’ किया करते है।
इस क़दर #कड़वाहट आईंउसकी बात में,कि आखरी_खत भी#दीमक से न खाया गया।
जो अपनी #परिश्रम से गदर करते है, दुनिया वाले उन्हीं की #कदर करते है।
#जिन्दगी की हर सुबह कुछ ‘शर्ते’ लेके आती है,और जिन्दगी की ‘हर’ शाम कुछ तर्जुबे देके जाती है,ठोकर ना लगा मुझे #पत्थर नही हूँ मैं,हैरत से ना देख कोई मंज़र नही हूँ मैं,उनकी नज़र में मेरी #कदर कुछ भी नही,#मगर उनसे पूछो जिन्हें हासिल नही हूँ मैं..
तुझे ”कद्र” नहीं थी मेरे अल्फाज की, न ही ”फिक्र” थी मेरे जज्बात की, हम फिर भी तुझे #बेपनाह चाहते, अगर बात न आती औकात की।
अगर ‘आप’ चाहते है कि आप के #बच्चे कदर करे,तो अपने बच्चों के “जीवन” में संस्कार को भरे.
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