Soch Shayari: दोस्तों आज जो हमने शायरी अपने ब्लॉग पर पोस्ट की है। Achi Soch Shayari जिनको पढ़ कर आपको अच्छा लगेगा, अच्छी सोच का मतलब यह है कि दूसरों के बारे में आपकी क्या राय है आप दूसरों को किस प्रकार से देखते हैं।
अच्छी_सोच को दूसरों के साथ शेयर करना भी एक अच्छी सोच और अच्छा इंसान बनने की खूबियां हैं। इसलिए “दोस्तों” हमारे द्वारा यहाँ बहुत सी Soch Par Shayari कोट्स और sms का विशाल संग्रह बनाया गया है। आप हमारी शायरी इमेजेज को अपने Status और Wallpapers में भी लगा सकते है,
Soch Shayari
#तसल्ली से पढ़ा होतातो “समझ” में आ जाते हमकुछ पन्ने बिन_पढ़े ही#पलट दिए होंगे तुमने
Galat Soch Shayari |
#मुश्किलों को हराया जा सकता है, लेकिन केवल_कर्म के बल पर. ना कि खोखले #प्लान बनाकर.
अच्छी_सोच ही तुम्हे #बड़ा बनाती हैखड़ा कर तुम्हे अपने_पैरों परअपने #सपनो के मुक़ाम तक_पहुंचती है।
अच्छी_सोच दिखाई नहीं जातीऔरबुरी सोच_छिपाई नहीं जाती
Soch Par Shayari |
दिन पर ‘दिन’ गिरते जा रहे_शब्दों के दाम,#सोच रहा हूँ शुरू करूँ कोई दूसरा_काम।
ये #दरिया-ए-इश्क है कदम जरा_सोच के रखना,इस में उतर कर_किसी को किनारा नहीं मिला।
#इश्क़ और मेरी ‘बनती’ नहीं, वो गुलामीचाहता है और मै #बचपन से आज़ाद
अच्छी_सोच ही तुम्हे बड़ा बनाती हैखड़ा कर तुम्हे अपने_पैरों परअपने #सपनो के मुक़ाम तक पहुंचती है।
Gehri Soch Shayari |
जैंसे बिन “पंछी” के घोंसला अधूरा सा लगता है ‘वैंसे’ ही अगर दिल में दया न हो तो “सोने” का दिल भी छोटा सा लगता है
#ताल्लुक़ात बढ़ाने हैं तोकुछ आदतें_बुरी भी सीख लोऐब ना होलोग “महफ़िलों” में नहीं बुलाते
#लहरों को साहिल की ‘दरकार’ नही होती,हौसलें बुलंद हो तो कोई #दीवार नही होती,जलते हुए #चिराग ने आँधियों से ये कहाउजाला देने वालों की कभी_हार नही होती.
अच्छी_सोच अच्छा जीवन जीने कीपहली_सीढ़ी है।
अपने_लहज़े पे गोर कर के बतालफ्ज़ ‘कितने’ हैं औरतीर कितने हैं
कभी-कभी #थक जाइये जब जीवन की #भागदौड़ से तो खुद के लिए भी कुछ_वक्त निकाल लीजिये.
इस_शहर में न जाने कैसे कैसे लोग_मिलते है,#दीवार पर लिखना मना है, यह_दिवार पर लिखकर कहते है।
एक नई #सोच की दरकार हमेशा सबको रहती है. क्योंकि पुराने #सोच के साथ नये ‘नतीजे’ नहीं मिलते हैं.
अच्छे_किरदार और अच्छी सोच वाले लोग #हंमेशा याद रहते है…दिलों में भी, लफ्जो में भी और ”दुआओं” में…
#माना की पहुंच हमारी अब “मंगल” तक हैं,सोच हमारी_आज भी उसी #जंगल तक हैं।
गलत_सोच वाले जीते तो है मगरजिंदगी असल में क्या है वो #जानते नहींअंत_बुरा होता है इस सोच का पता हैमगर फिर भी वो इस ‘पते’ को पहचानते नहीं
#आज की आपकी अच्छी_सोचआने वाले आपके उस “कल” को और बेहतर बनाती है
इंसान_खराब नहीं होता यारों,सोच उसे खराब_बना देती है,अच्छे_लोगों की अच्छी सोच हीउन्हें जहाँ में #अमर बना देती है।
#हस्ती तो यहाँ हैं बडी-बडी,पर “बस्ती” तो है छोटी,लोग तो यहाँ है #बड़े_बड़े,पर #सोच तो उनकी है छोटी।
Achi Soch Shayari
वोह #प्यार ही है जो तुम्हे खोने से डरता है,जो तुम्हे खोने से भी न डरे वो #प्यार केसा।
जब_तक हम ये जान पाते हैंकि “ज़िन्दगी” क्या हैतब तक ये #आधीख़तम हो चुकी होती है.
#चिराग गमों का ‘दिल’ पर लिएना जाने कब से ‘भटक’ रहे हैगलत_इरादों के हम मारेअपनी ही सोच में #खटक रहे है।
#बुलंदियों को छूना है अगरतो बुलंद “इरादों” को जीवन से जोड़लोमंजिल_बगैर समय लगाए आपके #पास चली आएगी।
सोच_समझ कर रूठियेगा जनाब…मनाने का “रिवाज़” अब बचा कहा है ज़माने मै !!
इतनी_बदसलूकी ना करऐ जिंदगीहम_कौन सा यहाँबार_बार आने वाले हैं
Achi Soch Shayari |
सोच का #दायरा ही तो दूरियां बढ़ाता है….दिलो में दरारें यूं ही नहीं_पड़ा करतीं।।
किसी को ऐसे #ख्वाब न दिखाओ,जो आप_पूरा न कर सको,किसी को अपने_साथ न जोड़ो,अगर_उसका साथ आप ज़िन्दगी भर न दे सको,खुदपे अगर #भरोसा नहीं तो किसी को भरोसा दे केउसका आत्म ‘विश्वास’ मत तोड़ो।
बस “सोच” का ही तो फर्क हैकिसी के लिए ये ज़मीन_स्वर्ग के समानतो किसी के लिए ‘नरक’ है
जब मुझे #यकीन हैं कि खुदा मेरे_साथ हैं,तो इस से कोई_फ़र्क नही पड़ता कौन मेरे_खिलाफ हैं..
#शब्द तो जरिया है बाकी सब तो खुद की ‘सोच’ का नज़रिया है।
गौर करनाहता_हत बड़ी थी #दिल में उनके ‘करीब’ जाने कीमगर_रोक लिया उनके #घटिया गलत इरादों नेनहीं तो “तमन्ना” बहोत थी उनको अपना_बनाने की
बना लेते है #खुद ही कहानियाँ,बन्दे ! #असलियत को थोड़ी जगह दे ।“ख्यालों” का क्या है वो तो,रस्सी को भी ‘सांप’ बता दे ।।
हैवान_बनकर बुरा ‘सोचने’ की बजायइंसान बनकर_अच्छा सोचना हीजीवन जीने का प्रथम और #आखिरी उदेश्य है।
उनका “इल्जाम” लगाने का अंदाज़ ही,कुछ #गजब का था, हमने खुदअपने ही ‘खिलाफ’ गवाही दे दी |
लोग ‘छोटी’ सी सोच की #वज़ह से बड़े नही हो पाए,और हम आज भी बड़ी #सोच की वज़ह से छोटे हैं।
#उत्साह के बिना कुछ भी ‘सम्भव’ नहीं है चाहे आप कितने हीं #सामर्थ्यवान क्यों ना हों.
‘इज़्ज़त’ तो अब “नफरत” करने पर मिलती है#मोहब्बत में लोग_कपडे उतार देते है
तुम #सोच भी नहीं सकतेहम कितना ”सोचते” है तुम्हें
रह_ना पाओगे, कभी #भुला कर देख लोयकीन नहीं आता, तो “आजमां” कर देख लो.हर जगह #महसूस होगी कमी हमारी.अपनी महफिल को कितना भी ”सजा” कर देख लो..
#सोचती हूँ छोड़ दूँ सोचना…और “डूब” जाती हूँ इसी सोच में…!!
मुझे_छाओ रखाखुद जलता रहा_धुप मेंमैंने_देखा एक फरिस्तामेरे पिता के ”रूप” में !
#लोगों की सोच पर मै कुछ यूँ #तमाचा जड़ देता हूँ,वे नफरत_करते है जिससे मै उसी से “इश्क” कर लेता हूँ।
वोह “आँखे” ही है जो सच_बयां करती है,#जबान को तो झूट_बोलने की आदत सी है।
#शुक्र करों इस खुदा का जिसने #हर किसी की सोच बुरी नहीं_बनाईवरना यहां हर दिल_पत्थर होता और हर इंसान हैवान
आज_कल की सोच ना जाने किस #किस्म की है,ये जो #इश्कबाज़ है ना बस ‘जिस्म’ की है।
अच्छी_सोच लिए परिंदा ऊंचे_गगन तक जाता हैसोच डुबाई गर #परिंदा ओंदे मुँह धरती को आता है।
क्यूँ पत्थर _बनकर मेरी राह में खड़े होजो हुआ सो हुआ हमारे #दरमियानअभी भी क्यूँ_तुम अपनी ज़िद्द पर अड़े हो।
जब #दरवाजा खोलने गये तो “चेहरे” पर हसी थी,दरवाजा #खोला तो आँखों में आँसू #दिल में बेबसी थी,ज्यादा…
छोटी सोच #इन्सान के व्यक्तित्व को भी ‘छोटा’ बना देती है.
मैंने दो_तरह के लोगो से‘धोखा’ खाया हैएक जो_मेरे अपने थे औरदूसरे वो जो मेरे #बहुतअपने थे !
#मनो या ना मनो मगर अच्छी_सोच और अच्छे विचार आपके “जीवन” का वो उद्देश्य है जो आपको सफलता की #दौड़ में सबसे आगे रखते है।
कोई_फर्क नहीं पड़ता किआपका अतीत_कितना मुश्किल#भरा रहा है आप हमेशानई “शुरुआत” कर सकते हैं
हम_इसलिए तुमसे ‘मोहब्बत’ करते हैंकि हमारा_तो कोई नहीं, तुम्हारा तो कोई हो
कहीं मतलबी “सोच” है,तो कहीं ईर्ष्यालु “सोच” है |कहीं प्यार भरी “सोच” है ,तो कहीं झगड़ालू “सोच” है ||
#बेवजह हम वजह ढूंढ़ते हैं तेरे_पास आने को,ये दिल #बेकरार है तुझे ‘धड़कन’ में बसाने को,बुझती नहीं है #प्यास मेरे इस प्यासे दिल की,न जाने कब मिलेगा सुकून तेरे इस_दीवाने को।
Soch Shayari |
#सोच रहा हूं भर दू मैअपने दिल के #खालीपन को,या तन्हा रहना बेहतर है,समझा_लू अपने मन को।
तू मत_देख कोई शख्स ‘गुनाहगार’ है कितनाबस यह देख, तेरे साथ_वफादार है कितना
कुछ_सीखने के लिये पीछे मुड कर देखो#जिन्दगी जीने के लिये_सामने देखोआगे बढ जाओ_ठहरा हुआ पानी बदबू फैलाता हैरूका हुआ इंसान_खत्म हो जाता है
होठों पर #मोहब्बत के फ़साने नहीं आते,साहिल पर समंदर के #खजाने नहीं आते,पलकें भी “चमक” उठती हैं सोते हुए हमारी,आँखों को अभी ‘ख्वाब’ छुपाने नहीं आते।
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